नई दिल्ली : देश की अदालतों में लंबित केस की तादाद बढ़ती जा रही है. इस कारण अदालत में पेंडिंग पड़े केसों के कारण न्याय में देरी की चर्चा अक्सर होती है. ऐसे हालात में मुंबई हाईकोर्ट के जस्टिस संभाजी शिवाजी शिंदे (Justice SS Shinde) ने गुरुवार को इतिहास रच दिया . गुरुवार को उनकी बेंच लगातार साढ़े नौ घंटे तक बैठी रही. इस दौरान उन्होंने 190 से अधिक मामलों की सुनवाई की. उनकी इस उपलब्धि पर केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट कर जस्टिस एस एस शिंदे (Justice SS Shinde) के अदालती कार्रवाई के बारे में जानकारी दी.
केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि बंबई हाई कोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे (Justice SS Shinde) ने गुरुवार को 190 से अधिक मामलों की सुनवाई की. जस्टिस सुबह 10.30 बजे से रात 8 बजे तक बेंच पर बैठे रहे . इससे पहले मई 2018 में बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस शाहरुख जे कथावाला सबसे अधिक समय तक मामलों की सुनवाई की थी. तब जस्टिस शाहरुख जे कथावाला ने सुबह 10 बजे से अगले दिन सुबह साढ़े 3 बजे तक मामलों की सुनवाई की थी. तब जस्टिस कथावाला ने 100 से अधिक मामलों को निपटाया था.
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I'm very happy to learn that Justice SS Shinde of Bombay High Court had heard over 190 cases yesterday. He sat in the bench from 10.30 am to 8 pm !#BombayHighCourt pic.twitter.com/GGPTe5fGh3
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बॉम्बे हाईकोर्ट में वरिष्ठता क्रम में तीसरे नंबर के न्यायाधीश संभाजी शिवाजी शिंदे जल्द ही राजस्थान हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस (Rajasthan High Court new Chief Justice) होंगे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उनकी नाम की सिफारिश कर चुका है. जस्टिस संभाजी शिवाजी शिंदे का जन्म 2 अगस्त 1960 को हुआ था, उन्होंने मराठावाड़ा विश्वविद्यालय औरंगाबाद से लॉ की पढ़ाई की है. बाद में पुणे और इंग्लैंड के वारविक विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री हासिल की. औरंगाबाद के मराठवाडा विश्वविद्यालय को अब डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय कहा जाता है. एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद नवंबर 1989 से बतौर अधिवक्ता बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत शुरू की. वहीं बाद में उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने अतिरिक्त लोक अभियोजक के तौर पर नियुक्त किया.
महाराष्ट्र सरकार ने 29 अक्टूबर, 1997 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट नियुक्त किया. वहीं 16 मई, 2002 को उन्हें प्रभारी गवर्नमेंट एडवोकेट नियुक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया. इसके बाद उन्हें 17 मार्च, 2008 को बॉम्बे हाईकोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया और बाद में स्थाई जज नियुक्त किया गया.
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