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World Unani Day : रिजिजू ने यूनानी चिकित्सा प्रणाली की अनदेखी के लिए कांग्रेस को ठहराया दोषी - केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री किरेन रिजिजू

केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री किरेन रिजिजू (kiren Rijiju) ने यूनानी चिकित्सा पद्धति की अनदेखी के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा. विश्व यूनानी दिवस (World Unani Day) पर आयोजित कार्यक्रम में रिजिजू ने कहा कि 2014 से पहले की सरकारों ने इसके लिए पर्याप्त बजट जारी नहीं किया.

Union Law and Ayush Minister
केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री किरेन रिजिजू
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Published : Feb 11, 2023, 4:02 PM IST

नई दिल्ली : विश्व यूनानी दिवस पर केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री किरेन रिजिजू ने भारत की समृद्ध पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की अनदेखी के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया. विश्व यूनानी दिवस पर शनिवार को विज्ञान भवन में मीडिया, यूनानी चिकित्सकों, विद्वानों और विदेशी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए रिजिजू ने 2014 के पहले की सरकारों पर तंज कसा.

रिजिजू ने कहा कि 'यूनानी जो कि भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति में से एक है, जिसे पिछली सरकारों के दौरान बजट के कम आवंटन के साथ नजरअंदाज कर दिया गया था. 2014 के बाद पीएम मोदी ने न केवल इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाया, बल्कि राशि का आवंटन भी किया. राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर इसके प्रचार के लिए बहुत अधिक जोर दिया गया.'

कानून मंत्री ने कहा कि 'भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है. यहां यूनानी के माध्यम से समाज और मानव जाति की बेहतरी के लिए सबसे आगे आने और काम करने की अपार क्षमता है. हालांकि इस आधुनिक समय में चिकित्सा क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पुरानी तकनीकों और प्रथाओं का उपयोग दोनों ही मानव जाति के लिए बेहतर वातावरण बना सकते हैं.'

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यूनानी चिकित्सा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इसके साथ ही केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित यूनानी चिकित्सा के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया. इस दौरान सोनोवाल ने कहा, 'पीएम मोदी के पिछले 9 वर्षों के कार्यकाल में आयुष और यूनानी ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी है. भारत पारंपरिक चिकित्सा और कल्याण में वैश्विक नेतृत्व ले रहा है, एक परिवर्तन जो दुनिया भर में आयुष की भारी लोकप्रियता और स्वीकृति में भी परिलक्षित होता है.

2014 से पहले और 2014 के बाद की सरकारों के बीच तुलना करते हुए, केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कांग्रेस पर हमला किया. सोनोवाल ने कहा कि 2014 से पहले, इस समग्र और सदियों पुराने चिकित्सा विज्ञान की उपेक्षा की गई थी क्योंकि उन्होंने इसके अस्तित्व के लिए पर्याप्त धन भी आवंटित नहीं किया था. लेकिन जब पीएम मोदी आए, तो उन्होंने न केवल इसके लिए एक विशिष्ट मंत्रालय बनाया बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार भी किया.

उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में आयुष मंत्रालय (MOAYUSH) को 3,647.5 करोड़ रुपये की राशि मिली है, जो कांग्रेस के समय की तुलना में 6-7 गुना अधिक है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के बीच जामनगर, गुजरात में पारंपरिक चिकित्सा के लिए WHO वैश्विक केंद्र स्थापित करने के लिए हुए एक समझौते के बारे में दर्शकों को अवगत कराया.

आज के कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री और अन्य अधिकारियों ने प्रसिद्ध परोपकारी, स्वतंत्रता सेनानी और महान भारतीय यूनानी चिकित्सक स्वर्गीय हाकिम अजमल खान को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसे यूनानी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

इस अवसर पर, यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए केंद्रीय परिषद (सीसीआरयूएम) के विभिन्न प्रकाशन, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्मृति चिन्ह, ऑनलाइन पत्रिकाएं और यूनानी चिकित्सा पर मोबाइल ऐप जारी किए गए.

पढ़ें- World Unani Day एक भारतीय की याद में मनाया जाता है, शरीरिक स्वास्थ्य के लिए इन चार तत्त्वों का संतुलन है जरूरी

नई दिल्ली : विश्व यूनानी दिवस पर केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री किरेन रिजिजू ने भारत की समृद्ध पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की अनदेखी के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया. विश्व यूनानी दिवस पर शनिवार को विज्ञान भवन में मीडिया, यूनानी चिकित्सकों, विद्वानों और विदेशी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए रिजिजू ने 2014 के पहले की सरकारों पर तंज कसा.

रिजिजू ने कहा कि 'यूनानी जो कि भारत की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति में से एक है, जिसे पिछली सरकारों के दौरान बजट के कम आवंटन के साथ नजरअंदाज कर दिया गया था. 2014 के बाद पीएम मोदी ने न केवल इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाया, बल्कि राशि का आवंटन भी किया. राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर इसके प्रचार के लिए बहुत अधिक जोर दिया गया.'

कानून मंत्री ने कहा कि 'भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है. यहां यूनानी के माध्यम से समाज और मानव जाति की बेहतरी के लिए सबसे आगे आने और काम करने की अपार क्षमता है. हालांकि इस आधुनिक समय में चिकित्सा क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पुरानी तकनीकों और प्रथाओं का उपयोग दोनों ही मानव जाति के लिए बेहतर वातावरण बना सकते हैं.'

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यूनानी चिकित्सा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इसके साथ ही केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित यूनानी चिकित्सा के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया. इस दौरान सोनोवाल ने कहा, 'पीएम मोदी के पिछले 9 वर्षों के कार्यकाल में आयुष और यूनानी ने अभूतपूर्व वृद्धि देखी है. भारत पारंपरिक चिकित्सा और कल्याण में वैश्विक नेतृत्व ले रहा है, एक परिवर्तन जो दुनिया भर में आयुष की भारी लोकप्रियता और स्वीकृति में भी परिलक्षित होता है.

2014 से पहले और 2014 के बाद की सरकारों के बीच तुलना करते हुए, केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कांग्रेस पर हमला किया. सोनोवाल ने कहा कि 2014 से पहले, इस समग्र और सदियों पुराने चिकित्सा विज्ञान की उपेक्षा की गई थी क्योंकि उन्होंने इसके अस्तित्व के लिए पर्याप्त धन भी आवंटित नहीं किया था. लेकिन जब पीएम मोदी आए, तो उन्होंने न केवल इसके लिए एक विशिष्ट मंत्रालय बनाया बल्कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इसका प्रचार भी किया.

उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में आयुष मंत्रालय (MOAYUSH) को 3,647.5 करोड़ रुपये की राशि मिली है, जो कांग्रेस के समय की तुलना में 6-7 गुना अधिक है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सरकार के बीच जामनगर, गुजरात में पारंपरिक चिकित्सा के लिए WHO वैश्विक केंद्र स्थापित करने के लिए हुए एक समझौते के बारे में दर्शकों को अवगत कराया.

आज के कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और आयुष मंत्री और अन्य अधिकारियों ने प्रसिद्ध परोपकारी, स्वतंत्रता सेनानी और महान भारतीय यूनानी चिकित्सक स्वर्गीय हाकिम अजमल खान को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसे यूनानी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

इस अवसर पर, यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए केंद्रीय परिषद (सीसीआरयूएम) के विभिन्न प्रकाशन, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्मृति चिन्ह, ऑनलाइन पत्रिकाएं और यूनानी चिकित्सा पर मोबाइल ऐप जारी किए गए.

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