आइजोल : दुनिया के सबसे बड़े परिवार के मुखिया के रूप में माने जाने वाले मिजोरम के जियोनघाका उर्फ जियोन-ए को अंतिम सांस लिए हुए 36 घंटे से अधिक समय हो गया है, लेकिन उनके प्रियजन उन्हें अलविदा कहने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं, क्योंकि उनका दावा है कि वह अभी भी ज़िंदा हैं.
बक्तांग गांव में 76 वर्षीय जियोनघाका की 39 पत्नियां, 90 से अधिक बच्चे और कम से कम 33 पोते-पोतियां हैं, जो एक विशाल चार मंजिला घर में रहते हैं. ये एक धार्मिक संप्रदाय लाल्पा कोहरान थार से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें पुरुषों को बहुविवाह की अनुमति होती है.
उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित जियोन-ए को रविवार को आइजोल के ट्रिनिटी अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. हालांकि, परिवार के सदस्यों ने जोर देकर कहा कि उनका शरीर गर्म है और उनकी नब्ज अभी भी चल रही है.
लाल्पा कोहरान थार के सचिव जैतिनखुमा ने कहा कि अस्पताल से घर लाए जाने के बाद जियोन की नाड़ी फिर से चलने लगी.
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उन्होंने कहा, उनका (जियोन-ए) शरीर अभी भी गर्म है. उनके परिवार के सदस्य और बक्तांग गांव के चुआंथार के लोग उन्हें ऐसी परिस्थितियों में नहीं दफना सकते. चुआंथार ग्राम परिषद के अध्यक्ष रामजुआवा के अनुसार, 433 परिवारों के 2,500 से अधिक सदस्य संप्रदाय का हिस्सा हैं, जिसकी स्थापना लगभग 70 साल पहले जियोन-ए के चाचा ने की थी. संप्रदाय के अधिकतर सदस्य जीवन यापन के लिए बढ़ई का काम करते हैं.
रामजुआवा ने कहा, वे सभी उनका काफी सम्मान करते हैं, और जब तक वे आश्वस्त नहीं हो जाते कि वह इस दुनिया से जा चुके हैं, तब तक उनका अंतिम संस्कार नहीं करना चाहेंगे. मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने रविवार को जियोन-ए की मौत को लेकर अपनी संवेदना व्यक्त की थी, और ट्वीट किया था, भारी मन से मिजोरम ने मिस्टर जियोन-ए (76), जिसे दुनिया के सबसे बड़े परिवार का मुखिया माना जाता है, को विदाई दी. उनकी आत्मा को शांति मिले.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ललथनहवला और जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के नेता लालदुहोमा सहित अन्य ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. बक्तांग में जियोन-ए की चार मंजिला हवेली एक प्रमुख पर्यटन स्थल है.