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झुग्गी में रहने वाली OT अटेंडर की बेटी करेगी एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व

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Published : Jun 6, 2022, 5:20 PM IST

Updated : Jun 6, 2022, 5:45 PM IST

भोपाल की फेंसिंग खिलाड़ी खुशी दाभाड़े (Fencing player khushi dabhade) अब कोरिया में सीनियर एशियन चैंपियनशिप (Senior Asian Fencing Championship) में भाग लेने जा रही हैं. खुशी का तलवारबाजी का सफर काफी शानदार रहा है. खुशी एक गरीब परिवार से हैं लेकिन उनके माता-पिता ने कभी किसी चीज के लिए मना नहीं किया. उनके पिता ने अपनी जरूरतों को पूरा ना करते हुए बेटी की जरूरतों को पूरा किया है. (Bhopal Fencing Player Khushi Dabhade) (Khushi selected in Senior Asian Championship)

Khushi selection for Fencing Championship Korea
खुशी करेगी तलवारबाजी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व

भोपाल। मध्यप्रदेश की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराकर प्रदेश और राजधानी का नाम रोशन किया है. भोपाल की झुग्गी में रहने वाली खुशी दाभाड़े तलवारबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. कोरिया में होने वाली सीनियर एशियन चैंपियनशिप (Senior Asian Fencing Championship korea) के लिए वो कोरिया गई हैं. खुशी के पिता एक एनजीओ में ओटी अटेंडर हैं. खुशी कहती हैं कि मेडल जीत कर आना ही उनका लक्ष्य है. कोरिया जाने से पहले ईटीवी भारत ने खुशी से बात की.

OT अटेंडर की बेटी करेगी एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व

खुशी ने परिवार में बिखेरी खुशी : कहते है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है, इस बात को सच साबित कर दिखाया है भोपाल के बाणगंगा (Khushi dabhade Banganga Bhopal) की झुग्गी बस्ती में रहने वाली खुशी दाभाड़े ने. कम संसाधनों में गुजर बसर करने वाली खुशी, अब कोरिया में होने वाली सीनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए रवाना हो चुकी हैं. खुशी के पिता बाबा राव दाभाड़े एक प्राइवेट एनजीओ में OT अटेंडर हैं, उनकी मां प्राइवेट काम करती हैं. परिवार में इनके अलावा एक बहन और भी है. लेकिन दो बेटियों की जरूरत को माता-पिता ने कभी दरकिनार नहीं किया. और अब खुशी ने पूरे परिवार के लिए खुशियां बिखेर दी हैं.

पहली बार सीनियर प्रतियोगिता में हो रही शामिल : खुशी बताती हैं कि वह बेहद खुश हैं कि सीनियर एशियन फेंसिंग चैंपियनशिप (Korea Fencing Championship) के लिए यानि तलवारबाजी में उनका चयन हुआ है. 20 साल की खुशी अभी तक जूनियर चैंपियनशिप खेला करती थीं. यह पहला मौका है जब वह सीनियर प्रतियोगिता में जा रही हैं. खुशी कहती हैं कि वह इससे पहले भी दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितों में जा चुकी हैं. जिसमें रशिया में हुआ वर्ल्ड कप भी शामिल है. वहीं वह इजिप्त भी गई थीं. लेकिन वहां उनको पदक नहीं लगा था. लेकिन इस बार उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह पदक लेकर आएंगी.

पिता ने हर जरूरत को किया पूरा: खुशी बताती हैं कि उनके परिवार का सहयोग हमेशा उनके साथ रहा है. माता-पिता ने कभी भी किसी चीज के लिए मना नहीं किया. खासकर पिता ने. हमेशा घर परिवार में पैसे की परेशानी जरूर रही लेकिन पिता ने अपनी जरूरतों को पूरा ना करते हुए बेटियों की जरूरतों को पूरा किया. कई बार तो ऐसा भी समय आया कि उधार लेकर पिता ने खेल का सामान खुशी को दिलवाया.

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खुशी का भाई भी है फेंसिंग खिलाड़ी: पिछले 6 साल से खुशी मध्य प्रदेश खेल विभाग (Yashodhara raje scindia minister)की फेंसिंग अकादमी (Madhya Pradesh Sports Department Fencing Academy Bhopal) में शामिल हैं. खेल अकादमी (Department of sports and youth welfare) में उनकी शिक्षा के साथ ही रहने और खाने का खर्च उठाया जाता है. खुशी बताती हैं कि उनके बड़े पापा के बेटे प्रवीण भी फेंसिंग के खिलाड़ी हैं और उन्होंने ही उसे तलवारबाजी में आने के लिए कहा था. फिलहाल खुशी कोच भूपेंद्र सिंह चौहान (Bhupendra Singh Chauhan Fencing Coach) के संरक्षण में प्रैक्टिस कर रही हैंं भूपेंद्र बताते हैं कि मात्र 5 से 6 साल में ही खुशी ने वह उपलब्धियां हासिल कर ली हैं जो अन्य खिलाड़ी इतनी जल्दी नहीं कर पातें.

ओलंपिक में जाना खुशी का सपना: खुशी का सपना है कि वह अन्य खिलाड़ियों की तरह ही एशियन चैंपियनशिप के साथ ही ओलंपिक में जाएं. वहां भी भारत के लिए पदक लेकर आए. खुशी ने अभी तक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दो स्वर्ण दो रजत के साथ ही छह कांस्य पदक हासिल किया है. (Bhopal fencing player khushi dabhade in senior asian fencing championships korea)

भोपाल। मध्यप्रदेश की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराकर प्रदेश और राजधानी का नाम रोशन किया है. भोपाल की झुग्गी में रहने वाली खुशी दाभाड़े तलवारबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. कोरिया में होने वाली सीनियर एशियन चैंपियनशिप (Senior Asian Fencing Championship korea) के लिए वो कोरिया गई हैं. खुशी के पिता एक एनजीओ में ओटी अटेंडर हैं. खुशी कहती हैं कि मेडल जीत कर आना ही उनका लक्ष्य है. कोरिया जाने से पहले ईटीवी भारत ने खुशी से बात की.

OT अटेंडर की बेटी करेगी एशियाई तलवारबाजी चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व

खुशी ने परिवार में बिखेरी खुशी : कहते है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है, इस बात को सच साबित कर दिखाया है भोपाल के बाणगंगा (Khushi dabhade Banganga Bhopal) की झुग्गी बस्ती में रहने वाली खुशी दाभाड़े ने. कम संसाधनों में गुजर बसर करने वाली खुशी, अब कोरिया में होने वाली सीनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए रवाना हो चुकी हैं. खुशी के पिता बाबा राव दाभाड़े एक प्राइवेट एनजीओ में OT अटेंडर हैं, उनकी मां प्राइवेट काम करती हैं. परिवार में इनके अलावा एक बहन और भी है. लेकिन दो बेटियों की जरूरत को माता-पिता ने कभी दरकिनार नहीं किया. और अब खुशी ने पूरे परिवार के लिए खुशियां बिखेर दी हैं.

पहली बार सीनियर प्रतियोगिता में हो रही शामिल : खुशी बताती हैं कि वह बेहद खुश हैं कि सीनियर एशियन फेंसिंग चैंपियनशिप (Korea Fencing Championship) के लिए यानि तलवारबाजी में उनका चयन हुआ है. 20 साल की खुशी अभी तक जूनियर चैंपियनशिप खेला करती थीं. यह पहला मौका है जब वह सीनियर प्रतियोगिता में जा रही हैं. खुशी कहती हैं कि वह इससे पहले भी दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितों में जा चुकी हैं. जिसमें रशिया में हुआ वर्ल्ड कप भी शामिल है. वहीं वह इजिप्त भी गई थीं. लेकिन वहां उनको पदक नहीं लगा था. लेकिन इस बार उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह पदक लेकर आएंगी.

पिता ने हर जरूरत को किया पूरा: खुशी बताती हैं कि उनके परिवार का सहयोग हमेशा उनके साथ रहा है. माता-पिता ने कभी भी किसी चीज के लिए मना नहीं किया. खासकर पिता ने. हमेशा घर परिवार में पैसे की परेशानी जरूर रही लेकिन पिता ने अपनी जरूरतों को पूरा ना करते हुए बेटियों की जरूरतों को पूरा किया. कई बार तो ऐसा भी समय आया कि उधार लेकर पिता ने खेल का सामान खुशी को दिलवाया.

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खुशी का भाई भी है फेंसिंग खिलाड़ी: पिछले 6 साल से खुशी मध्य प्रदेश खेल विभाग (Yashodhara raje scindia minister)की फेंसिंग अकादमी (Madhya Pradesh Sports Department Fencing Academy Bhopal) में शामिल हैं. खेल अकादमी (Department of sports and youth welfare) में उनकी शिक्षा के साथ ही रहने और खाने का खर्च उठाया जाता है. खुशी बताती हैं कि उनके बड़े पापा के बेटे प्रवीण भी फेंसिंग के खिलाड़ी हैं और उन्होंने ही उसे तलवारबाजी में आने के लिए कहा था. फिलहाल खुशी कोच भूपेंद्र सिंह चौहान (Bhupendra Singh Chauhan Fencing Coach) के संरक्षण में प्रैक्टिस कर रही हैंं भूपेंद्र बताते हैं कि मात्र 5 से 6 साल में ही खुशी ने वह उपलब्धियां हासिल कर ली हैं जो अन्य खिलाड़ी इतनी जल्दी नहीं कर पातें.

ओलंपिक में जाना खुशी का सपना: खुशी का सपना है कि वह अन्य खिलाड़ियों की तरह ही एशियन चैंपियनशिप के साथ ही ओलंपिक में जाएं. वहां भी भारत के लिए पदक लेकर आए. खुशी ने अभी तक राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दो स्वर्ण दो रजत के साथ ही छह कांस्य पदक हासिल किया है. (Bhopal fencing player khushi dabhade in senior asian fencing championships korea)

Last Updated : Jun 6, 2022, 5:45 PM IST
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