तिरुवनंतपुरम : केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि केरल माइग्रेशन सर्वे कराकर प्रवासी मलयाली लोगों के डेटा बैंक का विस्तार किया जाएगा. "इसके लिए एक प्रवासी डेटा पोर्टल भी तैयार किया जाएगा. राज्य एक व्यापक वैश्विक पंजीकरण अभियान चलाएगा. प्रवासियों का डेटा कलेक्शन एक आवश्यक मुद्द है और सटीक जानकारी की कमी भी प्रवासियों के कल्याणकारी कार्यों में बाधा बन रही थी," मुख्यमंत्री ने शनिवार को यहां संपन्न लोक केरल सभा के तीसरे संस्करण की समापन बैठक को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा.
यह बताते हुए कि निकट भविष्य में लोक केरल सभा एक कानूनी निकाय बन जाएगी, उन्होंने कहा कि प्रवासी समुदाय और केरल के बीच कोई अंतर नहीं होगा. लोक केरल सभा की सिफारिशों को गंभीरता से लिया जाएगा और आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे. ऐसे में केंद्र के परामर्श से लिए जाने वाले निर्णयों को तुरंत निपटाया जाएगा और अकेले राज्य द्वारा लिए जाने वाले निर्णय पर विचार किया जाएगा. राज्य को प्रवासी समुदाय की बहुत चिंता है. सीएम विजयन ने कहा कि विदेशी समुदाय केरल में बेहतर उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित कर सकता है और सरकार उनके उपक्रमों को हर संभव सहायता देगी. सरकार अगले 25 वर्षों में राज्य को मध्यम आय वाले देश के स्तर तक ले जाने का प्रयास कर रही है.
मुख्यमंत्री ने लोक केरल सभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने की विपक्ष की कार्रवाई की निंदा भी की. लोक केरल सभा अर्थात हमारे प्रवासियों के सम्मेलन से किसी को भी मुंह नहीं मोड़ना चाहिए. जब आयोजन के शुभारंभ से पहले उनके नेताओं के साथ चर्चा की गई तो उन्होंने भाग लेने का संकेत दिया था. उन्होंने विधानसभा सत्र में भी यह कहा. लोकसभा केरल सभा का बहिष्कार करने के पीछे क्या कारण था अगर वे सांसदों की बैठकों और जनसभाओं में शामिल हो सकते थे? यह पूरी तरह से हास्यास्पद स्थिति है. प्रवासी मलयाली भाई राज्य का विकास चाहते हैं. राज्य, लोग और मलयाली दुनिया भर में इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रहे हैं. विपक्ष के बहिष्कार से सावित होता है कि विपक्ष ऐसा नहीं चाहता.
उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई विकास योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा, "राज्य 5जी नेटवर्क सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए पैकेज तैयार करेगा. इसे चार आईटी कॉरिडोर में लागू किया जाएगा और इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि केरल के सबसे गरीब परिवारों का संज्ञान लिया गया है और सरकार ने उन्हें अत्यधिक गरीबी से बाहर निकालने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट अलग से रखे हैं.
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एएनआई