तिरुवनंतपुरम : केरल के आईएएस अधिकारी, श्रीराम वेंकटरमण ने 2019 के सड़क दुर्घटना मामले में गैर इरादतन हत्या के आरोप को हटाने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें पत्रकार के.एम. बशीर की मौत हो गई थी. वेंकटरमण ने अपनी याचिका में कहा कि उनके खिलाफ हत्या के आरोप लगाने के समर्थन में कोई सबूत नहीं है.
पिछले साल नवंबर में, केरल उच्च न्यायालय ने वेंकटरमण को गैर इरादतन हत्या के आरोप से मुक्त करने के राज्य की राजधानी की निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी. केरल उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर वेंकटरमण को नोटिस जारी किया था और उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक भी लगा दी थी. इसके खिलाफ युवा मेडिकल पेशेवर से आईएएस अधिकारी बने युवा ने अब शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
वेंकिटरमन एक कार चला रहे थे, जिसने बशीर को टक्कर लग गई और उनकी मौत हो गई. पुलिस ने कथित तौर पर दुर्घटना के बाद वेंकटरमन को नशे की हालत में पाया. लेकिन अल्कोहल के स्तर का परीक्षण करने के लिए उनके रक्त का नमूना एकत्र करने में काफी देरी हुई, क्योंकि वेंकटरामन खुद को सरकारी अस्पताल से जांच कराने में कामयाब रहे थे, जहां पुलिस उन्हें ले गई थी. इसके बाद, संग्रहालय पुलिस, तिरुवनंतपुरम द्वारा वेंकटरमन और यात्री वफ़ा फ़िरोज़ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
पिछले साल अक्टूबर में, निचली अदालत ने वेंकटरमण को अपराध से बरी कर दिया था. हालांकि, कोर्ट ने वेंकटरमण के खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (तेज ड्राइविंग) और 304 (ए) (लापरवाही से मौत) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 के तहत आरोप तय किए.
ये भी पढ़ें : इस तरह होते हैं अफसरों के ट्रांसफर व पोस्टिंग, कभी रुटीन तो कभी शिकायत पर गिरती है गाज
(आईएएनएस)