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सार्वजनिक जमीन पर अवैध रूप से कोई ध्वज स्तंभ नहीं लगाया जाए : उच्च न्यायालय

केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को एक अंतरिम आदेश में 15 नवंबर तक यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है कि सार्वजनिक जमीन पर अवैध रूप से कोई ध्वज स्तंभ नहीं लगाया जाए.

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Published : Nov 1, 2021, 6:44 PM IST

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को एक अंतरिम आदेश में 15 नवंबर तक यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है कि सार्वजनिक जमीन पर अवैध रूप से कोई ध्वज स्तंभ नहीं लगाया जाए.

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने सरकार और स्थानीय अधिकारियों को राज्य में अवैध रूप से लगाए गए ध्वज स्तंभों की संख्या का पता लगाने और 15 नवंबर तक अदालत को इस बारे में सूचित करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा, इसे रोकना होगा.

अदालत ने एक सहकारी समिति की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि एक विशेष राजनीतिक दल उसकी जमीन पर अवैध रूप से झंडे और बैनर लगा रहा है.

न्यायाधीशों के विरुद्ध कदाचार के आरोप वाली याचिका खारिज

केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को उन दो याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें अदालत के एक सेवारत न्यायाधीश तथा दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के विरुद्ध न्यायिक कदाचार का आरोप लगाया गया था. मरडु फ्लैट विध्वंस मुद्दे के संबंध में न्यायाधीशों द्वारा पारित आदेश के सिलसिले में उक्त आरोप लगाए गए थे.

न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने कहा कि याचिकाएं इस लायक नहीं हैं कि उनकी सुनवाई की जाए. अदालत के निर्णय का कारण बताते हुए विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है.

वकील यशवंत शिनॉय के जरिये दायर दोनों याचिकाओं में अनुरोध किया गया था कि न्यायाधीशों के विरुद्ध न्यायिक कदाचार की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए और शिकायतकर्ता को उसकी शिकायत पर पारित किये गए किसी भी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए.

पढ़ें : डेकेयर सेंटर काे लेकर केरल हाई काेर्ट सख्त, दी कड़ी चेतावनी

कोच्चि : केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य सरकार को एक अंतरिम आदेश में 15 नवंबर तक यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है कि सार्वजनिक जमीन पर अवैध रूप से कोई ध्वज स्तंभ नहीं लगाया जाए.

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने सरकार और स्थानीय अधिकारियों को राज्य में अवैध रूप से लगाए गए ध्वज स्तंभों की संख्या का पता लगाने और 15 नवंबर तक अदालत को इस बारे में सूचित करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा, इसे रोकना होगा.

अदालत ने एक सहकारी समिति की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि एक विशेष राजनीतिक दल उसकी जमीन पर अवैध रूप से झंडे और बैनर लगा रहा है.

न्यायाधीशों के विरुद्ध कदाचार के आरोप वाली याचिका खारिज

केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को उन दो याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें अदालत के एक सेवारत न्यायाधीश तथा दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के विरुद्ध न्यायिक कदाचार का आरोप लगाया गया था. मरडु फ्लैट विध्वंस मुद्दे के संबंध में न्यायाधीशों द्वारा पारित आदेश के सिलसिले में उक्त आरोप लगाए गए थे.

न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने कहा कि याचिकाएं इस लायक नहीं हैं कि उनकी सुनवाई की जाए. अदालत के निर्णय का कारण बताते हुए विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है.

वकील यशवंत शिनॉय के जरिये दायर दोनों याचिकाओं में अनुरोध किया गया था कि न्यायाधीशों के विरुद्ध न्यायिक कदाचार की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए और शिकायतकर्ता को उसकी शिकायत पर पारित किये गए किसी भी आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए.

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