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केरल सरकार को KIIFB सिल्वर लाइन परियोजना के लिए ₹2100 करोड़ का देगी ऋण

केरल अवसंरचना निवेश कोष बोर्ड (केआईआईएफबी) सेमी हाई स्पीड रेल परियोजना सिल्वर लाइन के लिए केरल सरकार को 2,100 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराएगी.

सिल्वर लाइन
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Published : Sep 29, 2021, 5:50 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल अवसंरचना निवेश कोष बोर्ड (केआईआईएफबी) सेमी हाई स्पीड रेल परियोजना सिल्वर लाइन के लिए केरल सरकार को 2,100 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराएगी. KIIFB के अनुरोध पर परिवहन विभाग ने परियोजना को लागू करने के लिए केरल रेल विकास निगम लिमिटेड को एक विशेष प्रयोजन कंपनी के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया है.

गौरतलब है कि KIIFB भूमि अधिग्रहण के लिए ऋण प्रदान कर रहा है. वहीं परियोजना के लिए 955.13 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. यह परियोजना राज्य के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से होकर गुजरेगी.

यह भी पढ़ें- 'बाल संन्यास वैध है, नाबालिग के स्वामी बनने पर कोई संवैधानिक रोक नहीं : काेर्ट

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार होगी. भूमि अधिग्रहण के लिए जिलेवार विशेष कलेक्टर कार्यालय स्थापित किए जाएंगे. सेंट्रल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले पुष्टि की थी कि परियोजना के लिए किसी पूर्व पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता नहीं है.

हालांकि, ईक्यूएमएस इंडिया लिमिटेड को पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) के लिए सौंपा गया है और उन्हें 14 महीने के भीतर रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.

तिरुवनंतपुरम : केरल अवसंरचना निवेश कोष बोर्ड (केआईआईएफबी) सेमी हाई स्पीड रेल परियोजना सिल्वर लाइन के लिए केरल सरकार को 2,100 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराएगी. KIIFB के अनुरोध पर परिवहन विभाग ने परियोजना को लागू करने के लिए केरल रेल विकास निगम लिमिटेड को एक विशेष प्रयोजन कंपनी के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया है.

गौरतलब है कि KIIFB भूमि अधिग्रहण के लिए ऋण प्रदान कर रहा है. वहीं परियोजना के लिए 955.13 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. यह परियोजना राज्य के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से होकर गुजरेगी.

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भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार होगी. भूमि अधिग्रहण के लिए जिलेवार विशेष कलेक्टर कार्यालय स्थापित किए जाएंगे. सेंट्रल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले पुष्टि की थी कि परियोजना के लिए किसी पूर्व पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता नहीं है.

हालांकि, ईक्यूएमएस इंडिया लिमिटेड को पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) के लिए सौंपा गया है और उन्हें 14 महीने के भीतर रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है.

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