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केरल के राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में VC की नियुक्तियों पर उठाए सवाल

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Published : Dec 11, 2021, 10:48 AM IST

Updated : Dec 12, 2021, 6:25 AM IST

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Muhammed Khan) ने राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. साथ ही उन्होंने चांसलर के पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है. उन्होंने कुलपतियों की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है.

Kerala Governor Arif Muhammed Khan
आरिफ मोहम्मद खान

तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Muhammed Khan) ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने मुख्यमंत्री पी विजयन को पत्र लिखकर कुलाधिपति की जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने की धमकी दी है और राज्य सरकार पर विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उन्हें कुलाधिपति के पद से भी हटा सकती है. कड़े शब्दों में लिखे पत्र में राज्यपाल ने सीएम विजयन को सूचित किया है कि यदि मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनने के उद्देश्य से अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया जाता है तो वह उस पर तुरंत हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं.

राज्यपाल ने केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय (Kannur University VC appointment) के कुलपति की नियुक्ति पर नाराजगी व्यक्त की है, जिन्हें सर्च कमेटी को निलंबित करने के बाद दूसरा कार्यकाल दिया गया है. आरिफ मोहम्मद खान ने कलाडी संस्कृत विश्वविद्यालय (Kaladi Sanskrit University) में कुलपति की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप को वह बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें यह समझाने का काफी प्रयास किया कि आपको विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. मैं इस राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं कर सकता.

उन्होंने कहा कि सरकार को विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, उनकी स्वायत्ता को बाधित नहीं करना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में स्वायत्ता लाने का काफी प्रयास किया.

खान ने पत्रकारों से कहा, 'मैंने पत्र में लिखा है कि जिस तरह से वहां (विश्वविद्यालयों में) राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है... यह मेरे लिए बर्दाश्त से बाहर हो गया है और मैं सरकार के साथ कोई संघर्ष नहीं चाहता.'

राज्यपाल ने कहा, 'वे विश्वविद्यालयों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करना चाहते हैं. और मैं उसे उस उद्देश्य के लिए नहीं चाहता.'

यह भी पढ़ें- विधि की छात्रा का आत्महत्या करना दुखद : केरल के राज्यपाल

उन्होंने कह कि मैंने आठ दिसंबर को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जानकारी दी है कि कैसे मैंने कन्नूर यूनिवर्सिटी में गड़बड़ी का विरोध करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायतों पर मैंने पहले भी सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं आ रहा है.

केरल में पहली बार किसी राज्यपाल ने कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. इसके बाद से केरल में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी कांग्रेस ने सीपीएम नीत सरकार पर इस मामले को लेकर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार विश्वविद्यालयों को 'पार्टी प्रकोष्ठ' में तब्दील कर रही है.

तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Muhammed Khan) ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने मुख्यमंत्री पी विजयन को पत्र लिखकर कुलाधिपति की जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने की धमकी दी है और राज्य सरकार पर विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उन्हें कुलाधिपति के पद से भी हटा सकती है. कड़े शब्दों में लिखे पत्र में राज्यपाल ने सीएम विजयन को सूचित किया है कि यदि मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनने के उद्देश्य से अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया जाता है तो वह उस पर तुरंत हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं.

राज्यपाल ने केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय (Kannur University VC appointment) के कुलपति की नियुक्ति पर नाराजगी व्यक्त की है, जिन्हें सर्च कमेटी को निलंबित करने के बाद दूसरा कार्यकाल दिया गया है. आरिफ मोहम्मद खान ने कलाडी संस्कृत विश्वविद्यालय (Kaladi Sanskrit University) में कुलपति की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं.

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप को वह बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें यह समझाने का काफी प्रयास किया कि आपको विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. मैं इस राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं कर सकता.

उन्होंने कहा कि सरकार को विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, उनकी स्वायत्ता को बाधित नहीं करना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में स्वायत्ता लाने का काफी प्रयास किया.

खान ने पत्रकारों से कहा, 'मैंने पत्र में लिखा है कि जिस तरह से वहां (विश्वविद्यालयों में) राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है... यह मेरे लिए बर्दाश्त से बाहर हो गया है और मैं सरकार के साथ कोई संघर्ष नहीं चाहता.'

राज्यपाल ने कहा, 'वे विश्वविद्यालयों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करना चाहते हैं. और मैं उसे उस उद्देश्य के लिए नहीं चाहता.'

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उन्होंने कह कि मैंने आठ दिसंबर को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में जानकारी दी है कि कैसे मैंने कन्नूर यूनिवर्सिटी में गड़बड़ी का विरोध करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों में अनियमितता की शिकायतों पर मैंने पहले भी सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं आ रहा है.

केरल में पहली बार किसी राज्यपाल ने कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं. इसके बाद से केरल में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी कांग्रेस ने सीपीएम नीत सरकार पर इस मामले को लेकर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वामपंथी सरकार विश्वविद्यालयों को 'पार्टी प्रकोष्ठ' में तब्दील कर रही है.

Last Updated : Dec 12, 2021, 6:25 AM IST
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