तिरुवनंतपुरम: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम से कोट्टायम ले जाया गया. चांडी का एक दिन पहले बेंगलुरु में निधन हो गया था. दशकों लंबे अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने एक विधायक, कांग्रेस पार्टी के नेता और एक मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की राजधानी में अपने जीवन का बड़ा हिस्सा गुजारा. चांडी के पार्थिव शरीर को मालाओं एवं उनकी तस्वीरों से सुसज्जित और पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से भरी एक विशेष रूप से निर्मित ‘लो-फ्लोर’ बस में सड़क मार्ग से कोट्टायम ले जाया गया. बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने दिवंगत नेता के समर्थन में नारे लगाए. बस को सुबह करीब सात बजकर 20 मिनट पर उनके आवास से रवाना किया गया.
जैसे ही बस राज्य की राजधानी से गुजरी, लोग अनुभवी कांग्रेस नेता की अंतिम झलक पाने के लिए कई स्थानों पर सड़क किनारे खड़े रहे. ‘नियमसभा’ (केरल विधानसभा) के बाहर भावुक दृश्य देखने को मिले, जहां वह लगतार 53 साल तक सदस्य रहे. विधानसभा के वाच एंड वार्ड सहित अन्य कर्मी दिवंगत कांग्रेस नेता को अंतिम विदाई देने और उनकी अंतिम झलक पाने के लिए उमड़ पड़े. बस धीमी गति से आगे बढ़ रही थी क्योंकि स्कूली बच्चों और बुजुर्गों समेत हजारों लोग अपने ‘‘नायक’’ की अंतिम झलक पाने के लिए बस के मार्ग में सड़क किनारे खड़े थे और उनके वाहन के साथ तस्वीरें ले रहे थे जिसके कारण कई बार वाहन को रोकना पड़ा था. लोगों ने वाहन पर फूल भी बरसाए. चांडी ने जिस किसी की भी, जिस भी रूप में सहायता की थी वे उनके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े थे.
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Today #OommenChandy took one hour to reach the Kerala Assembly building from his home which is two kms away. He is returning to Puthupalli today, a journey without a come back. Kerala weeps for the leader and former CM who put People First always.#RipOC pic.twitter.com/JlssC8hbNB
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ऐसे ही एक व्यक्ति ने टीवी चैनलों को बताया कि चांडी के कारण ही वह एक बार फिर चलने में सक्षम हो सके. व्यक्ति ने बताया, ‘‘2005 में मेरे एक पैर में चोट आई थी और मैं दोबार अपने पैरों पर चल सकूं इसके लिए सर्जरी कराना जरूरी था। जब चांडी मुख्यमंत्री थे तो मैं सर (चांडी) से मिला और उनसे सर्जरी के लिए धन देने का अनुरोध किया। उन्होंने मेरी प्रार्थना सुनी और मेरे ऑपरेशन के लिए तुरंत राशि आवंटित की. उनकी बदौलत ही आज मैं फिर से चलने में सक्षम हो पाया हूं.' सड़क किनारे उनके अंतिम दर्शन के लिए खड़े कई लोगों ने कहा कि उनके दिलों में चांडी के लिए विशेष स्थान है और वह एक ऐसे नेता थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता है.
कोट्टायम के रहने वाले राज्य के सहकारिता मंत्री वी. एन. वासवन भी चांडी के पार्थिव शरीर के साथ उनके गृहनगर गए. आम लोगों द्वारा चांडी को श्रद्धांजलि देने के लिए कोट्टायम के थिरुनाक्कारा मैदान में व्यवस्था की गई है और उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को पास के पुथुपल्ली में उनके आवास ले जाया जाएगा. जब चांडी के पार्थिव शरीर को पुथुपल्ली लाया गया तो सुबह से ही पुथुपल्ली स्थित उनके घर पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लगने लगा.
उनमें से एक क्षेत्र की एक वार्ड सदस्य ने रोते हुए कहा कि वह कल्पना नहीं कर सकती कि उनका निधन हो गया है. महिला ने संवाददाताओं से कहा, 'वह हमेशा हमारे लिए मौजूद रहे. हमेशा जरूरतमंदों की मदद की. हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि वह चले गए. वह हमारे दिलों से कभी नहीं जाएंगे.' इलाके की एक अन्य महिला ने रोते हुए कहा कि चांडी ने उनकी बेटियों की शादी में उनकी मदद की. अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को पुथुपल्ली के गिरजाघर में किया जाएगा.
ओमन चांडी को दफनाने के लिए चर्च में विशेष कब्र : ओमन चांडी के पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए उनके गांव के चर्च के एक विशेष हिस्से में कब्र तैयार की गई. इस हिस्से में पादरियों को दफनाया जाता है. गुरुवार को चांडी के अंतिम संस्कार होगा, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं. कब्रिस्तान में चांडी के परिवार से संबंधित कब्रगाह के बजाय चर्च परिसर के खास हिस्से में उनके लिए एक विशेष कब्र तैयार की जा रही है. स्थानीय भाषा में 'पुथुपल्ली पल्ली' के नाम से चर्चित सेंट जॉर्ज ऑर्थोडॉक्स चर्च प्रबंधन ने कांग्रेस के कद्दावर नेता के लिए चर्च के कब्रिस्तान या उनके परिवार से संबंधित कब्रगाह में दफनाने की अपनी दशकों पुरानी प्रथा को बदलने का फैसला किया है.
चर्च समिति ने ग्रामीणों और समर्थकों के बीच 'कुंजुन्जू' के नाम से लोकप्रिय चांडी के सम्मान में इस प्रथा को बदलने का फैसला किया. चर्च के पादरी वर्गीस वर्गीस ने कहा कि यह निर्णय चांडी द्वारा चर्च के लिए अपार योगदान को देखते हुए लिया गया है. पादरी वर्गीस ने कहा, "उनके गुणों और चर्च में उनके योगदान को देखते हुए, उन्हें चर्च के एक हिस्से में दफनाने का निर्णय लिया गया, जहां दिवंगत पादरियों को दफनाया गया था."
चांडी की अंतिम इच्छा : ओमन चांडी ने अपने निधन से पहले आम आदमी की तरह अंतिम संस्कार की इच्छा जताई थी और इसलिए उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार को राजकीय सम्मान के बिना ही दफनाया जाएगा. सामान्य तौर पर पूर्व मुख्यमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है, जिसमें बंदूकों की सलामी दी जाती है, लेकिन चांडी के अंतिम संस्कार में ऐसा नहीं होगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि चांडी ने अपने निधन से पूर्व अपने परिवार के सामने इच्छा जताई थी कि उन्हें मृत्यु के बाद आम आदमी की तरह दफनाया जाए.
चांडी पिछले 53 वर्षों से पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जहां लोग उन्हें प्यार से ‘कुंजुकुंजु’ कहते थे और स्थानीय लोगों को याद है कि दिन के किसी भी समय उनके घर के दरवाजे, हर किसी के लिए और उनके साथ किसी भी मामले पर चर्चा करने के लिए हमेशा खुले रहते थे.
केरल के दो बार मुख्यमंत्री रहे चांडी ने बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में सुबह चार बजकर 25 मिनट पर अंतिम सांस ली. पार्टी सूत्रों ने बताया कि उनका निधन कैंसर के इलाज के दौरान हुआ. वह 79 वर्ष के थे. मंगलवार को उनके पार्थिव शरीर को तिरुवनंतपुरम लाए जाने के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की अंतिम झलक पाने के लिए पूरे राज्य से हजारों लोग उमड़ पड़े. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनके कैबिनेट सहयोगियों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ सांस्कृतिक और धार्मिक नेताओं ने मंगलवार को राज्य की राजधानी में चांडी को श्रद्धांजलि दी.
(अतिरिक्त इनपुट-एजेंसी)