कोच्चि : केरल की एक त्वरित अदालत ने नाबालिग लड़के को बंधक बनाने और उसका यौन शोषण करने का दोषी ठहराते हुए मदरसा शिक्षक को गुरुवार को कुल 67 साल की सजा सुनायी. पीड़ित मदरसे का छात्र था. हालांकि, दोषी को केवल 20 साल जेल में बिताने होंगे क्योंकि सजाएं एक साथ चलेंगी. विशेष न्यायाधीश सतीश कुमार वी ने शिक्षक को एक शिक्षण संस्थान में अपने छात्र का यौन उत्पीड़न करने, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के अंतर्गत 12 साल से कम उम्र के बच्चे पर यौन हमला करने और विश्वास या अधिकार की स्थिति में नाबालिग पर यौन हमले का दोषी ठहराते हुए प्रत्येक अपराध के लिए 20-20 साल की सजा सुनायी. अदालत ने एर्नाकुलम जिले के नेल्लीकुझी निवासी अलीयार (52) को सजा सुनाई.
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अदालत ने भारतीय दंड संहिता के तहत अवैध रूप से बंधक बनाने और किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत भी दोषी शिक्षक को अलग-अलग अवधि की सजा सुनायी. साथ ही उस पर 65,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. विशेष लोक अभियोजक ए. सिंद्धू के मुताबिक, यह मामला जनवरी 2020 में तब सामने आया था, जब 11 वर्षीय एक लड़के ने अपने दोस्तों को उसके 50 वर्षीय मदरसा शिक्षक द्वारा किए जाने वाले यौन शोषण को लेकर आपबीती सुनायी थी.