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केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात

केरल में इको-सेंसेटिव जोन बनाने के खिलाफ विरोध के बीच के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की. इस दौरान केरल के कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

Kerala CM Vijayan meets PM Modi in Delhi
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात
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Published : Dec 27, 2022, 2:18 PM IST

नई दिल्ली: केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नयी दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की. एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक की तस्वीरें साझा की हैं. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब दक्षिणी राज्य के वन्य हिस्सों के नजदीक स्थित इलाकों के किसान और निवासी उन स्थानों पर एक किलोमीटर का पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्र (इको-सेंसेटिव जोन) बनाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बैठक की तस्वीरों के अलावा और कोई जानकारी नहीं दी है. एक आधिकारिक सूत्र ने सोमवार को कहा था कि बैठक में ईएसजेड मुद्दे पर बातचीत हो सकती है. सूत्रों ने बताया था कि इसके अलावा उत्तर में कासरगोड को दक्षिण में तिरुवनंतपुरम से जोड़ने वाली सेमी-हाईस्पीड रेल परियोजना सिल्वरलाइन के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने में देरी और कोविड-19 महामारी के दौरान से राज्य में वित्तीय संकट पर भी चर्चा हो सकती है.

बता दें कि केरल सरकार के सिल्‍वर लाइन(K-Rail) प्रोजेक्‍ट पर संकट के बाद मंडरा रहा है. केंद्र ने एक आधिकारिक आदेश जारी कर सिल्वर लाइन (के-रेल) परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए कार्यरत सभी राजस्व अधिकारियों को अन्य परियोजनाओं में शामिल करने के लिए कहा है. बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के कड़े विरोध के बावजूद, विजयन और उनकी टीम परियोजना के साथ आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित थे.

मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने भी के-रेल प्रस्ताव को 'मूर्खतापूर्ण' बताया था और कहा था कि इसे कभी भी लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह न तो आर्थिक रूप से व्यवहार्य है और न ही पर्यावरण की दृष्टि से उचित. गौरतलब है कि इस परियोजना की परिकल्पना तिरुवनंतपुरम से कासरगोड को जोड़ने वाले 529.45 किलोमीटर के कॉरिडोर के रूप में की गई थी.

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी को बताया 'भगवान राम', भाजपा-विहिप ने आड़े हाथों लिया

इस सेमी-हाई स्पीड ट्रेन में 10-12 घंटे की दूरी सिर्फ 4 से 5 घंटे में पूरी हो जाती. परियोजना में 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होने का अनुमान था. पार्टियों ने कहा कि एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा होने के अलावा, यह अगली पीढ़ी के लिए एक बड़ा बोझ होगा. लेकिन लंबे समय से, विजयन और सत्तारूढ़ वाम दल कह रहे थे कि लागत लगभग 65,000 करोड़ रुपये ही होगी.

(एक्सट्रा इनपुट-भाषा)

नई दिल्ली: केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नयी दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की. एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बैठक की तस्वीरें साझा की हैं. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब दक्षिणी राज्य के वन्य हिस्सों के नजदीक स्थित इलाकों के किसान और निवासी उन स्थानों पर एक किलोमीटर का पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्र (इको-सेंसेटिव जोन) बनाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बैठक की तस्वीरों के अलावा और कोई जानकारी नहीं दी है. एक आधिकारिक सूत्र ने सोमवार को कहा था कि बैठक में ईएसजेड मुद्दे पर बातचीत हो सकती है. सूत्रों ने बताया था कि इसके अलावा उत्तर में कासरगोड को दक्षिण में तिरुवनंतपुरम से जोड़ने वाली सेमी-हाईस्पीड रेल परियोजना सिल्वरलाइन के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने में देरी और कोविड-19 महामारी के दौरान से राज्य में वित्तीय संकट पर भी चर्चा हो सकती है.

बता दें कि केरल सरकार के सिल्‍वर लाइन(K-Rail) प्रोजेक्‍ट पर संकट के बाद मंडरा रहा है. केंद्र ने एक आधिकारिक आदेश जारी कर सिल्वर लाइन (के-रेल) परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए कार्यरत सभी राजस्व अधिकारियों को अन्य परियोजनाओं में शामिल करने के लिए कहा है. बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के कड़े विरोध के बावजूद, विजयन और उनकी टीम परियोजना के साथ आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित थे.

मेट्रोमैन ई. श्रीधरन ने भी के-रेल प्रस्ताव को 'मूर्खतापूर्ण' बताया था और कहा था कि इसे कभी भी लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह न तो आर्थिक रूप से व्यवहार्य है और न ही पर्यावरण की दृष्टि से उचित. गौरतलब है कि इस परियोजना की परिकल्पना तिरुवनंतपुरम से कासरगोड को जोड़ने वाले 529.45 किलोमीटर के कॉरिडोर के रूप में की गई थी.

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इस सेमी-हाई स्पीड ट्रेन में 10-12 घंटे की दूरी सिर्फ 4 से 5 घंटे में पूरी हो जाती. परियोजना में 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होने का अनुमान था. पार्टियों ने कहा कि एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा होने के अलावा, यह अगली पीढ़ी के लिए एक बड़ा बोझ होगा. लेकिन लंबे समय से, विजयन और सत्तारूढ़ वाम दल कह रहे थे कि लागत लगभग 65,000 करोड़ रुपये ही होगी.

(एक्सट्रा इनपुट-भाषा)

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