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केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ राज्य का नाम केरलम करने का प्रस्ताव - राज्य विधानसभा में प्रस्ताव

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश कर केंद्र से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर 'केरलम' करने का आग्रह किया है. यह प्रस्ताव बुधवार को सर्वसम्मति से पारित किया गया.

Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन
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Published : Aug 9, 2023, 6:33 PM IST

तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया. यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा पेश किया गया था, जिन्होंने केंद्र सरकार से भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में राज्य का नाम बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया था.

नाम बदलने के इस प्रस्ताव को कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने स्वीकार कर लिया, जिसने इसमें कोई संशोधन या बदलाव का सुझाव नहीं दिया. इसके बाद, स्पीकर एएन शमसीर द्वारा हाथों के प्रदर्शन के आधार पर इसे विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया घोषित किया गया. संकल्प पेश करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य को मलयालम में 'केरलम' कहा जाता था, लेकिन अन्य भाषाओं में यह अभी भी केरल ही है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही मलयालम भाषी समुदायों के लिए एकजुट केरल बनाने की आवश्यकता दृढ़ता से उभरी थी. लेकिन संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है.

उन्होंने कहा कि यह विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि वह संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे 'केरलम' के रूप में संशोधित करने के लिए तत्काल कदम उठाए और संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में इसका नाम बदलकर 'केरलम' कर दिया जाए.

(PTI)

तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया. यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा पेश किया गया था, जिन्होंने केंद्र सरकार से भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में राज्य का नाम बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया था.

नाम बदलने के इस प्रस्ताव को कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने स्वीकार कर लिया, जिसने इसमें कोई संशोधन या बदलाव का सुझाव नहीं दिया. इसके बाद, स्पीकर एएन शमसीर द्वारा हाथों के प्रदर्शन के आधार पर इसे विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया घोषित किया गया. संकल्प पेश करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य को मलयालम में 'केरलम' कहा जाता था, लेकिन अन्य भाषाओं में यह अभी भी केरल ही है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही मलयालम भाषी समुदायों के लिए एकजुट केरल बनाने की आवश्यकता दृढ़ता से उभरी थी. लेकिन संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है.

उन्होंने कहा कि यह विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि वह संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे 'केरलम' के रूप में संशोधित करने के लिए तत्काल कदम उठाए और संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में इसका नाम बदलकर 'केरलम' कर दिया जाए.

(PTI)

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