हैदराबाद: केरल की सभी 140 विधानसभाओं पर मंगलवार 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. केरल में 14 सीटें अनुसूचित जाति और 02 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.
140 सीटों पर इस बार कुल 957 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. जिनमें से 381 उम्मीदवार राष्ट्रीय और 52 उम्मीदवार क्षेत्रीय दलों के हैं जबकि 206 उम्मीदवार पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टी से संबंध रखते हैं. केरल चुनाव में 318 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
राष्ट्रीय पार्टियों में से बीजेपी ने सबसे ज्यादा 107 और कांग्रेस ने 87 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. वहीं सीपीएम और बसपा ने 72-72 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं.
इस बार 104 महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में ताल ठोक रही हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भी 104 महिलाएं ही चुनाव मैदान में थीं.
केरल में 2,74,46,039 मतदाता प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे. कुल मतदाताओं में से 1,32,83,724 पुरुष और 1,41,62,025 महिला वोटर्स हैं जबकि इस बार 290 थर्ड जेंडर मतदाता भी अपना वोट डालेंगे. मतदान के लिए केरल में 40,771 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.
किसके कितने दागी उम्मीदवार
एडीआर की तरफ से जिन 928 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया उनमें से 355 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 167 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
पार्टी वार ऐसे उम्मीदवारों की बात करें तो सबसे ज्यादा कांग्रेस के 77 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि बीजेपी के 76, सीपीएम के 49, आईयूएमएल के 17, केरल कांग्रेस(एम) के 4 और बसपा के 8 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
कांग्रेस के ही सर्वाधिक 47 उम्मीदवारों के खिलाप गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि बीजेपी के 38, सीपीएम के 19, आईयूएमएल के 6, सीपीआई के 2 और बसपा के 6 प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
केरल के करोड़पति उम्मीदवार
केरल में इस बार पिछले चुनाव से ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में 1125 उम्मीदवरों में से 202 करोड़पति थे जबकि इस बार कुल 928 उम्मीदवारों में से 249 करोड़पति उम्मीदवार हैं.
सबसे ज्यादा 49 करोड़पति उम्मीदवार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. बीजेपी के 34, सीपीएम के 32, आईयूएमएल पार्टी के 21, केरला कांग्रेस(एम) के 10 और सीपीआई के 7 उम्मीदवार करोड़पति है. खास बात ये हैं कि आईयूएमएल ने कुल 25 उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिनमें से 21 करोड़पति हैं. वहीं केरल कांग्रेस(एम) ने सिर्फ 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जिनमें से 10 करोड़पति हैं.
48 उम्मीदवारों की कुल संपत्ति 5 करोड़ या उससे अधिक है जबकि 96 प्रत्याशियों की संपत्ति 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच हैं. 50 लाख से 2 करोड़ तक की संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 241 है. 286 उम्मीदवारों के पास 10 लाख से 50 लाख तक की संपत्ति है और 257 प्रत्याशियों की कुल संपत्ति 10 लाख से कम है.
उम्मीदवारों की उम्र
उम्मीदवारों की उम्र की बात करें तो सबसे ज्यादा 57 फीसदी उम्मीदवारों की उम्र 41 साल से 60 साल तक है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 221 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी उम्र 25 साल से 40 साल के बीच है. जबकि 529 उम्मीदवारों की उम्र 41 साल से 60 साल के बीच है. 175 उम्मीदवारों की उम्र 61 से 80 साल के बीच है.
उम्र के हिसाब से 25 से 30 साल के 59 युवा इस बार चुनाव मैदान में हैं. जबकि 71 से 80 साल के 34 उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में है. 3 उम्मीदवारों की उम्र 80 साल से अधिक है.
प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता
केरल विधानसभा चुनाव में 514 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं तक है. 370 उम्मीदवार ग्रेजुएट या इससे अधिक पढ़े लिखे हैं. 24 डिप्लोमा होल्डर, 4 अशिक्षित और 5 शिक्षित उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. एक उम्मीदवार की तरफ से अपनी शिक्षा का ब्यौरा नहीं दिया गया था.
शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो 28 उम्मीदवार सिर्फ 5वीं पास हैं जबकि 87 उम्मीदवार 8वीं पास, 279 उम्मीदवार 10वीं पास और 120 उम्मीदवार 12वीं पास हैं. 126 उम्मीदवार ग्रेजुएट, 132 प्रत्याशी ग्रेजुएट प्रोफेशनल, 97 पोस्ट ग्रेजुएट, 24 डिप्लोमा होल्डर के अलावा 15 डॉक्ट्रेट भी हैं.
कई चेहरों की साख दांव पर
केरल में सत्ता बरकरार रखना सबसे बड़ी चुनौती है. मौजूदा वक्त में केरल में सीपीएम के नेृत्तव वाले लेफ्ट मोर्चा की सरकार है. बीते साल के अंत में हुए स्थानीय निकाय चुनाव जीतकर लेफ्ट मोर्चा इतिहास रचने की उम्मीद लगाए बैठा है. पूर्व रक्षा मंत्री और तीन बार केरल के मुख्यमंत्री रहे एके एंटनी ने इस बार कांग्रेस के नेतृ्त्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की सरकार बनाने की उम्मीद जताई है. उधर मौजूदा वक्त में बीजेपी की भले केरल विधानसभा में केवल एक विधायक हो लेकिन इस बार बीजेपी ने कई बड़े फैसले लिए हैं और जानकार मानते हैं कि इस बार बीजेपी कई दलों का खेल बिगाड़ सकती है.
इस चुनाव में कई बड़े चेहरों की साख दांव पर है. बीजेपी से लेकर कांग्रेस और अन्य दलों के नेता जीत के दावे कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पी विजयन के सामने मिशन रिपीट के साथ खुद की साख बनाए रखने की भी चुनौती है. उधर बीजेपी ने मेट्रो मैन ई. श्रीधरन को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने एक चाल पहले ही चल दी है. इसके अलावा के. सुरेंद्रम से लेकर ओमान चांडी और कुम्मनम राजशेखरन से लेकर मौजूदा सरकार के तमाम मंत्रियों और बड़े चेहरों की साख दांव पर है.