नई दिल्ली : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने त्योहारी मौसम के दौरान प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में 17 नवंबर तक हॉट मिक्स संयंत्र और स्टोन क्रशर को बंद करने का निर्देश दिया है. इसने पंजाब और हरियाणा की सरकार से भी कहा कि पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाएं. साथ ही सीपीसीबी ने दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों से कहा कि 'बायोमास' जलाए जाने पर कड़ाई से रोक लगाई जाए.
शीर्ष प्रदूषण निगरानी निकाय ने एक आदेश में कहा सड़कों की मशीन से सफाई और पानी छिड़काव में तेजी लाई जाए और खासकर ऐसी सड़कों पर, जहां धूल ज्यादा उड़ती हैं. इसने कहा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि निर्माण स्थलों पर धूल कम करने संबंधी दिशानिर्देश और मानक प्रक्रिया संचालन का कड़ाई से पालन हो. सीपीसीबी ने उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिए आदेश में कहा कि नियमों का उल्लंघन होने की दशा में उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जैसे उन पर जुर्माना लगाया जाए और निर्माण कार्य अस्थायी रूप से बंद कराया जाए.
इसने कहा एजेंसियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि अदालतों और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध के आदेशों का पालन हो. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में नवगठित पैनल द्वारा व्यवस्था बनाए जाने तक जीआरएपी लागू करने का अधिकार सीपीसीबी को सौंप दिया. आयोग ने निर्णय किया था कि एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब होने को देखते हुए जीआरएपी लागू करने की जरूरत है, जिसे केंद्र सरकार अधिसूचित कर चुकी है.
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ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी), दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में अपनाया जाने वाला प्रदूषण निरोधक उपाय है जिसे स्थिति की गंभीरता के अनुसार लागू किया जाता है और यह 15 अक्टूबर से लागू है.