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माइनस 15 डिग्री में तापमान में भी संवर रही केदारपुरी

केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में पुनर्निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है. तापमान -15 डिग्री तक गिर चुका है. वहीं, इस ठिठुरन भरी ठंड में भी केदारनाथ में मजदूर कार्य में जुटे हुए हैं. केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ में बर्फ नहीं जमी है, जब तक बर्फ नहीं जम जाती, कार्य जारी रखा जाएगा.

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Published : Dec 2, 2021, 6:33 PM IST

kedarnath etv bharat
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रुद्रप्रयाग : केदारनाथ आपदा के बाद से केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है. केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में शीतकाल के समय भी मजदूर कार्य में जुटे रहते हैं. जिस ठिठुरन भरी ठंड में लोग आग तापकर शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं, वहीं केदारनाथ में माइनस डिग्री में भी मजदूर कार्य में जुटे रहते हैं. धाम में ढाई सौ से अधिक मजदूर अलग-अलग निर्माण कार्यों में लगे हुए हैं, कड़ाके की ठंड में तमाम परेशानियों से जूझने के बावजूद पूरे जोश के साथ मजदूर कार्य करने में लगे हैं. धाम में कभी-कभार हल्की बर्फबारी भी हो रही है.

पहाड़ी क्षेत्रों में नवंबर माह आने के बाद से ही ठंड का असर ज्यादा पड़ने लगता है. ऐसे में लोग गर्म कपड़ों के साथ ही अपने शरीर को ठंड से बचाने के लिए अलग-अलग उपाय करते हैं. जहां लोग हल्का सा मौसम खराब होने और बारिश होने पर रूम हीटर से लेकर चूल्हे की आग तापने का काम करते हैं, वहीं समुद्रतल से 11,700 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में मजदूर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे हुए हैं. दिसंबर का माह शुरू हो गया है और केदारनाथ में तापमान माइनस 15 डिग्री चल रहा है. वहीं मजदूरों का जोश कड़ाके की ठंड भी हाई है. हड्डियों को गला देने वाली ठंड में भी केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य जारी है.

माइनस 15 डिग्री में तापमान में भी संवर रही केदारपुरी

ठंड होने के बावजूद यहां की जीवनचर्या पूरी तरह बदल जाती है. पहले अपने शरीर को बर्फ के अनुकूल ढालना और फिर कार्य करना. बर्फबारी होने पर कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए पूरी रात भर सतर्क रहना पड़ता है. केदारनाथ में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं. जिसमें चिकित्सालय भवन, तीर्थ पुरोहितों के घर, पुलिस चौकी, बाढ़ सुरक्षा कार्य, देवस्थानम बोर्ड के भवन आदि कार्य चल रहे हैं. इन सभी कार्यों में ढाई सौ से अधिक मजदूर जुटे हुए हैं. केदारनाथ धाम में सत्य साईं बिल्डर्स एंड कांट्रेक्टर कंपनी के दो सौ से ज्यादा मजूदर कार्यरत हैं, जबकि वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के 58 मजदूर पुनर्निर्माण कार्य में जुटे हैं.

आने वाला समय इन मजदूरों की और अधिक कठिन परीक्षा लेगा. हालांकि केदारनाथ धाम में जब तक बर्फ नहीं जम जाती, तब तक कार्य गति से चलते रहेंगे. यहां पर बर्फ जमने पर मजदूर कार्य को छोड़कर नीचे आ जाएंगे. ठंड बढ़ने पर केदारनाथ में सात से आठ फीट बर्फ जम जाती है. जिसके बाद केदारनाथ में निर्माण कार्य करना संभव नहीं हो पाता है, ऐसे में मजदूर वापस लौट जाते हैं.

वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ में इन दिनों ठंड काफी बढ़ गई है. इसके बावजूद वुड स्टोन कंपनी के 58 से अधिक मजदूर कार्य करे हैं, जबकि अन्य कंपनी के दो सौ से अधिक मजदूर भी अन्य कार्यों में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि केदारनाथ में बर्फ जमने पर कार्य करना मुश्किल हो जाता है. सात से आठ फीट बर्फ जम जाने के बाद दो से चार माह तक कार्य पूरी तरह प्रभावित रहता है. वर्तमान में केदारनाथ में बर्फ नहीं जमी है, जिससे निर्माण कार्य चल रहा है. जब तक बर्फ नहीं जम जाती, कार्य जारी रखा जाएगा.

पढ़ेंः उत्तराखंड में कोरोना ने बढ़ाया टेंशन, 50 से अधिक पुलिसकर्मी कोविड पॉजिटिव

रुद्रप्रयाग : केदारनाथ आपदा के बाद से केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है. केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में शीतकाल के समय भी मजदूर कार्य में जुटे रहते हैं. जिस ठिठुरन भरी ठंड में लोग आग तापकर शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं, वहीं केदारनाथ में माइनस डिग्री में भी मजदूर कार्य में जुटे रहते हैं. धाम में ढाई सौ से अधिक मजदूर अलग-अलग निर्माण कार्यों में लगे हुए हैं, कड़ाके की ठंड में तमाम परेशानियों से जूझने के बावजूद पूरे जोश के साथ मजदूर कार्य करने में लगे हैं. धाम में कभी-कभार हल्की बर्फबारी भी हो रही है.

पहाड़ी क्षेत्रों में नवंबर माह आने के बाद से ही ठंड का असर ज्यादा पड़ने लगता है. ऐसे में लोग गर्म कपड़ों के साथ ही अपने शरीर को ठंड से बचाने के लिए अलग-अलग उपाय करते हैं. जहां लोग हल्का सा मौसम खराब होने और बारिश होने पर रूम हीटर से लेकर चूल्हे की आग तापने का काम करते हैं, वहीं समुद्रतल से 11,700 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में मजदूर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे हुए हैं. दिसंबर का माह शुरू हो गया है और केदारनाथ में तापमान माइनस 15 डिग्री चल रहा है. वहीं मजदूरों का जोश कड़ाके की ठंड भी हाई है. हड्डियों को गला देने वाली ठंड में भी केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य जारी है.

माइनस 15 डिग्री में तापमान में भी संवर रही केदारपुरी

ठंड होने के बावजूद यहां की जीवनचर्या पूरी तरह बदल जाती है. पहले अपने शरीर को बर्फ के अनुकूल ढालना और फिर कार्य करना. बर्फबारी होने पर कोई नुकसान न पहुंचे, इसके लिए पूरी रात भर सतर्क रहना पड़ता है. केदारनाथ में इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं. जिसमें चिकित्सालय भवन, तीर्थ पुरोहितों के घर, पुलिस चौकी, बाढ़ सुरक्षा कार्य, देवस्थानम बोर्ड के भवन आदि कार्य चल रहे हैं. इन सभी कार्यों में ढाई सौ से अधिक मजदूर जुटे हुए हैं. केदारनाथ धाम में सत्य साईं बिल्डर्स एंड कांट्रेक्टर कंपनी के दो सौ से ज्यादा मजूदर कार्यरत हैं, जबकि वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के 58 मजदूर पुनर्निर्माण कार्य में जुटे हैं.

आने वाला समय इन मजदूरों की और अधिक कठिन परीक्षा लेगा. हालांकि केदारनाथ धाम में जब तक बर्फ नहीं जम जाती, तब तक कार्य गति से चलते रहेंगे. यहां पर बर्फ जमने पर मजदूर कार्य को छोड़कर नीचे आ जाएंगे. ठंड बढ़ने पर केदारनाथ में सात से आठ फीट बर्फ जम जाती है. जिसके बाद केदारनाथ में निर्माण कार्य करना संभव नहीं हो पाता है, ऐसे में मजदूर वापस लौट जाते हैं.

वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि केदारनाथ में इन दिनों ठंड काफी बढ़ गई है. इसके बावजूद वुड स्टोन कंपनी के 58 से अधिक मजदूर कार्य करे हैं, जबकि अन्य कंपनी के दो सौ से अधिक मजदूर भी अन्य कार्यों में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि केदारनाथ में बर्फ जमने पर कार्य करना मुश्किल हो जाता है. सात से आठ फीट बर्फ जम जाने के बाद दो से चार माह तक कार्य पूरी तरह प्रभावित रहता है. वर्तमान में केदारनाथ में बर्फ नहीं जमी है, जिससे निर्माण कार्य चल रहा है. जब तक बर्फ नहीं जम जाती, कार्य जारी रखा जाएगा.

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