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Kaziranga National Park: असम में सामने आया गैंडों के अवैध शिकार का 2023 का पहला मामला, शिकारी काट ले गए सींग - काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों की बड़ी आबादी

असम राज्य में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों की बड़ी आबादी है. साल 2022 में इन गैंडों का एक भी अवैध शिकार नहीं किया गया, लेकिन साल 2023 में इनके शिकार का पहला मामला सामने आया है. वन विभाग को गैंडे का शव बरामद हुआ है, जिसका सींग कटा हुआ था.

Rhino poaching in Kaziranga National Park
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों का शिकार
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Published : Mar 27, 2023, 4:57 PM IST

काजीरंगा: वर्ष 2022 में शून्य गैंडों के अवैध शिकार के रिकॉर्ड के बाद असम में इस वर्ष गैंडों के अवैध शिकार का पहला मामला सामने आया है. गौरतलब है कि असम राज्य अपने एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है. विशेष रूप से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी बस्ती पाई जाती है, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. लेकिन समान रूप से राज्य कई दशकों से गैंडों के अवैध शिकार की सबसे बड़ी समस्या का सामना कर रहा था.

पिछले साल के सरकारी आंकड़ों की माने तो असम राज्य में एक भी शिकार नहीं हुआ था. लेकिन इस साल अवैध शिकार का पहला मामला काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बगारी रेंज में दर्ज किया गया. रविवार को वन रक्षकों ने राष्ट्रीय उद्यान के बगारी रेंज के अंतर्गत कठपारा वन शिविर के बरमा बील में एक गैंडे का शव बरामद किया. शव आर्द्रभूमि के पास बिना सींग के बरामद किया गया.

वनकर्मियों को शक है कि शिकारी ने गैंडे को मारकर उसका सींग काट लिया और ले गया. उन्हें यह भी आशंका है कि गैंडे की हत्या 4 से 5 दिन पहले की गई होगी. आपको बता दें कि साल 2018 के बाद केएनपी के बगारी रेंज में गैंडों के अवैध शिकार का यह पहला मामला है. जिला वन अधिकारी रमेश कुमार गोगोई ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी है. एक सूत्र के मुताबिक, 2000 से 2021 तक असम में कम से कम 190 गैंडों को उनके सींगों के लिए मार दिया गया था.

पढ़ें: BORDER TALKS: सीमा मुद्दों पर चर्चा के लिए असम, अरुणाचल के मंत्रियों की बैठक

वर्ष 2022 में, असम सरकार ने राज्य के विभिन्न कोषागारों में संरक्षित सभी गैंडों के सींगों को जलाने का निर्णय लिया. बोकाखाट में सरकार ने सींगों को जला दिया और घोषणा की कि लोगों के बीच यह अफवाह थी कि गैंडे के सींग सबसे मूल्यवान हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. अवैध शिकार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए असम सरकार और वन विभाग ने वर्ष 2022 में शून्य अवैध शिकार का रिकॉर्ड कायम किया.

काजीरंगा: वर्ष 2022 में शून्य गैंडों के अवैध शिकार के रिकॉर्ड के बाद असम में इस वर्ष गैंडों के अवैध शिकार का पहला मामला सामने आया है. गौरतलब है कि असम राज्य अपने एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है. विशेष रूप से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी बस्ती पाई जाती है, जो पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. लेकिन समान रूप से राज्य कई दशकों से गैंडों के अवैध शिकार की सबसे बड़ी समस्या का सामना कर रहा था.

पिछले साल के सरकारी आंकड़ों की माने तो असम राज्य में एक भी शिकार नहीं हुआ था. लेकिन इस साल अवैध शिकार का पहला मामला काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बगारी रेंज में दर्ज किया गया. रविवार को वन रक्षकों ने राष्ट्रीय उद्यान के बगारी रेंज के अंतर्गत कठपारा वन शिविर के बरमा बील में एक गैंडे का शव बरामद किया. शव आर्द्रभूमि के पास बिना सींग के बरामद किया गया.

वनकर्मियों को शक है कि शिकारी ने गैंडे को मारकर उसका सींग काट लिया और ले गया. उन्हें यह भी आशंका है कि गैंडे की हत्या 4 से 5 दिन पहले की गई होगी. आपको बता दें कि साल 2018 के बाद केएनपी के बगारी रेंज में गैंडों के अवैध शिकार का यह पहला मामला है. जिला वन अधिकारी रमेश कुमार गोगोई ने मीडिया को इस बात की जानकारी दी है. एक सूत्र के मुताबिक, 2000 से 2021 तक असम में कम से कम 190 गैंडों को उनके सींगों के लिए मार दिया गया था.

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वर्ष 2022 में, असम सरकार ने राज्य के विभिन्न कोषागारों में संरक्षित सभी गैंडों के सींगों को जलाने का निर्णय लिया. बोकाखाट में सरकार ने सींगों को जला दिया और घोषणा की कि लोगों के बीच यह अफवाह थी कि गैंडे के सींग सबसे मूल्यवान हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है. अवैध शिकार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए असम सरकार और वन विभाग ने वर्ष 2022 में शून्य अवैध शिकार का रिकॉर्ड कायम किया.

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