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डिजिटल इंडिया के युग में भी स्किल्ड युवाओं की कमी, उत्तराखंड में भी योजना पर उठे सवाल

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Published : Jul 8, 2023, 1:46 PM IST

Updated : Jul 8, 2023, 3:07 PM IST

कौशल विकास के माध्यम से उद्योगों की मांग के अनुसार जॉब के गैप को आसानी से भरा जा सकता है. इसकी कवायद भी पूरे देश में जोरों पर चल रही है. लेकिन उत्तराखंड में सरकारी सिस्टम की सुस्त चाल इस योजना पर भारी पड़ रही है. अभी तक कई युवा स्किल्ड होने का इंतजार कर रहे हैं.

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डिजिटल इंडिया के युग मे भी स्किल्ड युवाओं की कमी

देहरादून: देश में युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा अक्सर उठता रहा है. लेकिन एक हकीकत यह भी है कि बेहतर रोजगार के लिए देश में काबिल युवाओं की बेहद कमी है. शायद इन्ही स्थितियों को देखते हुए स्किल इंडिया प्रोग्राम देश में चलाया गया. लेकिन अब भी रिपोर्ट बताती है कि करीब 50% युवा रोजगार के लिए स्किल्ड नहीं हो पाया हैं. उत्तराखंड में सरकारी सिस्टम के जरिए पिछले 5 साल में केवल 2% युवाओं को ही रोजगार दिया जा सका है. देखिए खास रिपोर्ट...

बढ़ती जा रही बेरोजगारी: देश में स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत युवाओं के कौशल को बढ़ाया तो जा रहा है. लेकिन अभी यह कार्यक्रम 50% युवाओं को रोजगार के लायक बनाने में ही कामयाब हो सका है. पिछले दिनों इंडिया स्किल रिपोर्ट 2023 में यह स्पष्ट किया गया था कि देश में करीब 50.3% युवा ही रोजगार के लिए स्किल्ड हैं. इसमें बड़े राज्य में रहने वाले युवाओं की संख्या बेहद ज्यादा है जबकि छोटे राज्य रोजगार देने से लेकर स्किल्ड युवाओं के मामले में इस लिहाज से पीछे हैं. हालांकि जो रिपोर्ट सामने आई है उससे यह भी साफ हो गया है कि साल दर साल देश में स्किल्ड युवाओं की संख्या बढ़ रही है. क्योंकि पिछले साल स्किल युवाओं का ग्राफ 46% के आसपास था, जो अब बढ़कर करीब 50% हो गया है.

Kaushal Vikas Yojana
आंकड़े कर रहे हकीकत बयां
पढ़ें-DU के ग्रेजुएट दो युवाओं ने गांव लौट कर बदल दी किस्मत, 10 हेक्टेयर बंजर भूमि पर उगा दिया 'सोना'

युवाओं को स्किल्ड होने का इंतजार: लेकिन अब भी देश में अनस्किल्ड युवाओं की बड़ी फौज मौजूद है. स्किल्ड युवाओं की संख्या उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र कर्नाटक दिल्ली जैसे राज्य में सबसे ज्यादा है. रोजगार के लिए लिहाज से उत्तराखंड हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य टॉप 10 में भी कहीं नहीं हैं. जाहिर है कि रोजगार के मौके भी बड़े राज्य और शहरों में ज्यादा है और स्किल युवाओं की संख्या भी इन्हीं शहरों और राज्यों में अधिक मिली है.देश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की गई थी और इसका मकसद युवाओं को स्किल्ड करना था ताकि विभिन्न बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में स्किल्ड युवाओं की जरूरत को पूरा किया जा सके और देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भारत के युवा रोजगार के लिहाज से मुफीद हो.

योजना पर क्या कह रही कांग्रेस: हालांकि इंडिया स्किल की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार की घेराबंदी की है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट कहते हैं कि स्किल इंडिया के नाम पर कई बड़े-बड़े दावे किए गए और इस प्रोजेक्ट के लिए खुद की पीठ भी थपथपाई गई, लेकिन आज यह प्रोजेक्ट केवल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है और तमाम आरोप इस योजना में अब तक लगते रहे हैं. जबकि युवाओं को स्किल्ड करने में यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से कामयाब नहीं दिखाई दिया. उत्तराखंड में भी कौशल विकास योजना का संचालन हो रहा है और इसके तहत विभिन्न केंद्रों को खोले जाने की भी जानकारी समय-समय पर मिलती रही है. खास बात यह है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत राज्य को करोड़ों रुपए मिल रहा है.
पढ़ें-देहरादून रोजगार मेले में उमड़ी युवाओं की भीड़, 69 अभ्यर्थियों को मिली नौकरी

योजना पर उठते रहे हैं सवाल: लेकिन योजना उत्तराखंड में बेहद ज्यादा विवादों में रही है. अक्सर इस योजना में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं हाल ही में आरटीआई के जरिए ऐसे ही एक भ्रष्टाचार के आरोप इस योजना पर लगाए गए थे. उधर दूसरी तरफ रोजगार देने के लिहाज से देखा जाए तो सेवायोजन विभाग में रजिस्टर्ड लाखों बेरोजगार युवाओं की तुलना में केवल 2% युवाओं को ही रोजगार मेलों के जरिए अब तक नौकरी दी जा सकी है. इंडिया स्किल रिपोर्ट 2023 के बहाने कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को कटघरे में खड़ा किया है और आंकड़ों के लिहाज से देश में करीब 50% युवाओं के स्किल्ड ना हो पाने पर सवाल खड़े किए हैं.

आखिर कब मिलेगा युवाओं को रोजगार: हालांकि यह बात भी सच है कि पिछले 1 साल में स्किल्ड युवाओं की संख्या में 5% तक की बढ़ोतरी हुई है. इसी आंकड़े के बल पर भाजपा ने केंद्र सरकार के कौशल विकास प्रोग्राम को सफल बताया है. जबकि उत्तराखंड में भी पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा लगातार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रयास किए जाने की बात भी कही गई है.

डिजिटल इंडिया के युग मे भी स्किल्ड युवाओं की कमी

देहरादून: देश में युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा अक्सर उठता रहा है. लेकिन एक हकीकत यह भी है कि बेहतर रोजगार के लिए देश में काबिल युवाओं की बेहद कमी है. शायद इन्ही स्थितियों को देखते हुए स्किल इंडिया प्रोग्राम देश में चलाया गया. लेकिन अब भी रिपोर्ट बताती है कि करीब 50% युवा रोजगार के लिए स्किल्ड नहीं हो पाया हैं. उत्तराखंड में सरकारी सिस्टम के जरिए पिछले 5 साल में केवल 2% युवाओं को ही रोजगार दिया जा सका है. देखिए खास रिपोर्ट...

बढ़ती जा रही बेरोजगारी: देश में स्किल इंडिया प्रोग्राम के तहत युवाओं के कौशल को बढ़ाया तो जा रहा है. लेकिन अभी यह कार्यक्रम 50% युवाओं को रोजगार के लायक बनाने में ही कामयाब हो सका है. पिछले दिनों इंडिया स्किल रिपोर्ट 2023 में यह स्पष्ट किया गया था कि देश में करीब 50.3% युवा ही रोजगार के लिए स्किल्ड हैं. इसमें बड़े राज्य में रहने वाले युवाओं की संख्या बेहद ज्यादा है जबकि छोटे राज्य रोजगार देने से लेकर स्किल्ड युवाओं के मामले में इस लिहाज से पीछे हैं. हालांकि जो रिपोर्ट सामने आई है उससे यह भी साफ हो गया है कि साल दर साल देश में स्किल्ड युवाओं की संख्या बढ़ रही है. क्योंकि पिछले साल स्किल युवाओं का ग्राफ 46% के आसपास था, जो अब बढ़कर करीब 50% हो गया है.

Kaushal Vikas Yojana
आंकड़े कर रहे हकीकत बयां
पढ़ें-DU के ग्रेजुएट दो युवाओं ने गांव लौट कर बदल दी किस्मत, 10 हेक्टेयर बंजर भूमि पर उगा दिया 'सोना'

युवाओं को स्किल्ड होने का इंतजार: लेकिन अब भी देश में अनस्किल्ड युवाओं की बड़ी फौज मौजूद है. स्किल्ड युवाओं की संख्या उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र कर्नाटक दिल्ली जैसे राज्य में सबसे ज्यादा है. रोजगार के लिए लिहाज से उत्तराखंड हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य टॉप 10 में भी कहीं नहीं हैं. जाहिर है कि रोजगार के मौके भी बड़े राज्य और शहरों में ज्यादा है और स्किल युवाओं की संख्या भी इन्हीं शहरों और राज्यों में अधिक मिली है.देश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की गई थी और इसका मकसद युवाओं को स्किल्ड करना था ताकि विभिन्न बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में स्किल्ड युवाओं की जरूरत को पूरा किया जा सके और देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में भारत के युवा रोजगार के लिहाज से मुफीद हो.

योजना पर क्या कह रही कांग्रेस: हालांकि इंडिया स्किल की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने राज्य और केंद्र सरकार की घेराबंदी की है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट कहते हैं कि स्किल इंडिया के नाम पर कई बड़े-बड़े दावे किए गए और इस प्रोजेक्ट के लिए खुद की पीठ भी थपथपाई गई, लेकिन आज यह प्रोजेक्ट केवल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है और तमाम आरोप इस योजना में अब तक लगते रहे हैं. जबकि युवाओं को स्किल्ड करने में यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से कामयाब नहीं दिखाई दिया. उत्तराखंड में भी कौशल विकास योजना का संचालन हो रहा है और इसके तहत विभिन्न केंद्रों को खोले जाने की भी जानकारी समय-समय पर मिलती रही है. खास बात यह है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत राज्य को करोड़ों रुपए मिल रहा है.
पढ़ें-देहरादून रोजगार मेले में उमड़ी युवाओं की भीड़, 69 अभ्यर्थियों को मिली नौकरी

योजना पर उठते रहे हैं सवाल: लेकिन योजना उत्तराखंड में बेहद ज्यादा विवादों में रही है. अक्सर इस योजना में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं हाल ही में आरटीआई के जरिए ऐसे ही एक भ्रष्टाचार के आरोप इस योजना पर लगाए गए थे. उधर दूसरी तरफ रोजगार देने के लिहाज से देखा जाए तो सेवायोजन विभाग में रजिस्टर्ड लाखों बेरोजगार युवाओं की तुलना में केवल 2% युवाओं को ही रोजगार मेलों के जरिए अब तक नौकरी दी जा सकी है. इंडिया स्किल रिपोर्ट 2023 के बहाने कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को कटघरे में खड़ा किया है और आंकड़ों के लिहाज से देश में करीब 50% युवाओं के स्किल्ड ना हो पाने पर सवाल खड़े किए हैं.

आखिर कब मिलेगा युवाओं को रोजगार: हालांकि यह बात भी सच है कि पिछले 1 साल में स्किल्ड युवाओं की संख्या में 5% तक की बढ़ोतरी हुई है. इसी आंकड़े के बल पर भाजपा ने केंद्र सरकार के कौशल विकास प्रोग्राम को सफल बताया है. जबकि उत्तराखंड में भी पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा लगातार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रयास किए जाने की बात भी कही गई है.

Last Updated : Jul 8, 2023, 3:07 PM IST
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