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Meri Jaan Song On Youtube: कश्मीरी सूफ़ी गायक अब्दुल रशीद हाफ़िज ने YouTube पर किया डेब्यू, 'मेरी जान' गाना रिलीज - असीस कौर

कश्मीर के प्रसिद्ध सूफी गायक अब्दुल रशीद हाफिज का एक नया गाना 'मेरी जान' मंगलवार को यूट्यूब पर रिलीज हुआ. इस गीत को कश्मीरी और हिंदी भाषा में गाया गया, जिसमें हिंदी भाग को असीस कौर ने गाया है, वहीं कश्मीरी भाग को अब्दुल रशीद ने अपनी आवाज दी है. यूट्यूब पर यह गीत बहुत तेजी से वायरल हो रहा है और 24 घंटे के भीतर ही इसे ढाई लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. Saleem Suleman, Asees Kaur, Abdul Rashid Hafiz, Meri Jaan Song.

Sufi singer Abdul Rashid Hafiz
सूफ़ी गायक अब्दुल रशीद हाफ़िज
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 18, 2023, 3:19 PM IST

श्रीनगर: प्रसिद्ध कश्मीरी सूफी गायक अब्दुल रशीद हाफीज ने उस समय इंटरनेट पर तहलका मचा दिया, जब बॉलीवुड के दिग्गज संगीतकार सलीम-सुलेमान और मिथुन के साथ उनका पहला गाना मंगलवार को यूट्यूब पर रिलीज हुआ. संगीत निर्देशक मिथुन और अब्दुल रशीद हाफिज द्वारा लिखा गया गीत 'मेरी जान' हिंदी और कश्मीरी में गाया गया है. 'रातां लाम्बियां' फेम असीस कौर ने भी इस गीत को अपनी आवाज दी है.

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गाने में हाफ़िज को उनकी लोकप्रिय सूफ़ी धुनों में से एक 'या तुली खंजर मारे, नट-ए-सानी शबा रूज़ाय' गाते हुए सुना जा सकता है. संगीत निर्देशक मिथुन और कोरस को गाने के कश्मीरी भाग की नकल करते हुए हाफ़िज़ का अनुसरण करते हुए देखा जा सकता है. संगीत निर्देशक जोड़ी, जो अपनी संगीत यात्रा 'भूमि' में लोक और आधुनिक संगीत को मिलाने के लिए प्रसिद्ध है, ने इस सीज़न में मिथुन के संगीत को हाफ़िज़ के सूफी गीत के साथ संयोजित करने का विकल्प चुना.

सलीम-सुलेमान ने यूट्यूब पर गाने के ट्रेलर को उनकी मनमोहक धुनों में से एक बताया. सलीम मर्चेंट ने इंस्टाग्राम पर कहा कि 'पेश है भूमि 2023 का चौथा गाना, अविश्वसनीय मिथुन का 'मेरी जान' और यह बहुत खास है, क्योंकि यह एक हिंदी-कश्मीरी गाना है, जिसका हिंदी भाग असीस कौर द्वारा गाया गया है और रशीद साहब द्वारा एक खूबसूरत कश्मीर रचना गायी गई है.

उन्होंने आगे कहा कि 'हिंदी खंड ए एम तुराज़ साहब द्वारा लिखा गया था, और कश्मीरी खंड अब्दुल अहद नाज़िम जी द्वारा लिखा गया था. संगीत निर्देशक सलीम ने एक वीडियो संदेश में कहा कि गाने में कश्मीरी स्पर्श ने इसे उनके लिए और भी यादगार बना दिया. उन्होंने टिप्पणी की कि 'यह गाना मेरे लिए बहुत खास है, क्योंकि यह मुझे कश्मीर की घाटियों में ले जाता है. मिथुन और अब्दुल रशीद हाफ़िज़ ने इसे अच्छा लिखा है और असीस कौर और अब्दुल रशीद हाफ़िज़ साहब ने इसे गाया है.'

इस कश्मीरी-बॉलीवुड सहयोग ने सोशल मीडिया पर दुनिया भर के संगीत प्रशंसकों से काफी सराहना अर्जित की है. गाने को यूट्यूब पर सिर्फ 24 घंटे में 2,72,341 से ज्यादा लोग देख चुके हैं. मलिक आनीफ नाम के एक यूजर ने यूट्यूब पर कमेंट किया कि 'अब्दुल रशीद हाफ़िज़ साहब के लिए बहुत सम्मान. यह उत्कृष्ट कृति मेरे रोंगटे खड़े कर रही है. पूरे दिन मैं इसे लूप पर सुनता रहा हूं. हे भगवान, यह मेरे कानों के लिए कुछ नया है. वाह भावपूर्ण आवाज़ और पूरी टीम को विशेष धन्यवाद जिन्होंने इस उत्कृष्ट कृति को बनाने में योगदान दिया...'

श्रीनगर: प्रसिद्ध कश्मीरी सूफी गायक अब्दुल रशीद हाफीज ने उस समय इंटरनेट पर तहलका मचा दिया, जब बॉलीवुड के दिग्गज संगीतकार सलीम-सुलेमान और मिथुन के साथ उनका पहला गाना मंगलवार को यूट्यूब पर रिलीज हुआ. संगीत निर्देशक मिथुन और अब्दुल रशीद हाफिज द्वारा लिखा गया गीत 'मेरी जान' हिंदी और कश्मीरी में गाया गया है. 'रातां लाम्बियां' फेम असीस कौर ने भी इस गीत को अपनी आवाज दी है.

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गाने में हाफ़िज को उनकी लोकप्रिय सूफ़ी धुनों में से एक 'या तुली खंजर मारे, नट-ए-सानी शबा रूज़ाय' गाते हुए सुना जा सकता है. संगीत निर्देशक मिथुन और कोरस को गाने के कश्मीरी भाग की नकल करते हुए हाफ़िज़ का अनुसरण करते हुए देखा जा सकता है. संगीत निर्देशक जोड़ी, जो अपनी संगीत यात्रा 'भूमि' में लोक और आधुनिक संगीत को मिलाने के लिए प्रसिद्ध है, ने इस सीज़न में मिथुन के संगीत को हाफ़िज़ के सूफी गीत के साथ संयोजित करने का विकल्प चुना.

सलीम-सुलेमान ने यूट्यूब पर गाने के ट्रेलर को उनकी मनमोहक धुनों में से एक बताया. सलीम मर्चेंट ने इंस्टाग्राम पर कहा कि 'पेश है भूमि 2023 का चौथा गाना, अविश्वसनीय मिथुन का 'मेरी जान' और यह बहुत खास है, क्योंकि यह एक हिंदी-कश्मीरी गाना है, जिसका हिंदी भाग असीस कौर द्वारा गाया गया है और रशीद साहब द्वारा एक खूबसूरत कश्मीर रचना गायी गई है.

उन्होंने आगे कहा कि 'हिंदी खंड ए एम तुराज़ साहब द्वारा लिखा गया था, और कश्मीरी खंड अब्दुल अहद नाज़िम जी द्वारा लिखा गया था. संगीत निर्देशक सलीम ने एक वीडियो संदेश में कहा कि गाने में कश्मीरी स्पर्श ने इसे उनके लिए और भी यादगार बना दिया. उन्होंने टिप्पणी की कि 'यह गाना मेरे लिए बहुत खास है, क्योंकि यह मुझे कश्मीर की घाटियों में ले जाता है. मिथुन और अब्दुल रशीद हाफ़िज़ ने इसे अच्छा लिखा है और असीस कौर और अब्दुल रशीद हाफ़िज़ साहब ने इसे गाया है.'

इस कश्मीरी-बॉलीवुड सहयोग ने सोशल मीडिया पर दुनिया भर के संगीत प्रशंसकों से काफी सराहना अर्जित की है. गाने को यूट्यूब पर सिर्फ 24 घंटे में 2,72,341 से ज्यादा लोग देख चुके हैं. मलिक आनीफ नाम के एक यूजर ने यूट्यूब पर कमेंट किया कि 'अब्दुल रशीद हाफ़िज़ साहब के लिए बहुत सम्मान. यह उत्कृष्ट कृति मेरे रोंगटे खड़े कर रही है. पूरे दिन मैं इसे लूप पर सुनता रहा हूं. हे भगवान, यह मेरे कानों के लिए कुछ नया है. वाह भावपूर्ण आवाज़ और पूरी टीम को विशेष धन्यवाद जिन्होंने इस उत्कृष्ट कृति को बनाने में योगदान दिया...'

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