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'कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा नहीं लेने पर हलफनामा देने को कहा'

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडित परिवारों को सुरक्षा की पेशकश की है, लेकिन जो सुरक्षा नहीं लेना चाहते उन्हें एक हलफनामा देना होगा, जिसमें कहा गया है कि वे इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे. हालांकि कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू का कहना है कि अधिकांश कश्मीरी पंडितों ने यह हलफनामा देने से इनकार कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू
कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू
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Published : Oct 24, 2021, 7:50 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडित परिवारों को सुरक्षा की पेशकश की है, लेकिन जो सुरक्षा नहीं लेना चाहते उन्हें एक हलफनामा देना होगा, जिसमें कहा गया है कि वे इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे. कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू (Kashmiri Pandit leader Sanjay Tickoo) ने कहा कि अधिकांश कश्मीरी पंडितों ने यह हलफनामा देने से इनकार कर दिया है.

उन्होंने कहा, हमें सुरक्षा बलों के लिए अपने घरों में दो कमरे देने के लिए कहा गया है, अधिकतम लोगों ने उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उनसे संबंधित एसएसपी को संबोधित एक वचनबद्धता ली जाती है कि वे सुरक्षा नहीं लेना चाहते हैं.

टिक्कू ने कहा, अंत में एक पंक्ति है, जिसमें लिखा है कि भगवान ना करे अगर कुछ होता है, तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस या सरकार पर नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि उन्होंने आईजी पुलिस और उपराज्यपाल के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

उन्होंने कहा, मैंने इसे एलजी और आईजीपी के सामने रखा है और उनसे पूछा है कि यह सब क्या है? लेकिन कोई जवाब नहीं आया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

पढ़ें : अमेरिका में कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर में नागरिकों की लक्षित हत्याओं की निंदा की

नब्बे के दशक की शुरूआत में कश्मीर में उग्रवाद के प्रकोप के बाद कश्मीरी पंडितों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ, लेकिन 800 से अधिक पंडित परिवार डटे रहे और पलायन नहीं किया.

हाल ही में, कई नागरिकों को निशाना बनाया गया है और उनमें से कुछ कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य थे.

(आईएएनएस)

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडित परिवारों को सुरक्षा की पेशकश की है, लेकिन जो सुरक्षा नहीं लेना चाहते उन्हें एक हलफनामा देना होगा, जिसमें कहा गया है कि वे इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे. कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू (Kashmiri Pandit leader Sanjay Tickoo) ने कहा कि अधिकांश कश्मीरी पंडितों ने यह हलफनामा देने से इनकार कर दिया है.

उन्होंने कहा, हमें सुरक्षा बलों के लिए अपने घरों में दो कमरे देने के लिए कहा गया है, अधिकतम लोगों ने उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उनसे संबंधित एसएसपी को संबोधित एक वचनबद्धता ली जाती है कि वे सुरक्षा नहीं लेना चाहते हैं.

टिक्कू ने कहा, अंत में एक पंक्ति है, जिसमें लिखा है कि भगवान ना करे अगर कुछ होता है, तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस या सरकार पर नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि उन्होंने आईजी पुलिस और उपराज्यपाल के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

उन्होंने कहा, मैंने इसे एलजी और आईजीपी के सामने रखा है और उनसे पूछा है कि यह सब क्या है? लेकिन कोई जवाब नहीं आया, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

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नब्बे के दशक की शुरूआत में कश्मीर में उग्रवाद के प्रकोप के बाद कश्मीरी पंडितों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ, लेकिन 800 से अधिक पंडित परिवार डटे रहे और पलायन नहीं किया.

हाल ही में, कई नागरिकों को निशाना बनाया गया है और उनमें से कुछ कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य थे.

(आईएएनएस)

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