श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को दफनाने के संबंध में सोशल नेटवर्किंग साइट ट्यूटर पर कई वीडियो जारी करते हुए कहा है कि उनकी मृत्यु के बाद, उनका स्नान और दफन सम्मान के साथ किया गया था. उनका अंतिम संस्कार शरिया को ध्यान में रखते हुए किया गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार रात अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिवार के उनके अंतिम संस्कार और दफनाने के दावों को खारिज करते हुए कहा सोशल मीडिया पर कई वीडियो जारी किए गए, जिनमें सैयद अली शाह गिलानी के शरीर को (गुसल) नहलाया जा रहा है और उनका कफन पहनाया जा रहा है. इतना ही नहीं उनके जनाजे की नमाज भी पढ़ी गई.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसके अधिकारियों को तब अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर पर तीन घंटे इंतजार करना पड़ा था जब वे उनकी मृत्यु के बाद उन्हें दफनाने के लिए गए थे. पुलिस ने कहा कि 'शायद पाकिस्तान और असामाजिक तत्वों के दबाव में गिलानी का परिवार देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हुआ.'
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और उनके घर पर कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने को लेकर कड़े गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) कानून के तहत मामला दर्ज किया है.
बता दें कि, अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का शव हैदरपोरा स्थित कब्रिस्तान से निकाल कर पुराने शहर स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने से रोकने के लिए प्राधिकारियों द्वारा शहर के कुछ हिस्सों में लगाये गए प्रतिबंध के चलते सोमवार को पांचवें दिन भी जनजीवन प्रभावित रहा.
अधिकारियों ने कहा, एहतियात के तौर पर शहर के हैदरपोरा और ईदगाह इलाकों के आसपास प्रतिबंध लगाए गए थे.
अधिकारियों ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली थी कि शरारती तत्व गिलानी के शव को उस ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कब्र से निकालने का प्रयास कर सकते हैं, जहां कई आतंकवादियों और दो शीर्ष अलगाववादी नेताओं - अब्दुल गनी लोन और मीरवाइज मोहम्मद फारूक को दफनाया गया है.
अलगाववादियों की ओर से पिछले साल फरवरी में जारी एक बयान के मुताबिक गिलानी ने ईदगाह कब्रिस्तान में दफनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी. 91 वर्षीय गिलानी का बुधवार रात यहां उनके घर पर निधन हो गया था.
(पीटीआई-भाषा)