मंगलुरु: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (एफटीएससी-1) ने नाबालिग छात्र के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के मामले में दोषी लेक्चरर को सजा सुनाई है. न्यायाधीश मंजुला इत्ती ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
कुलाई के रहने वाले 33 साल के पृथ्वीराज पर छात्र का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. सूरतकल पुलिस स्टेशन में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक उसने 1 अगस्त 2014 से 2 सितंबर 2016 तक छात्र का यौन उत्पीड़न किया.
इस तरह सामने आया मामला : पृथ्वीराज ने छात्र को अपने घर बुलाया और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए. उसने यह बात किसी को बताने पर परीक्षा में नंबर काटने और फेल करने की धमकी दी. लड़के के प्राइवेट पार्ट में चोट लगने के बाद जब डॉक्टर उसकी जांच और इलाज कर रहे थे तो लड़के ने अपने साथ हो रही हिंसा के बारे में परिवार और डॉक्टर को बताया.
सूरत पुलिस स्टेशन के तत्कालीन इंस्पेक्टर चेलुवराज बी ने जांच की और अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया. सुनवाई करने वाली न्यायाधीश मंजुला ने पृथ्वीराज को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
इन धाराओं के तहत सुनाई गई सजा : दोषी को POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई. जुर्माना न देने पर 6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा. पॉक्सो धारा 10 के अनुसार 5 वर्ष का साधारण कारावास, पांच हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न देने पर तीन माह का साधारण कारावास भुगतना होगा.
आईपीसी की धारा 377 के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास और 10,000 रुपए का जुर्माना. जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा. आईपीसी 506 के अनुसार 1 वर्ष साधारण कारावास, एक हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना न देने पर एक माह अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा न्यायाधीश ने सुनाई है.
आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार पीड़ित लड़के को 1 लाख रुपये का मुआवजा दे. सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक सहाना देवी ने बहस की.