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कर्नाटक होली उत्सव : जीवित रति-मनमाथा को जनता को होती है हंसाने की चुनौती - कर्नाटक होली उत्सव

कर्नाटक के हावेरी जिले में जीवित रति-कमन्ना (रति-मनमाथा) को हंसाने की जनता के सामने चुनौती दी जाती है. साथ ही हंसाने वाले को इनाम भी दिया जाता है. हालांकि उन्हें हंसाने में कामयाबी नहीं मिल सकी है.

karnataka holi festival
कर्नाटक होली उत्सव
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Published : Mar 18, 2022, 3:39 PM IST

Updated : Mar 18, 2022, 7:37 PM IST

हावेरी (कर्नाटक): जब रंगपंचमी की बात आने पर हम केवल रति मनमाथा की बात करते हैं. लेकिन कहीं रति-मनमाथा लकड़ी की बनी होती है, तो कहीं कपड़े और धान की घास से बनी. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटक के हावेरी जिले में एक अलग तरह से उत्सव मनाया जाता है. यहां पर जीवित रति-कमन्ना (रति-मनमाथा) को एक साथ रखा गया है. इस दौरान जनता को उन्हें हंसाने की चुनौती दी जाती है.

देखें वीडियो.

पिछले 10 साल से यह प्रथा हावेरी जिले के रणबेनुरु शहर के कई हिस्सों में चली आ रही है. इतना ही नहीं उन्हें हंसाने वालों को एक निश्चित राशि का इनाम भी दिया जाता है. हैरानी की बात है कि पिछले 10 वर्षों में उनके हंसने का कोई उदाहरण नहीं मिला है. जो भी उन्हें हंसाने आता है, वो खुद हंस देता है.

ये भी पढ़ें - Happy Holi 2022: भाई बुरा न मानो होली है ! जोगीरा सा रा रा रा..............

रति-मनमाथा के सामने डायलॉग, मिमिक्री, गाना का प्रदर्शन किया जाता है, इसके बावजूद वो हंसते नहीं हैं. इनको हंसाने की बहुत कोशिश की गई लेकिन उसमें कामयाबी नहीं मिली. दस वर्षों से, सिमिकेरी गोरन्ना और थानुश्री बेंगलुरु मनमाथा और राठी के रहने वाले साथियों के रूप में खेल रहे हैं. उनके लिए विशेष बैठने की व्यवस्था की जाएगी. वे किसी भी कॉमेडी पर हंसते नहीं हैं.

हावेरी (कर्नाटक): जब रंगपंचमी की बात आने पर हम केवल रति मनमाथा की बात करते हैं. लेकिन कहीं रति-मनमाथा लकड़ी की बनी होती है, तो कहीं कपड़े और धान की घास से बनी. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटक के हावेरी जिले में एक अलग तरह से उत्सव मनाया जाता है. यहां पर जीवित रति-कमन्ना (रति-मनमाथा) को एक साथ रखा गया है. इस दौरान जनता को उन्हें हंसाने की चुनौती दी जाती है.

देखें वीडियो.

पिछले 10 साल से यह प्रथा हावेरी जिले के रणबेनुरु शहर के कई हिस्सों में चली आ रही है. इतना ही नहीं उन्हें हंसाने वालों को एक निश्चित राशि का इनाम भी दिया जाता है. हैरानी की बात है कि पिछले 10 वर्षों में उनके हंसने का कोई उदाहरण नहीं मिला है. जो भी उन्हें हंसाने आता है, वो खुद हंस देता है.

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रति-मनमाथा के सामने डायलॉग, मिमिक्री, गाना का प्रदर्शन किया जाता है, इसके बावजूद वो हंसते नहीं हैं. इनको हंसाने की बहुत कोशिश की गई लेकिन उसमें कामयाबी नहीं मिली. दस वर्षों से, सिमिकेरी गोरन्ना और थानुश्री बेंगलुरु मनमाथा और राठी के रहने वाले साथियों के रूप में खेल रहे हैं. उनके लिए विशेष बैठने की व्यवस्था की जाएगी. वे किसी भी कॉमेडी पर हंसते नहीं हैं.

Last Updated : Mar 18, 2022, 7:37 PM IST
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