तुमकुरू (कर्नाटक) : कर्नाटक में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने जनता दल (एस) के पार्षद का चुनाव अवैध घोषित कर दिया है. यहां स्थानीय निकाय में निवार्चित हुए पार्षद बीपीएल कार्ड धारक होने के बावजूद 500 किलोग्राम गहने रखने के एक याचिका में किए गए दावों को गलत साबित नहीं कर पाए. सिरा की प्रथम श्रेणी की वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश और न्यायिक मजिस्ट्रेट गीतांजलि जी ने सिरा नगर परिषद के वार्ड-9 के पार्षद के. रविशंकर (K Ravishankar) को अपने चुनावी हलफनामे में तथ्यों को छुपाने का दोषी पाया.
कांग्रेस के पराजित उम्मीदवार एम कृष्णप्पा (M Krishnappa) ने 30 दिसंबर 2021 को सिरा में नगर परिषद के चुनाव के बाद अदालत में चुनाव याचिका दायर की थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि रविशंकर ने चुनावी हलफनामे में यह जानकारी छुपाई. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उनके पास 500 किलोग्राम सोना है तथा उन्हें 3.6 लाख रुपये किराये के रूप में मिलते हैं. हालांकि उनके गरीबी रेखा से नीचे (BPL) का कार्ड है.
रविशंकर ने अदालत को बताया कि वह पुराने मामलों की जानकारी देना भूल गए थे. उन्होंने दावा किया कि उनके पास 499.5 किलोग्राम चांदी और सिर्फ 500 ग्राम सोना है. मगर उन्होंने कहा कि हलफनामे में दोनों को एक साथ मिलाकर उनका उल्लेख किया है. हालांकि वह बयान देने के लिए कटघरे में नहीं आए.
अदालत ने 26 अगस्त के अपने फैसले में कहा, 'इस अदालत के समक्ष रखे गए मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों को देखने से यह लगता है कि प्रतिवादी संख्या एक ने तथ्यों को छुपाया है और झूठा हलफनामा दिया है जो अनुचित रूप से प्रभावित करने और भ्रष्ट आचरण के बराबर है जैसा माननीय उच्चतम न्यायालय कई फैसलों में यह कह चुका है.'
उन्होंने कहा, 'प्रतिवादी संख्या एक आपत्ति दायर करने के अलावा याचिकाकर्ता की ओर दिए सबूतों का खंडन करने के लिए कटघरे में नहीं आए. अदालत ने कहा, 'उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उनके पास 500 किलोग्राम के गहने थे. हालांकि अपने लिखित बयान में उन्होंने दलील दी कि उनके पास केवल 499.5 किलोग्राम चांदी है जो 37,46,250 रुपये की है और 500 ग्राम सोना है जो 7,53,750 रुपये मूल्य का है.' अदालत ने कहा कि यह उनके आय प्रमाण पत्र और बीपीएल कार्ड धारक होने के विपरीत है. अदालत ने उनका चुनाव अवैध घोषित कर दिया.
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