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त्योहार के दौरान भगवा रंग में उतरे कर्नाटक पुलिस, फोटो वायरल होते ही कांग्रेस आग-बबूला !

कर्नाटक के उडुपी जिले के कापू पुलिस थाने और विजयपुरा ग्रामीण जिले में दशहरा समारोह के दौरान भगवा पोशाक पहने हुए पूरे पुलिस स्टॉफ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. इस मामले ने विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच नया विवाद छेड़ दिया है. विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर हमला बोला है.

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Published : Oct 20, 2021, 3:12 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के उडुपी जिले के कापू पुलिस थाने और कर्नाटक के विजयपुरा ग्रामीण जिले में दशहरा समारोह के दौरान भगवा पोशाक पहने हुए पूरे पुलिस स्टॉफ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. इस मामले ने विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच नया विवाद छेड़ दिया है. जैसे ही तस्वीरें वायरल हुईं, पोस्ट ने गरमागरम बहस पैदा कर दी. विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर हमला बोला.

उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा और बोम्मई पर तंज कसते हुए कहा कि आप पुलिस को 'त्रिशूल' (हिंदू देवी-देवताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पवित्र हथियार) क्यों नहीं बांटते? आपने केवल उनकी पोशाक बदल दी है, यदि आप त्रिशूल वितरित कर सकते हैं, तो कर्नाटक में 'जंगल राज' लाने का आपका सपना साकार हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य में नैतिक पुलिसिंग के नाम पर मासूम युवकों और युवतियों पर हमले हो रहे हैं. दूसरी ओर, नैतिक पुलिसिंग मामले में आरोपी को रिहा कराने के लिए भाजपा विधायक एक थाने के अंदर घुस गए. सिद्धारमैया ने सवाल किया कि इसके अलावा हिंदू संगठन त्रिशूल बांट रहे हैं और खुले तौर पर हिंसा का आह्वान कर रहे हैं, और सभी घटनाक्रमों को राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन प्राप्त है. क्या वहां शासन है?

सिद्धारमैया ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री बोम्मई ने नैतिक पुलिसिंग को 'कार्रवाई और प्रतिक्रिया' के बराबर किया और इसका बचाव किया, ऐसा लगता है कि पुलिस विभाग बोम्मई के इस संकेत पर ध्यान देते हुए राज्य में जंगल राज लागू करने के लिए तैयार है. राज्य के लोगों को खुद को अपने घरों में बंद कर लेना चाहिए, क्योंकि उनके लिए बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, उडुपी के भाजपा विधायक रघुपति भट ने सिद्धारमैया से सवाल किया कि वह भगवा को लेकर इतने डरे हुए क्यों हैं. उन्होंने सिद्धारमैया को चेतावनी दी कि अगर वह भगवा का विरोध करते हैं तो उन्हें और दरकिनार किया जाएगा. केसरी रंग बलिदान का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि हमने इस देश में प्राचीन काल से केसर की पूजा की है.

यह भी पढ़ें- नई पार्टी बनाएंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, किसानों का मुद्दा सुलझा तो बीजेपी से गठबंधन के भी संकेत

उन्होंने सवाल किया कि सिद्धारमैया अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए ऐसा कह रहे हैं और हिंसा के साथ भगवा को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने त्योहार के दौरान भगवा पहने पुलिस का विरोध किया, उन्होंने टीपू सुल्तान की टोपी पहनी और तलवार पकड़ी, फिर उन्हें एकता और अखंडता का एहसास नहीं हुआ. उन्हें क्या समस्या है, अगर पुलिस ने भगवा पहना होता?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दयनीय स्थिति में है क्योंकि वह भगवा का विरोध कर रही है. हमारे राष्ट्रीय ध्वज में भगवा रंग है. भगवा वस्त्र पहनना कोई अपराध नहीं है. सिद्धारमैया ने अपने हमलों से अपनी मानसिकता का खुलासा किया था. त्रिशूल एक हत्या का हथियार नहीं है, इसकी पूजा की जाती है. उस स्थिति में, पुलिस को त्रिशूल दिया जाना चाहिए. वास्तव में सिद्धारमैया एक अच्छा विचार लेकर आए थे.

दक्षिण कन्नड़ में 'विजयादशमी' के अवसर पर कार्यकतार्ओं को त्रिशूल बांटने वाले हिंदू संगठनों की तस्वीरें भी वायरल हुई हैं. मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन. शशिकुमार ने कहा कि पुलिस विभाग मामले की जांच करेगा. हिंदू नेताओं ने स्पष्ट किया है कि हर साल त्योहार के दौरान त्रिशूल बांटे जा रहे हैं और हथियार तेज धार वाले नहीं हैं. वे कुंद हैं और परंपराओं के एक भाग के रूप में कार्यकतार्ओं को वितरित किए जाते हैं.

बेंगलुरु : कर्नाटक के उडुपी जिले के कापू पुलिस थाने और कर्नाटक के विजयपुरा ग्रामीण जिले में दशहरा समारोह के दौरान भगवा पोशाक पहने हुए पूरे पुलिस स्टॉफ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. इस मामले ने विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच नया विवाद छेड़ दिया है. जैसे ही तस्वीरें वायरल हुईं, पोस्ट ने गरमागरम बहस पैदा कर दी. विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर हमला बोला.

उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा और बोम्मई पर तंज कसते हुए कहा कि आप पुलिस को 'त्रिशूल' (हिंदू देवी-देवताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पवित्र हथियार) क्यों नहीं बांटते? आपने केवल उनकी पोशाक बदल दी है, यदि आप त्रिशूल वितरित कर सकते हैं, तो कर्नाटक में 'जंगल राज' लाने का आपका सपना साकार हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य में नैतिक पुलिसिंग के नाम पर मासूम युवकों और युवतियों पर हमले हो रहे हैं. दूसरी ओर, नैतिक पुलिसिंग मामले में आरोपी को रिहा कराने के लिए भाजपा विधायक एक थाने के अंदर घुस गए. सिद्धारमैया ने सवाल किया कि इसके अलावा हिंदू संगठन त्रिशूल बांट रहे हैं और खुले तौर पर हिंसा का आह्वान कर रहे हैं, और सभी घटनाक्रमों को राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन प्राप्त है. क्या वहां शासन है?

सिद्धारमैया ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री बोम्मई ने नैतिक पुलिसिंग को 'कार्रवाई और प्रतिक्रिया' के बराबर किया और इसका बचाव किया, ऐसा लगता है कि पुलिस विभाग बोम्मई के इस संकेत पर ध्यान देते हुए राज्य में जंगल राज लागू करने के लिए तैयार है. राज्य के लोगों को खुद को अपने घरों में बंद कर लेना चाहिए, क्योंकि उनके लिए बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, उडुपी के भाजपा विधायक रघुपति भट ने सिद्धारमैया से सवाल किया कि वह भगवा को लेकर इतने डरे हुए क्यों हैं. उन्होंने सिद्धारमैया को चेतावनी दी कि अगर वह भगवा का विरोध करते हैं तो उन्हें और दरकिनार किया जाएगा. केसरी रंग बलिदान का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि हमने इस देश में प्राचीन काल से केसर की पूजा की है.

यह भी पढ़ें- नई पार्टी बनाएंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह, किसानों का मुद्दा सुलझा तो बीजेपी से गठबंधन के भी संकेत

उन्होंने सवाल किया कि सिद्धारमैया अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए ऐसा कह रहे हैं और हिंसा के साथ भगवा को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने त्योहार के दौरान भगवा पहने पुलिस का विरोध किया, उन्होंने टीपू सुल्तान की टोपी पहनी और तलवार पकड़ी, फिर उन्हें एकता और अखंडता का एहसास नहीं हुआ. उन्हें क्या समस्या है, अगर पुलिस ने भगवा पहना होता?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दयनीय स्थिति में है क्योंकि वह भगवा का विरोध कर रही है. हमारे राष्ट्रीय ध्वज में भगवा रंग है. भगवा वस्त्र पहनना कोई अपराध नहीं है. सिद्धारमैया ने अपने हमलों से अपनी मानसिकता का खुलासा किया था. त्रिशूल एक हत्या का हथियार नहीं है, इसकी पूजा की जाती है. उस स्थिति में, पुलिस को त्रिशूल दिया जाना चाहिए. वास्तव में सिद्धारमैया एक अच्छा विचार लेकर आए थे.

दक्षिण कन्नड़ में 'विजयादशमी' के अवसर पर कार्यकतार्ओं को त्रिशूल बांटने वाले हिंदू संगठनों की तस्वीरें भी वायरल हुई हैं. मंगलुरु के पुलिस आयुक्त एन. शशिकुमार ने कहा कि पुलिस विभाग मामले की जांच करेगा. हिंदू नेताओं ने स्पष्ट किया है कि हर साल त्योहार के दौरान त्रिशूल बांटे जा रहे हैं और हथियार तेज धार वाले नहीं हैं. वे कुंद हैं और परंपराओं के एक भाग के रूप में कार्यकतार्ओं को वितरित किए जाते हैं.

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