मैसूर : कर्नाटक कांग्रेस (Karnataka Cong) में मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदरूनी कलह की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने शनिवार को कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा करना सही नहीं है. इस पर पार्टी आलाकमान अंतिम फैसला लेगा. मैसूर में मीडिया से बात करते हुए, खड़गे ने कहा, 'आगामी विधानसभा चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करना सही नहीं है. मैसूर, बेंगलुरु या कलबुर्गी में फैसला नहीं होगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा? पार्टी आलाकमान इस मामले पर फैसला करेगा.'
दरअसला विपक्ष के नेता सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार कई बार मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश कर चुके हैं. सिद्धारमैया और शिवकुमार के दोनों समर्थक दावा करते रहे हैं कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर उनका नेता मुख्यमंत्री बनेगा. इस राजनीतिक घटनाक्रम ने कांग्रेस के भीतर की अंदरूनी कलह को खुले में ला दिया है और सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह और भी खराब होगा, क्योंकि चुनाव नजदीक आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव में 10 महीने से भी कम समय बचा है.
शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ कांग्रेस के भीतर नेताओं का एक वर्ग चाहता है कि अगर कांग्रेस बहुमत हासिल करती है, तो मल्लिकार्जुन खड़गे मुख्यमंत्री बनें. उन्होंने कहा, 'उस समय या इस बार की तरह नहीं, कांग्रेस हमेशा सामूहिक नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेगी.' उन्होंने कहा, 'हमें पार्टी को सत्ता में वापस लाना है. यही हमारा मुख्य उद्देश्य है.' यह पूछे जाने पर कि वह राज्य की राजनीति में कब वापस आएंगे, खड़गे ने कहा, 'मुझे देखने दो कि क्या हर कोई (कांग्रेस) मुझे मौका देने का फैसला करता है.' एक आंतरिक सर्वेक्षण के बाद कांग्रेस नेता उत्साहित हैं. जिसमें दिखाया गया है कि पार्टी कर्नाटक में एक आरामदायक बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी.
शिवकुमार और सिद्धरमैया गुटों के बीच वाकयुद्ध : जब से पार्टी विधायक बी जेड जमीर अहमद खान ने कहा है कि राज्य के लोग अगले मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धरमैया को चाहते हैं तब शिवकुमार ने सभी से 'अपना मुंह बंद रखने और पार्टी को सत्ता में लाने के लिए काम करने' का आह्वान किया. खान के बयान पर शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं केवल उनकी बातों पर बोलूंगा जो मेरे स्तर के हैं. सभी को अपना मुंह बंद कर पार्टी को सत्ता में लाने के लिए काम करना चाहिए.'
शिवकुमार से जब पूछा गया कि क्या वह खासकर खान के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं यह सभी से कह रहा हूं. पहले आप पार्टी को सत्ता में लाइए, सभी समुदायों के लोगों को पार्टी से जोड़िए और पहले अपने समुदाय को संगठित कीजिए.' उन्होंने कहा, 'नेता के तौर पर यदि पार्टी को लेकर आप चिंतिंत हैं तो व्यक्तियों की पूजा करना बंद कीजिए और लोगों को पार्टी से जोड़िए.'
हालांकि रामनगर के कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि शिवकुमार ने कहा कि यदि कर्नाटक में 224 विधायक मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं तो उसमें गलत कुछ नहीं है. शिवकुमार के बयान पर खान ने कहा कि यह प्रदेश कांग्रेस प्रमुख (शिवकुमार) ही थे जिन्होंने एक सार्वजनिक मंच पर अपने लिए समर्थन की मांग कर पार्टी में चर्चा शुरू की. उन्होंने कहा, 'किसने यह दलील शुरू की? वोक्कालिगा समुदाय के एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने समुदाय के लोगों से उन्हें एक मौका देने का आह्वान किया. उनके बयान के बाद हम बात करने लगे. तब तक किसी ने भी यह मुद्दा नहीं उठाया था.
खान ने कहा कि मुस्लिम नेता सिद्धरमैया को पसंद करते हैं और उन्हें फिर मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, '(लेकिन) हमारी आलाकमान आधारित पार्टी है. यहां कोई अन्य निर्णय नहीं ले सकता है. सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को छोड़कर कोई और निर्णय नहीं ले सकता है. मैंने अपनी निजी राय दी है. अपनी निजी राय बताने में कुछ गलत नहीं है.'
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