बेंगलुरु : सीडी केस मामले में महिला और डॉ. सुधाकर के बीच लाखों रुपये की लेनदेन के साथ कई बार कॉल और मोबाइल संदेशों का आदान-प्रदान हुआ. जिसके बाद सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि एसआईटी की जांच में शामिल होने के लिए डॉ. सुधाकर को नोटिस दिया जा सकता है. लेकिन पूर्व मंत्री डी. सुधाकर ने आरोप से इनकार कर दिया है.
डी. सुधाकर ने कहा, 'मैंने सीडी लेडी को कोई पैसा ट्रांसफर नहीं किया है. यह सच से कोसो दूर की बात है. मेरा सीडी लेडी से कोई संबंध नहीं है. अगर एसआईटी जांचकर्ता मुझे जांच के लिए बुलाते हैं, तो मैं जवाब दूंगा.'
सुधाकर ने आगे कहा, 'यह मात्र एक अफवाह थी कि सीडी मामले में एक पूर्व मंत्री शामिल था. मैं इस बात से हैरान हूं कि सीडी केस में मेरा नाम उछाला गया. पूर्व सीएम सिद्धारमैया, रमेश जारकीहोली, केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार सभी मेरे करीबी हैं'
महिला के माता-पिता की एसआईटी से अपील
महिला के माता-पिता ने एसआईटी से अपील की है कि उनका परिवार पिछले चार दिनों से विजयपुरा जिले के निदगुंडी में रह रहा है. महिला के माता पिता का कहना है कि वह अपनी बेटी को कल या परसों तक मिलने की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं. एसआईटी से अनुरोध किया है कि वे अपनी बेटी से मिलने की अनुमति दें.
एसआईटी ने दिया पूर्व मंत्री को नोटिस
सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने सीडी केस मामले के संबंध में पूर्व मंत्री डी. सुधाकर से पूछताछ करने का फैसला किया है. एसआईटी सुधाकर को कल ऑडुबोदी तकनीकी केंद्र में जांच के लिए नोटिस जारी कर सकता है.
महिला ने पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया
वायरल सीडी में कथित रूप से दिखाई दे रही महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण है. इस वीडिया कांड में बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली के भी कथित रूप से शामिल होने के आरोप लग रहे हैं.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत को लिखे पत्र में शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया है कि उससे कई बार पूछताछ की गई, लेकिन आरोपी को केवल एक बार पूछताछ के लिए बुलाया गया और उसे तीन घंटे में ही छोड़ दिया गया. मीडिया में सार्वजनिक किए गए पत्र में महिला ने कहा, 'इस पूरी प्रक्रिया को देखने के बाद मैं असमंजस में हूं कि मैं पीड़ित हूं या आरोपी.'
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महिला ने आरोप लगाया कि एसआईटी ने आरोपी से मात्र तीन घंटे तक पूछताछ की और उसे बिना किसी पाबंदी के जाने दिया, जबकि उससे लगातार पूछताछ की जा रही है.'
पत्र में आरोप लगाया गया, 'रमेश जारकीहोली ने अपनी शिकायत में मेरे नाम का उल्लेख नहीं किया है, इसके बावजूद पुलिस ने उस स्थान पर छापेमारी की जहां मैं किराए पर रहती हूं और सरकार के दबाव में मुझे आरोपी के रूप में पेश करने के लिए सभी सबूत नष्ट कर दिए.'
महिला के वकील ने कहा कि उन्होंने ईमेल के जरिए पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा है.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने की हाई कोर्ट से जांच की मांग
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि मामले की जांच उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'सरकार के प्रभाव की वजह से एसआईटी तथ्यों को बाहर नहीं लाएगी, इसलिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराई जानी चाहिए.'
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उल्लेखनीय है कि सीडी केस मामले में तीन मार्च को जारकीहोली ने राज्य के जल संसाधन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका दावा है कि वह बेगुनाह हैं और उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश रची जा रही है.