बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार को कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट्स लिमिटेड (केएसडीएल) से संबंधित रिश्वत मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदल विरुपक्षप्पा (Karnataka BJP MLA Madal Virupakshappa) की जमानत याचिका खारिज किये जाने के कुछ घंटे बाद लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. चन्नागिरी विधायक को उनके बेटे प्रशांत एम. वी. को दो मार्च को एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के कुछ दिन बाद अंतरिम जमानत मिल गई थी.
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Karnataka BJP MLA Madal Virupakshappa was arrested from near Kyathasandra toll plaza in Tumakuru, in a bribery case, after his bail application was rejected by Karnataka HC. https://t.co/0OJu1ElwqI pic.twitter.com/R1tfWIvv2u
— ANI (@ANI) March 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) March 27, 2023Karnataka BJP MLA Madal Virupakshappa was arrested from near Kyathasandra toll plaza in Tumakuru, in a bribery case, after his bail application was rejected by Karnataka HC. https://t.co/0OJu1ElwqI pic.twitter.com/R1tfWIvv2u
— ANI (@ANI) March 27, 2023
सूत्रों ने बताया कि विरुपक्षप्पा के बेटे के नकदी के साथ पकड़े जाने के बाद की गई छापेमारी में विरुपक्षप्पा के घर से 8.23 करोड़ रुपये की बिना हिसाब की रकम का पता चला. लोकायुक्त के पुलिस महानिरीक्षक ए. सुब्रमण्येश्वर राव ने बताया, 'जब वह (विधायक) बेंगलुरु जा रहे थे, तब हमने उन्हें तुमकुरु में गिरफ्तार किया.' उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामला सरकारी कंपनी को रसायनों की आपूर्ति का ठेका आवंटित करने के लिए कथित रूप से रिश्वत मांगने और प्राप्त करने से जुड़ा है. इसके बाद लोकायुक्त के छापे में 8.23 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई.
न्यायमूर्ति के. नटराजन ने चन्नागिरी विधायक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. केएसडीएल के अध्यक्ष रहे विरुपक्षप्पा पर उनके पुत्र केएएस अधिकारी प्रशांत मदल के माध्यम से रिश्वत मांगने का आरोप है. बिल पास करने के लिए 81 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गयी और उनके बेटे को कार्यालय में 40 लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया. बाद में, विरुपक्षप्पा के आवास से सात करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई. प्रशांत को इस मामले में दो मार्च को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. लोकायुक्त पुलिस ने तब से मामले में चार और गिरफ्तारियां की हैं. भाजपा विधायक ने तब से केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.
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(पीटीआई-भाषा)