बेलगावी: कर्नाटक राज्य में उच्च पदों पर कार्यरत दो अधिकारियों ने समाज सेवा के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अब वह दोनों राजनीति के मैदान में उतरने जा रहे हैं. तमिलनाडु में आईएएस अधिकारी के रूप में काम करने वाले शंभू कल्लोलिकर और पुलिस विभाग में सीपीआई (सर्कल पुलिस इंस्पेक्टर) के रूप में काम करने वाले बासवराज बिसनकोप्पा ने अपनी सरकारी नौकरियों से इस्तीफा दे दिया और राजनीति में प्रवेश किया है.
रायभागा विधानसभा क्षेत्र से शंभू कल्लोलिकरा और अथानी विधानसभा क्षेत्र से बासवराज बिसनकोप्पा अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनावी मैदान में कूद रहे हैं. बेलगाम जिले के रायबाग तालुक के यबरत्ती गांव के आईएएस अधिकारी शंभु कल्लोलिकर ने अपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है. वह राया भागा विधानसभा क्षेत्र में जमकर प्रचार कर रहे हैं. शंभु कल्लोलिकर ने तमिलनाडु सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया.
उन्होंने अपनी प्राथमिक और हाई स्कूल की शिक्षा हुतुरा के हरोगेरी गांव में पूरी की. बाद में वे धारवाड़ शहर चले गए और दिल्ली में रहकर आईएएस की परीक्षा दी. 1991 में UPSC परीक्षा पास करने वाले शंभू ने 1993 से 1996 तक पश्चिम बंगाल में IAS अधिकारी के रूप में कार्य किया. बाद में वे तमिलनाडु में कार्यरत रहे. उस समय, उन्होंने तमिलनाडु की मूल निवासी पी. अमुदा से शादी की और वहीं रहने लगे. शंभू कल्लोलिकरा अपने छेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि वह जीत हासिल करेंगे.
वहीं दूसरी ओर बसवराज बिसनकोप्पा, जो विजयपुर में कार्यरत थे, उन्होंने अपने सीपीआई पद से इस्तीफा दे दिया, ठीक वैसे ही जैसे कुडाची विधायक पी. राजीव तारा ने पीएसआई के पद से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था. बसवराज कल्याण राज्य प्रगति पार्टी की ओर से अथानी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. मूल रूप से रायभागा तालुक के सावसुद्दी गांव के रहने वाले बसवराज ने करीब दस सालों तक पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दीं.
फिलहाल वह अथानी क्षेत्र के मजबूत उम्मीदवारों महेश कुमथल्ली, लक्ष्मण सावदी, गजानन मंगसुली के खिलाफ अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैंने अथानी में एक पीएसआई के रूप में पुलिस सेवा में काम शुरू किया था, जिसके बाद मुझे पदोन्नत कर सीपीआई बनाया गया. इस दौरान मैंने लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा. मैं नौकरी कर सकता था और पदोन्नत हो सकता था और एक शानदार जीवन जी सकता था. लेकिन मैंने लोगों की सेवा करने का फैसला किया और इसलिए राजनिति में कदम रखा.