बेंगलुरु: राज्य विधानसभा की 224 सीटों के लिए बुधवार को मतदान है. इन निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा 5053 नामांकन पत्र प्रस्तुत किए गए थे. इनमें से 3953 को स्वीकार किया गया जबकि 502 को खारिज कर दिया गया. 563 नामांकन पत्र वापस लिए गए हैं. फिलहाल 2615 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें 2429 पुरुष उम्मीदवार, 185 महिला उम्मीदवार, 1 ट्रांसजेंडर, 918 निर्दलीय उम्मीदवार हैं. वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी (Karnataka Election 2023).
राज्य में वोटर?: राज्य में 224 सीटों पर होने वाले चुनाव में कुल 5,21,76,579 करोड़ वोटर हैं. इसमें 2,62,42,561 पुरुष मतदाता और 2,59,26,319 महिला मतदाता, 4839 अन्य मतदाता हैं. 5,55,073 मानसिक रूप से दिव्यांग मतदाता हैं. 12,15,763 मतदाता 80 वर्ष से अधिक और 16,976 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं. 9,17,241 पहली बार के मतदाता (18-19 आयु वर्ग के) पंजीकृत हैं.
आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों का विवरण: आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में 36 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी), 15 निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति और 173 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं. मैदान में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार 91 वर्षीय शमनूर शिवशंकरप्पा हैं. वह कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. सबसे कम उम्र यानी 25 साल के 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.
सबसे अधिक उम्मीदवारों वाले निर्वाचन क्षेत्र: कुल 16 निर्वाचन क्षेत्रों में 16 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं. यहां दो वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. एक ईवीएम में अधिकतम 16 उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह की व्यवस्था होती है. इससे अधिक होने पर प्रत्येक 16 उम्मीदवारों में से एक को अतिरिक्त वोटिंग मशीन से जोड़ा जाना चाहिए.
बेल्लारी शहर में सबसे ज्यादा उम्मीदवार हैं यानी 24 लोग मैदान में हैं. उसके बाद बेंगलुरु ग्रामीण जिले के होसकोटे में 23, चित्रदुर्ग में 21, यलहंका में 20, चित्रदुर्ग में 21, गंगावती में 19 उम्मीदवार हैं. हनूर, गौरीबिदानूर, राजाजीनगर, रायचूर, कोलार में 18 प्रत्याशी मैदान में हैं. बत्रायणपुर, श्रीरंगपटना, कृष्णराजा, नरसिम्हाराजा निर्वाचन क्षेत्रों में 17 उम्मीदवार हैं. चिकमंगलूर, हुबली-धारवाड़ केंद्र में 16 उम्मीदवार हैं.
कम उम्मीदवारों वाले निर्वाचन क्षेत्र: यमकनमराडी, देवदुर्गा, कापू, बंटवाला, तीर्थहल्ली, कुंदापुरा, मैंगलोर निर्वाचन क्षेत्रों में केवल 5 उम्मीदवार मैदान में हैं.
मतदान केंद्रों का विवरण: राज्य के 224 विधानसभा क्षेत्रों में 58,282 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें प्रति मतदान केंद्र औसतन 883 मतदाता होंगे. शहरी क्षेत्रों में 24,063 और ग्रामीण क्षेत्रों में 34,219 मतदान केंद्र होंगे. विशेष रूप से 1320 सखी मतदान केन्द्र, 224 युवा पदाधिकारी, 224 विशेष रूप से दिव्यांग एवं 240 आदर्श मतदान केन्द्र बनाये गये हैं. 1200 माइक्रो पोलिंग बूथ हैं. 50 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा है.
क्षेत्रवार विधानसभा क्षेत्र: बेंगलुरु क्षेत्र में 28, मध्य कर्नाटक में 55, तटीय कर्नाटक में 19, कल्याण कर्नाटक में 41, कित्तूर कर्नाटक में 50, पुराने मैसूर कर्नाटक में 61 विधानसभा क्षेत्र हैं.
सुरक्षा व्यवस्था: किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मतदान के दिन सुरक्षा के लिए 1.5 लाख कर्मियों को तैनात किया गया है. 464 अर्धसैनिक बल, 304 डीएसपी, 991 इंस्पेक्टर सहित 84 हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा में रहेंगे. 185 सीमा चौकियां स्थापित की गई हैं.
मैदान में प्रमुख उम्मीदवार: भाजपा- शिगामवी से बसवराज बोम्मई, शिकारीपुर से बी वाई विजयेंद्र, पद्मनाभनगर और कनकपुर से आर अशोक, वरुणा और चामराजनगर से मंत्री वी सोमन्ना, मल्लेश्वरम से अश्वत्था नारायण, गोकक से रमेश जराकीहोली, टीपातुर से बीसी नागेश, बेल्लारी ग्रामीण से बी श्रीरामुलु, मुडोल से गोविंद करजोला, चिक्कमंगलूर से सिटी रवि, चिक्काबल्लापुर से सुधाकर मैदान में हैं.
कांग्रेस: अब कांग्रेस के सिद्धारमैया वरुणा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कनकपुर से डीके शिवकुमार, बीटीएम लेआउट से रामलिंगारेड्डी, बाबलेश्वर से एमबी पाटिल, यमकनमराडी से सतीश जराकीहोली, बाल्की से ईश्वर खंड्रे, हलियाला से आरवी देशपांडे, कोराटागेरे से जी परमेश्वर, देवनहल्ली से पूर्व केंद्रीय मंत्री केएच मुनियप्पा, चित्तपुर से प्रियांक. खड़गे, हुबली-धारवाड़ केंद्र से जगदीश शेट्टार और अठानी से लक्ष्मण सावदी मैदान में हैं. चन्नापटनम से पूर्व सीएम कुमारस्वामी, होले नरसीपुर से रेवन्ना, रामनगर से निखिल कुमारस्वामी, चामुंडेश्वरी से जीटी देवेगौड़ा मैदान में हैं.
भाजपा का काफी कुछ तो कांग्रेस का बहुत कुछ दांव पर : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है, वहीं कांग्रेस के लिए भी बहुत कुछ दांव पर है. इस दक्षिणी राज्य में जीत से कांग्रेस को जहां आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 'संजीवनी' मिलेगी और केंद्रीय स्तर पर उसकी स्थिति मजबूत होगी वहीं भाजपा के लिए यहां की जीत दक्षिण में पैर पसारने की उसकी उम्मीदों को पंख देगा तथा 2024 से पहले फिर से उसे मजबूत स्थिति में ला खड़ा करेगा.
बहरहाल, कर्नाटक में नई सरकार चुनने के लिए बुधवार को लोग मतदान करेंगे. करीब महीने भर चले चुनाव प्रचार के शुरुआती दिनों में विचारधारा के साथ-साथ शासन से जुड़े मुद्दे हावी रहे लेकिन अंतिम चरण में भगवान हनुमान के 'प्रवेश' ने मुकाबले को रोचक बना दिया.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने ली तकनीक की मदद : चुनाव आयोग बेंगलुरु में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए तरह-तरह के कवायद कर रहा है. मतदान केंद्रों पर अधिक से अधिक मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए चुनाव आयोग ने तकनीक का सहारा लिया है. चुनाव आयोग ने इस उद्देश्य के लिए एक एप विकसित किया है. पिछली बार बेंगलुरु सिटी में केवल 55% मतदान हुआ था. हर बार बेंगलुरु में करीब 55-57% वोटिंग होती है. इस बार चुनाव आयोग ने बेंगलुरु में 75 फीसदी मतदान का लक्ष्य रखा है. इस संबंध में बीबीएमपी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कर्नाटक विभिन्न अभ्यास किया. जन जागरूकता के साथ कई पहल कर रहे हैं. इतना ही नहीं, इस बार चुनाव आयोग ने एक कदम आगे बढ़ाया है और बेंगलुरू में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए तकनीक का सहारा लिया है.
ऐप से वोटिंग बढ़ाने की रणनीति: इलेक्शन कमीशन ने बेंगलुरु में वोटिंग रेट बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है. बीबीएमपी और जिला चुनाव कार्यालय ने मतदान केंद्र में वास्तविक समय में कतार के बारे में जानने के लिए संयुक्त रूप से एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है. 'चुनाव' ऐप ने मतदान केंद्र में कतार को वास्तविक समय में जानने के लिए एक प्रणाली बनाई है. यह ऐप वास्तविक समय के आधार पर मतदान केंद्रों की स्थिति, मतदान केंद्रों के लिए नेविगेशन, उम्मीदवार की जानकारी, मतदान अधिकारी की जानकारी, मतदान कतार की जानकारी प्रदान करता है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीणा ने कहा कि इसके अलावा मतदान केंद्रों में पार्किंग स्थलों की भी जानकारी दी जाएगी.
इस ऐप के जरिए बुजुर्ग, दिव्यांग पिकअप सिस्टम और व्हील चेयर सिस्टम बुक किया जा सकता है. चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि पिछली बार भी इस ऐप का इस्तेमाल किया गया था और करीब तीन लाख मतदाताओं ने ऐप का इस्तेमाल किया था.
मतदाता अपने बूथ नंबर पर एसएमएस भेजेंगे तो बूथ पर कतार की जानकारी मिल जाएगी. या वे 'चुनाव' ऐप के जरिए कतार की जानकारी ले सकते हैं. यह उन मतदाताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है जो मतदान केंद्रों पर मतदान करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इससे मतदान केंद्रों पर ज्यादा कतार नहीं होने की स्थिति में मतदान केंद्र तक जाने में सुविधा होगी.
फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का इस्तेमाल: इस बार चुनाव आयोग ने एक नया एप्लिकेशन विकसित किया है जो मतदाताओं को फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक के जरिए लंबी कतारों में खड़े हुए बिना सीधे मतदान करने की अनुमति देता है.
ऐप का उपयोग कैसे करें? : मतदाता को 'चुनाव' ऐप के माध्यम से मतपत्र संख्या दर्ज करनी चाहिए. मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद ओटीपी जनरेट होगा. इसके बाद एप के जरिए सेल्फी लें. इस प्रक्रिया के बाद यदि मतदाता अपने मतदान केंद्र पर जाता है तो उसे मतदान अधिकारी टैब में जानकारी की जांच करने और सीधे मतदान करने की अनुमति होगी. अधिकारी फिर से मतदाता के चेहरे की जांच करेंगे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बिना दस्तावेज जांचे ही मतदान की अनुमति दी जाएगी.
(एजेंसी इनपुट)