कानपुर: शहर में पिछले कुछ दिनों से स्टील कारोबारियों के सामने समस्याओं का अंबार सा लगता जा रहा है. कारोबारियों का कहना है राऊरकेला में वहां की सरकार ने ओलंपिक खेलों (राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं को कराने) के चलते स्ट्रील इंडस्ट्री को बंद करा दिया, जिसका खामियाजा शहर के कारोबारी भुगत रहे हैं. स्टील इंडस्ट्री के बंद होने के वजह से जहां माल की आवाक कम रह गई है. वहीं, दिनोंदिन जो माल है उसके दाम आसमान छूते जा रहे हैं. इससे कहीं न कहीं कारोबारियों के साथ ही उपभोक्ताओं के कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
शहर के स्टील कारोबारी रजत गुप्ता ने एक उदाहरण देते हुए बताया, कि जब दिक्कतें नहीं थीं, तब एक दिन में शहर के अंदर 50 ट्रक माल आता था. उस समय 2,000 टन रैक की कीमत आठ से 10 करोड़ रुपये के बीच की होती थी. हालांकि, जब से मुश्किलें बढ़ीं तो अब महज 10-15 ट्रक माल किसी तरह आ पा रहा है. जबकि 2000 टन रैक की कीमत 12 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. कारोबारी यह समझ ही नहीं पा रहे हैं, कि वह कारोबार कैसे करें. उनके सामने जहां माल की शार्टेज है, वहीं दामों में इजाफा हो रहा है. इस तरह के तमाम अन्य संकटों से वह जूझ रहे हैं.
फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री उमंग अग्रवाल का कहना है कि सरकार को स्टील इंडस्ट्री से जुड़े इस संकट के लिए ध्यान देना होगा, जो जिम्मेदार अफसर व विभाग हैं वह राऊरकेला में कारोबारियों से संपर्क करें. वरना, जिन हालातों में शहर के स्टील कारोबारी काम कर रहे हैं, उससे वह कुछ दिन ही काम कर पाएंगे. उद्यमियों के लिए सरकार को पहल करने की अब जरूरत है.