कानपुर : गोरखपुर के एक होटल में हुई व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत को लेकर यूपी पुलिस सवालों के घेरे में है. इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता से मुलाकात की और उनकी मांगें सुनी. सीएम ने उन्हें सरकारी नौकरी देने का एलान कर दिया. बताया गया कि मीनाक्षी को यह नौकरी कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में मिलेगी. वह ओएसडी के पद पर तैनात की जाएंगी. बता दें कि मनीषा के चार साल का बेटा है. बता दें कि योगी कानपुर में गुरुवार को जनसभा में भाग लेने पहुंचे थे.
इससे पहले सामने आई व्यापारी मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत पीटने से हुई है. मनीष गुप्ता को पीट-पीटकर मारा गया है. लगभग पूरे शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं. कोहनी, सिर और मांसपेशियों में गहरी चोट लगी है.
बता दें कि, गोरखपुर के एक होटल में कानपुर के व्यापारी युवक की मौत के बाद, यूपी पुलिस सवालों में घिरी हुई है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि व्यापारी युवक को पुलिस वालों ने पीट-पीटकर मार डाला है. दूसरी तरफ अब इस मामले को लेकर वायरल हो रहे एक वीडियो ने उत्तर प्रदेश पुलिस के बड़े अफसरों को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.
बता दें कि कानपुर के एक 38 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मंगलवार तड़के गोरखपुर के एक होटल में मौत हो गई थी. आरोप लगा है उन पुलिस कर्मियों पर, जो होटल के कमरे में अपराधियों की तलाश करने का दावा कर घुसे थे. इन्हीं पुलिसकर्मियों के द्वारा कथित रूप से हमला करने के बाद ही व्यापारी युवक की मौत हो गई. जब इस मामले को लेकर विवाद बढ़ा तो प्रशासन ने 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया.
इसी दौरान मनीष गुप्ता के परिवार के साथ डीएम और एसएसपी ने मीटिंग की. मीटिंग के दौरान उन्होंने जो कुछ कहा वो यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर रहा है. वायरल हो रहे वीडियो में परिजनों से अधिकारी ने कोर्ट में मामला लंबे समय तक चलने की बात कही है. साथ ही पुलिस के बात करने के लहजे पर भी सवाल उठ रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद से अब यूपी पुलिस की आलोचना हो रही है.
ये भी पढ़ें - देहरादून महिला-नौकर हत्या मामला : पुलिस ने पति को हिरासत में लिया
दरअसल, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में घूमने गए कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की होटल में हुई मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. राजनीतिक पार्टियां भी इस मामले में कूद चुकी हैं. वहीं इस मामले में एक वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया है. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि गोरखपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी मामले को सेटलमेंट करने का परिवार वालों पर दबाव बना रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद लगातार आरोपियों को सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठ रही है. इसके साथ ही ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है, जो अपराधियों की मदद कर रहे हैं और पीड़ित पक्ष को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे हैं.
वायरल हो रहे वीडियो में आप साफ तौर पर सुन सकते हैं कि अधिकारी मृतक व्यापारी मनीष गुप्ता के परिवार को समझा रहे हैं कि FIR नहीं कराइये. कोर्ट-कचहरी न करिये. वायरल हो रहा यह वीडियो कलेक्टर विजय किरण आनंद और कप्तान विपिन टाडा का बताया जा रहा है. इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है. दूसरी तरफ परिजनों ने भी मृतक का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है.
हालांकि पहले अंतिम संस्कार के लिए मान गए थे, लेकिन अब एक बार फिर अंतिम संस्कार भी टल गया है. अब देखने वाली बात है कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद आला अधिकारी क्या जवाब देते हैं. पीड़ित पक्ष को न्याय कैसे और कब मिलेगा. सीएम योगी से परिवार सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है. हालांकि वायरल हो रहे इस वीडियो की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.