नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद दिनेश त्रिवेदी ने राज्य सभा से इस्तीफा देने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि वे आज राज्य सभा से त्याग पत्र दे रहे हैं और देश के लिए, बंगाल के लिए हमेशा काम करते रहेंगे.
इस पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिर्फ दिनेश त्रिवेदी ही नहीं जो भी ईमानदारी से काम करना चाहते हैं, तृणमूल कांग्रेस में नहीं रह सकते. अगर वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे.
विजयवर्गीय ने कहा, जो भी व्यक्ति अच्छा है, ईमानदार है, ईमानदारी से समाज की सेवा करना चाहता है, देश की सेवा करना चाहता है उसका टीएमसी में कोई सम्मान नहीं है. टीएमसी में वह रह ही नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि 'बुआ,पीसी और वाइको के अहंकार के कारण बहुत खराब स्थिति है. कोई भी स्वाभिमानी आदमी टीएमसी में नहीं रह सकता.' उन्होंने कहा कि 'साल भर पहले त्रिवेदी ने कहा था कि बहुत खराब स्थिति है मैं बिलकुल काम नहीं कर पा रहा हूं. साल भर लग गया उन्हें टीएमसी छोड़ते-छोड़ते. वास्तव में एक बात साफ हो गई है बंगाल का जो विकास चाहता है वह मोदीजी के प्रति विश्वास व्यक्त कर रहा है.
उन्होंने कहा कि बंगाल का जो विश्वास चाहता है वह बीजेपी में आकर काम करना चाहता है. एक संदेश चला गया है कि टीएमसी जा रही है बीजेपी आ रही है. दिनेश त्रिवेदी भाजपा में आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे.
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यह कोई झटका नहीं है : सौगत रॉय
वहीं, टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा कि 'हमें नहीं पता था कि वह इस्तीफा देंगे, लेकिन यह कोई झटका नहीं है.' सौगत रॉय ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी जमीनी नेता नहीं थे, लोकसभा चुनाव हार गए थे. ममता बनर्जी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था.
उन्होंने कहा कि 'तृणमूल' का मतलब है जमीन से जुड़ा. इससे जमीनी स्तर पर काम करने वाले अन्य कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा.
ममता बनर्जी से बातचीत करनी चाहिए थी : तृणमूल
पार्टी प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने कहा कि इतना बड़ा फैसला करने से पहले त्रिवेदी को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करनी चाहिए थी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'उनके खिलाफ मैं कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि वह राजनीति में बहुत वरिष्ठ हैं, लेकिन उनके फैसले से हम स्तब्ध हैं.'
यह पूछे जाने पर क्या यह तृणमूल कांग्रेस के लिए झटका है तो उन्होंने कहा, 'पार्टी के लिए झटका नहीं है. हम लोगों के लिए व्यक्तिगत झटका है क्योंकि उनके साथ कई साल तक काम किया और बहुत कुछ सीखा है.'
पूर्व सांसद गुप्ता के मुताबिक, 'जहां तक मेरी जानकारी है कि उन्होंने दीदी से इस बारे में चर्चा नहीं की थी. उनको बात करनी चाहिए थी. अगर उनके इरादे कुछ और हैं तो बात अलग है.'