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राजस्थान के लाल ने किया कमाल, अफ्रीकी चोटी पर फहराया 151 फीट का तिरंगा - तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो

बुधवार को राजस्थान के लाल पर्वतारोही कैलाश सिंघल ने तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतेह किया है. इसके बाद उन्होंने वहां 151 फीट का तिरंगा (Mountaineer Made History) फहराया.

Barmer son Kailash Singhal created history, hoisted 151 feet indian flag
अफ्रीकी चोटी पर फहराया 151 फीट का तिरंगा.
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Published : Mar 1, 2023, 11:01 PM IST

Updated : Mar 1, 2023, 11:16 PM IST

पर्वतारोही कैलाश सिंघल.

बालोतरा (बाड़मेर). साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर प्रदेश के बाड़मेर निवासी कैलाश सिंघल ने तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया है. साथ ही वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है. भारतीय ध्वज लहराने के बाद पर्वतारोही कैलाश ने राजस्थान पुलिस का ध्वज भी लहराया. वहीं, कैलाश के इस सपने को पूरा करने के लिए उसके पिता ने अपनी जमीन गिरवी रख दी थी. पर्वतारोही कैलाश ने अपने सपने को पूरा करते हुए अफ्रीका के तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतेह किया है.

दरअसल, जिले के बालोतरा के निकटवर्ती पारलू ग्राम निवासी कैलाश सिंघल का सपना था कि वह अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर जाकर तिरंगा लहराए. किसान परिवार से होने की वजह से कैलाश को अपना सपना पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. कैलाश के इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता घेवर चंद ने अपनी जमीन को गिरवी रख दिया. इसके अलावा कई भामाशाहों ने भी उनकी मदद की, जिसकी बदौलत वो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर 151 फीट का तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया है.

इसे भी पढ़ें - Master of Unmatched Art: नाम की तरह ही विशेष है 'विशेष' की कला, जिसके बारे में जान आप भी हो जाएंगे हैरान

अपनी इस सफलता पर पर्वतारोही कैलाश ने बताया कि वो बहुत खुशी है कि आखिरकार वो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा लहराने में कामयाब हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस सपने को पूरा करने के लिए वो काफी समय से प्रयास कर रहे थे और आखिरकार उनका सपना पूरा हो गया. उन्होंने आगे कहा कि इस सपने को पूरा करने के लिए जिन्होंने भी उनका साथ दिया वो उनके हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे. वहीं, पर्वतारोही कैलाश ने आगे कहा कि उनके कोच अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही सोहन तंवर उनके प्रेरणास्रोत है. जिनके बदौलत वो आज यहां पहुंच सके हैं. बता दें कि पर्वतारोही कैलाश सिंघल जिले के छोटे से गांव पारलू के रहने वाले हैं और उनका जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ. कैलाश राष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स भी रह चुके हैं.

पर्वतारोही कैलाश सिंघल.

बालोतरा (बाड़मेर). साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर प्रदेश के बाड़मेर निवासी कैलाश सिंघल ने तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया है. साथ ही वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है. भारतीय ध्वज लहराने के बाद पर्वतारोही कैलाश ने राजस्थान पुलिस का ध्वज भी लहराया. वहीं, कैलाश के इस सपने को पूरा करने के लिए उसके पिता ने अपनी जमीन गिरवी रख दी थी. पर्वतारोही कैलाश ने अपने सपने को पूरा करते हुए अफ्रीका के तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतेह किया है.

दरअसल, जिले के बालोतरा के निकटवर्ती पारलू ग्राम निवासी कैलाश सिंघल का सपना था कि वह अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर जाकर तिरंगा लहराए. किसान परिवार से होने की वजह से कैलाश को अपना सपना पूरा करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. कैलाश के इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता घेवर चंद ने अपनी जमीन को गिरवी रख दिया. इसके अलावा कई भामाशाहों ने भी उनकी मदद की, जिसकी बदौलत वो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर 151 फीट का तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया है.

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अपनी इस सफलता पर पर्वतारोही कैलाश ने बताया कि वो बहुत खुशी है कि आखिरकार वो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा लहराने में कामयाब हुए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस सपने को पूरा करने के लिए वो काफी समय से प्रयास कर रहे थे और आखिरकार उनका सपना पूरा हो गया. उन्होंने आगे कहा कि इस सपने को पूरा करने के लिए जिन्होंने भी उनका साथ दिया वो उनके हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे. वहीं, पर्वतारोही कैलाश ने आगे कहा कि उनके कोच अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही सोहन तंवर उनके प्रेरणास्रोत है. जिनके बदौलत वो आज यहां पहुंच सके हैं. बता दें कि पर्वतारोही कैलाश सिंघल जिले के छोटे से गांव पारलू के रहने वाले हैं और उनका जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ. कैलाश राष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स भी रह चुके हैं.

Last Updated : Mar 1, 2023, 11:16 PM IST
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