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नवरात्रि के व्रत को लेकर महिलाओं को दी सलाह तो गेस्ट लेक्चरर की नौकरी गई

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने नवरात्रि पर उपवास रखने से जुड़ा बयान देने पर एक दलित गेस्ट लेक्चरर (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth Guest Professor) को शुक्रवार को हटा दिया गया.

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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम
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Published : Oct 1, 2022, 1:09 PM IST

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में गेस्ट लेक्चरर (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth Guest Professor) डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम के विवादित बयान पर एक्शन लेते हुए उन्हें शुक्रवार को हटा दिया गया. उन्होंने कहा था कि महिलाएं नवरात्रि के दौरान व्रत रखने के बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ें, तो उनका ज्यादा भला होगा.

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गेस्ट लेक्चरर डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम की विवादित ट्वीट

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth) में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर पढ़ा रहे डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम ने कहा था कि महिलाएं नवरात्रि के दौरान व्रत रखने के बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ें, तो उनका ज्यादा भला होगा. मिथिलेश कुमार ने सोशल मीडिया पर डाली गई अपनी पोस्ट पर कहा था कि महिलाएं नवरात्रि के दौरान नौ दिन व्रत रखने के बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ें, तो उनका ज़्यादा भला होगा. उनकी ज़िंदगी गुलामी और डर से आज़ाद हो जाएगी. जय भीम. मिथिलेश काशी विद्यापीठ (MGKV Guest Professor Mithilesh Gautam) के राजनीति विज्ञान में गेस्ट लेक्चरर थे.

पढ़ें- गेस्ट प्रोफेसर का मां दुर्गा पर आपत्तिजनक पोस्ट, काशी विद्यापीठ के छात्रों ने किया हंगामा

वाराणसी में काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth) पूर्वांचल में बड़ी यूनिवर्सिटी मानी जाती है. पढ़ाई और संस्कार को लेकर ये यूनिवर्सिटी हमेशा चर्चा में रहती है. लेकिन गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम का (guest professor mithilesh gautam post controversy) एक पोस्ट विवाद का कारण बन गया है. मिथिलेश गौतम ने सोशल मीडिया पर मां दुर्ग को लेकर एक आपत्तिजनक एक पोस्ट (objectionable post on maa durga) किया था. पोस्ट में उन्होंने आचरण को लेकर सवाल उठाया गया. साथ ही कमेंट में उन्होंने ये लिखा कि नवरात्र में नौ दिन व्रत करने से अच्छा है कि महिलाएं संविधान और हिन्दू लॉ को पढ़ लें. उनका जीवन गुलामी और भय मुक्त हो जाएगा.

पढ़ें- हर घर नल योजना की धीमी रफ्तार पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा खफा, एक्सईएन को दी चेतावनी

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में गेस्ट लेक्चरर (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth Guest Professor) डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम के विवादित बयान पर एक्शन लेते हुए उन्हें शुक्रवार को हटा दिया गया. उन्होंने कहा था कि महिलाएं नवरात्रि के दौरान व्रत रखने के बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ें, तो उनका ज्यादा भला होगा.

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गेस्ट लेक्चरर डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम की विवादित ट्वीट

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth) में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर पढ़ा रहे डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम ने कहा था कि महिलाएं नवरात्रि के दौरान व्रत रखने के बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ें, तो उनका ज्यादा भला होगा. मिथिलेश कुमार ने सोशल मीडिया पर डाली गई अपनी पोस्ट पर कहा था कि महिलाएं नवरात्रि के दौरान नौ दिन व्रत रखने के बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ें, तो उनका ज़्यादा भला होगा. उनकी ज़िंदगी गुलामी और डर से आज़ाद हो जाएगी. जय भीम. मिथिलेश काशी विद्यापीठ (MGKV Guest Professor Mithilesh Gautam) के राजनीति विज्ञान में गेस्ट लेक्चरर थे.

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वाराणसी में काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapeeth) पूर्वांचल में बड़ी यूनिवर्सिटी मानी जाती है. पढ़ाई और संस्कार को लेकर ये यूनिवर्सिटी हमेशा चर्चा में रहती है. लेकिन गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम का (guest professor mithilesh gautam post controversy) एक पोस्ट विवाद का कारण बन गया है. मिथिलेश गौतम ने सोशल मीडिया पर मां दुर्ग को लेकर एक आपत्तिजनक एक पोस्ट (objectionable post on maa durga) किया था. पोस्ट में उन्होंने आचरण को लेकर सवाल उठाया गया. साथ ही कमेंट में उन्होंने ये लिखा कि नवरात्र में नौ दिन व्रत करने से अच्छा है कि महिलाएं संविधान और हिन्दू लॉ को पढ़ लें. उनका जीवन गुलामी और भय मुक्त हो जाएगा.

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