भोपाल। तीन साल में बीजेपी के अनुशासन में रचे बसे सिंधिया अब बेबाकी से बचते हैं. विवादित सवालों से किनारा करते हैं. लगातार जनता के हर अभिवादन को स्वीकार करते ये जताने बताने की कोशिश करते हैं कि उनकी शान में कार्यकर्ता जो महाराज लगाते हैं...महाराज के उस रसूख से वो पूरी तरह बेअसर हैं. लोकतंत्र में वो सिर्फ जनता के सेवक हैं. जिस राजधानी भोपाल की जिस विधानसभा सीट पर दिए गए एक बयान के साथ सिंधिया ने पूरी कांग्रेस को सड़कों पर ला दिया था.
2023 के विधानसभा चुनाव में आज भोपाल की उसी उत्तर विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के आलोक शर्मा के लिए प्रचार को पहुंचे थे. सिंधिया से ईटीवी भारत का सवाल था. दिग्विजय सिंह ये आरोप लगा रहे हैं कि राजा महाराज भी बिक गए. सिंधिया ने सधे राजनेता की तरह जवाब दिया....खुलकर कहा तो सिर्फ उस मुद्दे पर जिस पर कहना चाहिए. केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ईटीवी भारत को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू उनका पहला वन लाइनर इंटरव्यू भी कहा जा सकता है.
ईटीवी भारत के सवाल और सिंधिया के वन लाइनर जवाब: बीजेपी के रंग ढंग में रच बस गए सिंधिया अब बीजेपी नेताओं की तरह वन लाइनर जवाब भी देने लगे हैं. भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार आलोक शर्मा के लिए रोड शो करने पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया से ईटीवी भारत का पहला सवाल था, कभी इसी भोपाल में आपके एक बयान के साथ कांग्रेस की सत्ता सड़क पर आ गई थी. अब क्या दम और दावा है...सिंधिया एकला चलो रे की राह किसी दंभ में आते दिखाई नहीं देते. कहते हैं मुझे पूरा विश्वास है, जनता के आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी तीन दिसम्बर को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी.
दिग्विजय सिंह के आरोप पर ऐसा जवाब: ज्योतिरादित्य सिंधिया से दूसरा सवाल था, दिग्विजय का उन्हें लेकर किया गया कटाक्ष...जिसमें दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राजा महाराज भी बिक गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ देर का पॉज लेते हैं....बयानों के तीर छोड़ने के बजाए संभाल लेते हैं और कहते हैं उनके आरोप उन्हें मुबारक.
सिंधिया के मूंह से नितीश निंदा: ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब नितीश कुमार के बयान को लेकर सवाल किया गया. क्या उनका बयान पांच राज्यों के चुनाव में बड़ा चुनावी मुद्दा बनेगा. सिंधिया कहते हैं इस बयान की जितनी निंदा की जाए कम है.
ग्वालियर चंबल में कितनी सीटें इस बार: 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 में से जो 26 सीटें जीती थी. वो सिंधिया की ही मेहनत थी. इस बार ग्वालियर चंबल में कितनी सीटें...इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं. ग्वालियर चंबल नहीं हर अंचल में हम पूर्ण बहुमत से आएंगे और बीजेपी सरकार बनाएगी.
नहीं हैं सीएम की रेस में: बातचीत में बीजेपी के दिग्गज नेता ने कहा कि वो फिलहाल किसी भी किस्म की रेस में नहीं हैं. उनकी प्राथमिकता एमपी में बीजेपी की सरकार बनानी है. उनके नेता पीएम मोदी हैं और मध्य प्रदेश में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है. पार्टी का हरेक निर्णय स्वीकार्य है, चुनाव बाद पार्टी जो तय करेगी वो उसी राह पर चलेंगे. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी के कई सांसदों और तीन केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में टिकट मिला है और सभी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. हालांकि सिंधिया फिलहाल इस रेस में नहीं हैं.