नई दिल्ली : फिल्म अभिनेत्री जूही चावला (Actress Juhi Chawla) ने 5जी को लांच (Launching of 5G) करने से रोकने की मांग खारिज करने के पहले के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली याचिका हाईकोर्ट से वापस ले ली है. जस्टिस जयंत नाथ ने जूही चावला के वकील दीपक खोसला को याचिका वापस लेने की अनुमति दी. याचिका में मांग की गई थी कि 5जी के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज घोषित किए जाने की बजाय उसे अस्वीकार घोषित किया जाए.
खोसला ने कहा कि ये मामला वाद के स्तर पर पहुंच ही नहीं पाया और उसे केवल दीवानी प्रक्रिया संहिता के तहत अस्वीकार किया जा सकता है, लेकिन खारिज नहीं किया जा सकता. बता दें कि हाईकोर्ट ने जूही चावला की याचिका (petition of juhi chawla) खारिज करते हुए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
पिछले 12 जुलाई को हाईकोर्ट के जज जस्टिस संजीव नरुला ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. पिछले सात जुलाई को कोर्ट ने जूही चावला की ओर से जुर्माने की रकम जमा नहीं करने पर आश्चर्य जताया था. जस्टिस जेआर मिधा पिछले सात जुलाई को ही रिटायर हो गए, जिसके बाद इस याचिका को जस्टिस संजीव नरुला की बेंच के समक्ष लिस्ट की गई थी.
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पिछले चार जून को कोर्ट ने जूही चावला की याचिका को खारिज करते हुए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने उचित कोर्ट फीस जमा नहीं किया है. ये करना कानून की स्थापित मान्यताओं के खिलाफ है. कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर कोर्ट फीस जमा करने के निर्देश दिये थे. कोर्ट ने कहा था कि याचिका दायर करने के पहले सरकार को नोटिस देना चाहिए था. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के पक्ष में कोई साक्ष्य नहीं दिया है.
याचिका में कहा गया था कि 5जी उपकरणों से रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य के खराब होने की आशंका है. जूही चावला ने इस पर एक अध्ययन के हवाले से कहा था कि ये तकनीक काफी नुकसानदायक है. याचिका में कहा गया था कि ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है जो ये बता सके कि 5जी तकनीक मनुष्य के लिए सुरक्षित है. ऐसे में इस तकनीक को लांच करने से रोका जाए.