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Jolt to Congress in Telangana : कभी कांग्रेस मंत्रिमंडल में थे मंत्री, दिल्ली के नेताओं ने नहीं दिया भाव तो चुनाव से ठीक पहले दे दिया इस्तीफा

तेलंगाना कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता पी लक्ष्मैया ने इस्तीफा दे दिया है. वह पूर्व मंत्री रह चुके हैं. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलने दिल्ली गए थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. senior congress leader resigns in Telangana, ex minister from congress quits party

senior congress leader resigns in telangana
तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
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By IANS

Published : Oct 13, 2023, 6:31 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. वरिष्ठ नेता और पूर्व टीपीसीसी प्रमुख पोन्नाला लक्ष्मैया ने पार्टी के भीतर पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अविभाजित आंध्र प्रदेश में राज्य मंत्री रह चुके पोन्नाला मीडिया के सामने इस्तीफे की घोषणा करते समय भावुक हो गए.

उन्होंने कहा कि वह पार्टी के साथ अपना 40 साल पुराना नाता तोड़ रहे हैं क्योंकि वह पार्टी में उनके और अन्य पिछड़े नेताओं के अपमान और उपहास को सहन नहीं कर सकते. वरिष्ठ नेता ने पार्टी में अन्यायपूर्ण माहौल का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि व्यक्तिवाद को प्राथमिकता मिल गई है. नए लोगों को गलत तरीके से सत्ता में पहुंचाया जा रहा है.

senior leader of congress
तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. लक्ष्मैया ने दिया इस्तीफा

पोन्नाला ने आरोप लगाया कि जब तेलंगाना के 50 पिछड़े नेताओं के एक समूह ने टिकटों के आवंटन में पिछड़ों को प्राथमिकता देने का अनुरोध करने के लिए दिल्ली का दौरा किया, तो उन्हें एआईसीसी नेताओं के साथ बैठक करने से मना कर दिया गया. उन्होंने कहा, यहां तक कि उन्हें एआईसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से मिलने के लिए समय भी नहीं दिया गया.

उन्होंने यह भी लिखा कि 2014 में पार्टी की राष्ट्रव्यापी हार के बावजूद उन्हें तेलंगाना में पार्टी की हार के लिए गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था. पत्र में लिखा, “2018 के चुनावों में भी कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई, फिर भी कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई. इसके विपरीत अतिरिक्त पद दिए गए.'' 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद, पोन्नाला को तेलंगाना में पार्टी का पहला प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

मुन्नूर कापू बीसी समुदाय से आने वाले पोन्नाला जनगांव जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने संयुक्त आंध्र प्रदेश में पांच मुख्यमंत्रियों के अधीन मंत्री के रूप में काम किया था. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल में उनके पास सिंचाई विभाग था. वह वाईएसआर के उत्तराधिकारी रोसैया के अधीन मंत्री बने रहे और किरण कुमार रेड्डी की सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग संभाला.

ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी से एमएस करने वाले पोन्नाला ने 1969 से 1978 तक अमेरिका में काम किया. वापस लौटने पर, वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. वह पहली बार 1989 में जनगांव से आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए थे. बाद में वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीन बार चुने गए. हालांकि, पोन्नाला 2014 और 2018 में चुनाव हार गए. उन्होंने तब इस्तीफा दे दिया जब यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी उन्हें इस बार टिकट नहीं देगी.

उनके सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में शामिल होने की संभावना है। उन्होंने अपने त्याग पत्र में छोटे बीसी नेताओं को भी सांसद और एमएलसी बनाने के लिए बीआरएस की प्रशंसा करके इसका संकेत दिया.

ये भी पढ़ें : Telangana voters : तेलंगाना में तीन करोड़ से ज्यादा पात्र वोटर, पहली बार वोट करेंगे करीब 8 लाख मतदाता

हैदराबाद : तेलंगाना में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है. वरिष्ठ नेता और पूर्व टीपीसीसी प्रमुख पोन्नाला लक्ष्मैया ने पार्टी के भीतर पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. अविभाजित आंध्र प्रदेश में राज्य मंत्री रह चुके पोन्नाला मीडिया के सामने इस्तीफे की घोषणा करते समय भावुक हो गए.

उन्होंने कहा कि वह पार्टी के साथ अपना 40 साल पुराना नाता तोड़ रहे हैं क्योंकि वह पार्टी में उनके और अन्य पिछड़े नेताओं के अपमान और उपहास को सहन नहीं कर सकते. वरिष्ठ नेता ने पार्टी में अन्यायपूर्ण माहौल का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि व्यक्तिवाद को प्राथमिकता मिल गई है. नए लोगों को गलत तरीके से सत्ता में पहुंचाया जा रहा है.

senior leader of congress
तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. लक्ष्मैया ने दिया इस्तीफा

पोन्नाला ने आरोप लगाया कि जब तेलंगाना के 50 पिछड़े नेताओं के एक समूह ने टिकटों के आवंटन में पिछड़ों को प्राथमिकता देने का अनुरोध करने के लिए दिल्ली का दौरा किया, तो उन्हें एआईसीसी नेताओं के साथ बैठक करने से मना कर दिया गया. उन्होंने कहा, यहां तक कि उन्हें एआईसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से मिलने के लिए समय भी नहीं दिया गया.

उन्होंने यह भी लिखा कि 2014 में पार्टी की राष्ट्रव्यापी हार के बावजूद उन्हें तेलंगाना में पार्टी की हार के लिए गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था. पत्र में लिखा, “2018 के चुनावों में भी कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई, फिर भी कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई. इसके विपरीत अतिरिक्त पद दिए गए.'' 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद, पोन्नाला को तेलंगाना में पार्टी का पहला प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

मुन्नूर कापू बीसी समुदाय से आने वाले पोन्नाला जनगांव जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने संयुक्त आंध्र प्रदेश में पांच मुख्यमंत्रियों के अधीन मंत्री के रूप में काम किया था. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल में उनके पास सिंचाई विभाग था. वह वाईएसआर के उत्तराधिकारी रोसैया के अधीन मंत्री बने रहे और किरण कुमार रेड्डी की सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग संभाला.

ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी से एमएस करने वाले पोन्नाला ने 1969 से 1978 तक अमेरिका में काम किया. वापस लौटने पर, वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. वह पहली बार 1989 में जनगांव से आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए थे. बाद में वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीन बार चुने गए. हालांकि, पोन्नाला 2014 और 2018 में चुनाव हार गए. उन्होंने तब इस्तीफा दे दिया जब यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी उन्हें इस बार टिकट नहीं देगी.

उनके सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में शामिल होने की संभावना है। उन्होंने अपने त्याग पत्र में छोटे बीसी नेताओं को भी सांसद और एमएलसी बनाने के लिए बीआरएस की प्रशंसा करके इसका संकेत दिया.

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