राजौरी : जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पुंछ आतंकी हमले में कुछ स्थानीय लोगों ने मदद की थी. उन्होंने कहा कि उनके पास इसकी जानकारी मिली है. इस हमले में पांच सैनिकों की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, लेकिन उसकी मौत हो गई. उसकी मौत पर भी कुछ लोगों ने सवाल उठाए थे. उसके परिवार वालों ने जांच की मांग की है. घटना 21 अप्रैल को हुई थी.
डीजीपी राजौरी जिले में आए हुए थे. उन्होंने जिले के दरहाल इलाके का दौरा किया. इसी दौरान उन्होंने मीडिया से बात की. दिलबाग सिंह ने कहा कि 21 अप्रैल को जो घटना हुई, और उस घटना में जिन आतंकियों ने भाग लिया, उसको कुछ स्थानीय लोगों ने शरण दी थी. उसका सहयोग भी किया गया. उसे ट्रांसपोर्टेशन में मदद की गई. घटना के बाद भागने में कुछ लोगों ने मदद की.
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221 people were detained and 6 have been arrested for supporting terrorists and providing shelter to them. Chinese weapons were used in the Army truck attack and also in Dangri attack: J&K DGP Dilbag Singh
— ANI (@ANI) April 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) April 28, 2023
डीजीपी ने कहा, 'इस तरह के हमले बिना किसी लोकल सपोर्ट के संभव नहीं. टेररिस्टों ने आईईडी और साथ ही साथ स्टील कोटेड कवच भेदी गोलियों का प्रयोग किया था.'
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, "इन टेररिस्टों ने पूरे इलाके की अच्छी तरह से रेकी की थी. क्योंकि जिस वक्त हमला किया गया, उस वक्त गाड़ी की स्पीड नगण्य थी. यानी एक-एक जानकारी उसे मिल रही थी.' पुलिस प्रमुख ने बताया कि हमारी जानकारी के मुताबिक राजौरी और पुंछ इलाके में कम से कम नौ आतंकी सक्रिय हैं, इनकी संख्या 12 तक भी हो सकती है और मुझे आशंका है कि ये आतंकी हाल ही में सीमा लांघकर आए हैं.
ब्लास्ट की घटना का जिक्र करते हुए दिलबाग सिंह ने बताया कि जहां पर हमला किया गया, वहां पर पास में जंगल है, यानी उन्होंने फुल प्रूफ प्लान बनाया था कि अगर वे घिरते हैं, तो जंगल में छिप सकते हैं.
जम्मू कश्मीर पुलिस प्रमुख ने कहा कि हमने निसार अहमद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. वह गुरसाई गांव का रहने वाला है और उसे खुद कबूल किया है कि उसने इन्हें शरण दी थी. पुलिस के मुताबिक निसार पहले भी टारजेट पर था. वह 1990 से ही ओवरग्राउंड वर्कर रहा है. पुलिस की जानकारी के घटना से पहले इन लोगों को ड्रोन से मदद पहुंचाई गई, जिसमें हथियार भी शामिल हैं.
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