रांची : नक्सलियों ने पांच अप्रैल को झारखंड समेत बिहार, पश्चिम बंगाल और असम बंद का ऐलान किया है. भाकपा माओवादी केंद्रीय कमिटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो के सदस्य कामरेड अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कबीर उर्फ कंचन दा की गिरफ्तारी का नक्सली विरोध कर रहे हैं. नक्सलियों के बंद को देखते हुए पूरे झारखंड में अलर्ट जारी (Alert issued in Jharkhand) कर दिया गया है. झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा नक्सल प्रभावित जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी गयी है.
सुरक्षा कड़ी, अलर्ट पर पुलिस : झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर के अनुसार, नक्सलियों का बंद सोमवार की आधी रात से प्रभावी होगा. बंद को लेकर रेलवे और झारखंड पुलिस सर्तक (Railway and Jharkhand Police alert for bandh) हो गयी है. झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों के एसपी को सर्तकता के लिए दिशा-निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय ने जिला के सभी एसपी को अलर्ट रहने और अति संवेदनशील क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है. इस निर्देश के बाद जिलों के एसपी ने सभी जवानों को चौकस रहने और अति संवेदनशील इलाकों में दिनभर गश्ती तेज करने का निर्देश दिया है.
नक्सली बंद के दौरान माओवादी पुलिस बलों पर हमले की साजिश को भी अंजाम दे सकते हैं, ऐसे में उन्हें अलर्ट रहने को कहा गया है. आईजी अभियान के अनुसार नक्सली बंद के दौरान उनका मुख्य फोकस नक्सलियों के वैसे इलाके हैं, जहां उनकी सक्रियता है. इनमें पारसनाथ, झुमरा, रांची के नक्सल प्रभावित क्षेत्र लातेहार, गढ़वा, पलामू कोल्हान, सरायकेला, गुमला जैसे जिलों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
रेल रूट पर विशेष ध्यान : साल 2022 में नक्सलियों द्वारा पूर्व में बुलाए गए बंद के दौरान रेलवे ट्रैक को निशाना बनाया गया था. जिसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर विशेष रणनीति बनाई है. रेलवे ट्रैक्स की निगरानी के लिए रेल पुलिस के साथ केंद्रीय बल भी सहयोग करेंगे. आईजी अभियान के अनुसार, झारखंड में कई स्थानों पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. बंद को देखते हुए इन अभियानों को और तेज कर दी गयी है, खासकर वैसे इलाके जहां नक्सलियों का मूवमेंट है उस इलाके में पुलिस की गतिविधि में तेजी दिख रही है.
नक्सलियों ने क्यों बुलाया है बंद : माओवादियों ने अपने पत्र में लिखा है कि उनके नेता कंचन दा के साथ पुलिस अमानवीय व्यवहार कर रही है. हिरासत में पूछताछ के नाम पर मानसिक यातना, शारीरिक दुर्बलता के बावजूद बेहतर इलाज के लिए समुचित व्यवस्था नहीं दी जा रही है. संगठन की मांग है कि उनकी उचित इलाज करवाया जाए और उन्हें राजनीतिक बंदी का दर्जा देकर बिना शर्त रिहा किया जाए. कंचन दा की गिरफ्तारी के विरोध में संगठन पांच अप्रैल को एक दिवसीय झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम बंद का ऐलान करता है. साथ ही आम जनों से भी अपील करता है कि वह बंद का समर्थन करे.
पढ़ें : असम : NIA ने माओवादियों से संबंध के आरोप में दंपत्ति को किया गिरफ्तार
कौन है कंचन दा : भाकपा माओवादियों के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं में शामिल कंचन दा को झारखंड पुलिस की निशानदेही पर असम से इसी महीने गिरफ्तार किया गया था. वह मुलत: पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिला के शिवपुर, शालीमार रोड का रहने वाला है. साल 2004 तक अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कबीर उर्फ कंचन उर्फ कचन दा को सैक सदस्य से सेंट्रल कमिटी सदस्य के तौर पर प्रोन्नति दी गयी थी. साल 2019 तक सारंडा इलाके में रह कर कंचन दा ने कैडरों को जोड़ा था, वह पार्टी के विचारधारा से लोगों को जोड़ने का काम करता था. बीते दो सालों से असम और नार्थ ईस्ट रीजन का प्रभारी बनाया गया था. पश्चिम बंगाल, असम के साथ साथ वह झारखंड और बिहार में भी काफी प्रभावी रहा था.