रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अमृतेश सिंह चौहान को भी नोटिस जारी किया है. शुक्रवार को हाई कोर्ट ने उत्तराखंड में सरकार गिराने की कोशिश और अमृतेश सिंह चौहान को ब्लैकमेल करने के आरोपी उमेश कुमार की याचिका पर सुनवाई के बाद यह नोटिस जारी किया. उमेश कुमार ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी. बताया जा रहा है इसी सुनवाई में पक्ष रखने के लिए उत्तराखंड के पूर्व सीएम को नोटिस भेजा गया है. शुक्रवार को उमेश कुमार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अदालत में बहस की. फिलहाल झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले में आरोपी उमेश के खिलाफ रांची की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
सरकार की ओर से बताया गया कि उत्तराखंड सरकार गिराने की कोशिश, ब्लैकमेल करने और धमकी देने के आरोप में रांची के अरगोड़ा थाने में मामला दर्ज है. इसमें उमेश शर्मा के खिलाफ रांची में कडरू निवासी अमृतेश सिंह चौहान ने जबरन सबूत मांगने और धमकी देने का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई थी. उमेश शर्मा के खिलाफ यह प्राथमिकी वर्ष 2018 में दर्ज कराई गई थी. इसके बाद झारखंड पुलिस ने आरोपी को देहरादून से गिरफ्तार किया था. उमेश के खिलाफ रांची की निचली अदालत में भी मामला चल रहा है.
इधर शुक्रवार को हाईकोर्ट में उमेश की ओर से पक्ष रखते हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि उमेश के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं. उसमें सच्चाई नहीं है. उसके खिलाफ एक भी साक्ष्य नहीं दिया गया है. ऐसे में उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. इसलिए दर्ज मामले और सभी कार्यवाही को रद्द कर देना चाहिए.
यह है पूरा मामलाः बता दें कि प्राथमिकी में अमृतेश कुमार चौहान ने कहा था कि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके अच्छे संबंध है. उमेश शर्मा ने खुद को एक निजी न्यूज चैनल का मालिक बताकर उन्हें फोन किया. व्हाट्सएप कॉल और मैसेज भेजकर अमृतेश को लोकतांत्रिक सरकार गिराने के लिए गुप्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा. आरोप था कि उमेश कुमार ने ऐसा नहीं करने पर ईडी के झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी. उसने दिल्ली या देहरादून जाकर मिलने का दबाव बनाया. इसी मामले की सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को नोटिस भेजा है.
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