पटना : जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने साफ कर दिया है कि लैंड फॉर जॉब केस में चार्जशीटेड तेजस्वी यादव को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है. इस्तीफे की मांग को लेकर गुरुवार को बीजेपी ने विधानसभा मार्च किया था. ललन सिंह ने डाक बंगला चौराहा पर हुए लाठीचार्ज पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी आनावश्यक इसे तूल दे रही है.
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चार्जशीट के पीछे राजनीति : ललन सिंह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ महागठबंधन फॉर्म हो गया तब उनको चार्जशीट की याद आई. इतने साल बाद ये चार्जशीट लेकर आए हैं. तब ये कहां थे. सीबीआई ने दो दो बार छापा मारकर सबूत नहीं होने का हवाला दिया था. ये चार्जशीट राजनीति से प्रेरित है. संवैधानिक संस्थाओं के नियंत्रण का प्रमाण है.
''तेजस्वी यादव के इस्तीफे का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. चार्जशीट तो प्रशासनिक और संवैधानिक संस्थाओं पर, जो बीजेपी का नियंत्रण है, उसका परिणाम है. दो बार सीबीआई ने छापा मारकर जांच में ये रेल मंत्रालय को कहा है कि इस संबंध में कोई साक्ष्य नहीं है. 9 अगस्त 2022 को जब महागठबंधन बन गया तब चार्जशीट दायर कर दी गई. महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिसको जेल में डालने की बात कर रहे थे वो आज मंत्रिमंडल में शामिल हो गया है.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
'लाठीचार्ज का कोई प्लान नहीं' : ललन सिंह ने स्पष्ट किया कि गुरुवार को हुई लाठीचार्ज की घटना का सरकार ने कोई प्लान नहीं किया था. बीजेपी इसपर अनावश्यक तूल दे रही है. वहीं जहानाबाद के नेता की लाठीचार्ज में कथित हत्या पर भी बीजेपी जोर देकर प्रचारित कर रही है, जो कि सही नहीं हैं. हमारी विजय सिंह के साथ संवेदना है. गोदी मीडिया बड़का झूट्ठा पार्टी के साथ मिलकर ये सब चला रही है.
लाठीचार्ज, मौत और इस्तीफे पर घमासान : ललन सिंह ने दावा किया विजय सिंह लाठीचार्ज वाली जगह पर थे ये गोदी मीडिया साबित करके दिखाए. उनके शरीर पर एक भी चोट के निशान नहीं थे. अगर कोई मिर्ची पाउडर फेकेगा, कानून तोड़ेगा तो कानून तो अपना काम करेगा. वहीं तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दो टूक कहा है कि चार्जशीट प्रशासनिक काम है. सीबीआई इस मसले पर दो बार जांच कर कहा था कि कोई सबूत नहीं है. इसलिए उन्हें इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है.