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Bihar Caste Census: रोक लगने पर बोला सत्तापक्ष- 'जातीय गणना सर्वदलीय सहमति से शुरू हुई, सबके हित में'

जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगा दी गयी है. यह अंतरिम आदेश है. अब तक जातीय गणना का जो डाटा एकत्रित किया गया है उसे सुरक्षित रखने का भी निर्देश दिया गया है. हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद बिहार में सियासत तेज हो गयी है. महागठबंधन के नेताओं ने हाईकोर्ट के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया दी है.

जातिगत जनगणना पर पटना हाई कोर्ट का फैसला
जातिगत जनगणना पर पटना हाई कोर्ट का फैसला
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Published : May 4, 2023, 4:01 PM IST

जातिगत जनगणना पर पटना हाई कोर्ट का फैसला

पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देते हुए फिलहाल रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने निर्देश दिया किया कि राज्य सरकार इस दौरान इकट्ठा किये गये आंकड़ों को शेयर व उपयोग नहीं करेगी.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Cast Census: बिहार में जातीय गणना पर रोक, हाईकोर्ट ने डाटा संरक्षित रखने को कहा

सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुलाः पटना हाईकोर्ट के जातीय गणना पर रोक के आदेश पर जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सर्वदलीय सहमति भी बनी और उसके आधार पर ही संवैधानिक प्रावधान के तहत जाति गणना का नीतिगत फैसला लिया गया था. ऐसी स्थिति में पटना उच्च न्यायालय द्वारा तत्काल अंतरिम आदेश पारित किया जाना इस निर्देश के साथ जो भी डेटा संग्रह हुआ है उसे रिजर्व रखा जाए तो यह निश्चित रूप से यह तात्कालिक आदेश है. राजद प्रवक्ता सारिका पासवान ने इस मुद्दे पर कहा कि अभी कोर्ट के आदेश को देखा नहीं गया है. लेकिन, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभी सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुला है.

  • #WATCH | Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav speaks after Patna HC puts a stay on Caste-based census, says, "Caste-based census is for welfare of the people, we want to eradicate poverty, backwardness. One thing is clear, it is bound to happen" pic.twitter.com/GZG7V5m7de

    — ANI (@ANI) May 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

"जातीय गणना को लेकर विधानमंडल में सर्वदलीय प्रस्ताव पास हुआ था. जो भी इसके राजनीतिक निहितार्थ निकाल रहे हैं वह जो सर्वदलीय फैसला है और विधानमंडल का सर्व सम्मत प्रस्ताव है. इसको गंभीरता से राजनीतिक चश्मे से जरूर देखना चाहिए"- नीरज कुमार, जदयू मुख्य प्रवक्ता

क्या कहा था मुख्यमंत्री नेः बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कहते रहे हैं कि जातीय गणना करने के पीछे आर्थिक सामाजिक स्थिति का पता लगाना भी है. कौन कितनी संख्या में है यह भी जानना है. उन्होंने कहा था कि इससे किसी का नुकसान होने वाला नहीं है. लेकिन अब कोर्ट का बड़ा फैसला आया है और अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी तब तक अब गणना का काम रुक गया है.

जातिगत जनगणना पर पटना हाई कोर्ट का फैसला

पटना: पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश देते हुए फिलहाल रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने निर्देश दिया किया कि राज्य सरकार इस दौरान इकट्ठा किये गये आंकड़ों को शेयर व उपयोग नहीं करेगी.

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सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुलाः पटना हाईकोर्ट के जातीय गणना पर रोक के आदेश पर जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सर्वदलीय सहमति भी बनी और उसके आधार पर ही संवैधानिक प्रावधान के तहत जाति गणना का नीतिगत फैसला लिया गया था. ऐसी स्थिति में पटना उच्च न्यायालय द्वारा तत्काल अंतरिम आदेश पारित किया जाना इस निर्देश के साथ जो भी डेटा संग्रह हुआ है उसे रिजर्व रखा जाए तो यह निश्चित रूप से यह तात्कालिक आदेश है. राजद प्रवक्ता सारिका पासवान ने इस मुद्दे पर कहा कि अभी कोर्ट के आदेश को देखा नहीं गया है. लेकिन, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभी सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुला है.

  • #WATCH | Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav speaks after Patna HC puts a stay on Caste-based census, says, "Caste-based census is for welfare of the people, we want to eradicate poverty, backwardness. One thing is clear, it is bound to happen" pic.twitter.com/GZG7V5m7de

    — ANI (@ANI) May 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

"जातीय गणना को लेकर विधानमंडल में सर्वदलीय प्रस्ताव पास हुआ था. जो भी इसके राजनीतिक निहितार्थ निकाल रहे हैं वह जो सर्वदलीय फैसला है और विधानमंडल का सर्व सम्मत प्रस्ताव है. इसको गंभीरता से राजनीतिक चश्मे से जरूर देखना चाहिए"- नीरज कुमार, जदयू मुख्य प्रवक्ता

क्या कहा था मुख्यमंत्री नेः बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कहते रहे हैं कि जातीय गणना करने के पीछे आर्थिक सामाजिक स्थिति का पता लगाना भी है. कौन कितनी संख्या में है यह भी जानना है. उन्होंने कहा था कि इससे किसी का नुकसान होने वाला नहीं है. लेकिन अब कोर्ट का बड़ा फैसला आया है और अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी तब तक अब गणना का काम रुक गया है.

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