नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने (External Affairs Minister S. Jaishankar) शुक्रवार को यहां अपने चीनी समकक्ष वांग यी (Chinese counterpart Wang Yi ) से मुलाकात की और रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने संकट के समाधान के लिए कूटनीति और बातचीत पर सहमति जताई है. जयशंकर ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'यूक्रेन पर, हमने अपने-अपने दृष्टिकोण और परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की, लेकिन सहमति व्यक्त की है कि कूटनीति और बातचीत प्राथमिकता होनी चाहिए.'
इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन में मानवीय संकट पर रूस द्वारा लाए गए प्रस्ताव से दूर रहकर रूस-यूक्रेन की स्थिति पर अपना तटस्थ रुख बनाए रखा था. चीन के विदेश मंत्री वांग यी दो दिनों के लिए दिल्ली में हैं. वह गुरुवार शाम दिल्ली पहुंचे थे. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक महीना हो गया है और रूस यूक्रेन के एक के बाद एक शहरों पर कब्जा करने के प्रयास कर रहा है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस द्वारा अपने देश पर आक्रमण के खिलाफ दुनिया भर का समर्थन मांगा है, जिसे गुरुवार को पूरा एक महीना हो गया है. युद्ध 24 फरवरी को शुरू हुआ था.
वहीं आक्रामक रुख अपनाए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार इसे पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र को 'डी-नाजिफाई' करने के लिए शुरू किया गया एक 'विशेष सैन्य अभियान' कहा है. प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए, पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा, 'यह विश्वास करना मूर्खता है कि रूसी व्यवसायों के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों का रूसी सरकार पर कोई प्रभाव पड़ सकता है. ये केवल रूसी समाज को मजबूत करेंगे.'
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इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उसुर्ला वॉन डेर लेयेन ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'हम यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की निंदा को लेकर एकजुट हैं. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने अपने प्रतिबंध शासन को मजबूत किया है. हम यूक्रेन के भीतर लोगों का समर्थन करने के लिए मानवीय राहत जुटाना जारी रखे हुए हैं.' बाइडेन ने यूक्रेन की सीमा से करीब 80 किलोमीटर दूर पोलैंड के रेजजो जाने की भी योजना बनाई है.
(आईएएनएस)