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जयशंकर ने दोहा में कतर के विदेश मंत्री से अफगानिस्तान के मुद्दे पर की चर्चा - शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कतर के अपने समकक्ष शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर बातचीत की. अमेरिका दौरे से लौटते हुए दोहा में अपने पड़ाव में उन्होंने यह वार्ता की.

Jaishankar
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Published : Aug 21, 2021, 3:47 AM IST

नई दिल्ली : कतर की राजधानी दोहा में अफगान शांति वार्ता आयोजित की जा रही है और शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में खाड़ी देश कतर की महत्वपूर्ण भूमिका है. जयशंकर ने ट्वीट किया कि दोहा में ठहराव के दौरान कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से चर्चा हुई.

अफगानिस्तान को लेकर उनके साथ उपयोगी चर्चा हुई. इस महीने की शुरुआत में, संघर्ष समाधान के लिए कतर के विशेष दूत मुतलाक बिन माजिद अल-कहतानी ने भारत का दौरा किया था. कतर के विदेश मंत्री, जिनके पास उप प्रधानमंत्री का पद भी हैं, ने कहा कि चर्चा में अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम शामिल हैं.

उन्होंने ट्विटर पर कहा कि मेरे सहयोगी डॉ जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री, का फिर से स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. हमारी चर्चा में हमारे दो मित्र देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को विकसित करने के तरीकों के साथ-साथ अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम भी शामिल थे.

अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान के कब्जे के दो दिन बाद मंगलवार को भारत ने एक अभियान के तहत काबुल से अपने सभी राजनयिकों और स्टॉफ के अन्य सदस्यों को निकालने का काम पूरा कर लिया था. इस बीच, अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि तालिबान काबुल में कई दूतावासों में जाकर तलाशी कर रहा है और भारतीय मिशन परिसर में भी गया था.

यह भी पढ़ें-यह इतिहास का सबसे खतरनाक निकासी मिशन, हमारा वादा- आपको घर पहुंचाएंगे : बाइडेन

जयशंकर केन्या और कुवैत की अपनी यात्रा के दौरान जून में दोहा में दो बार रुके थे. कतर ने तालिबान और अमेरिका के बीच वार्ता की भी मेजबानी की थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कतर की राजधानी दोहा में अफगान शांति वार्ता आयोजित की जा रही है और शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में खाड़ी देश कतर की महत्वपूर्ण भूमिका है. जयशंकर ने ट्वीट किया कि दोहा में ठहराव के दौरान कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से चर्चा हुई.

अफगानिस्तान को लेकर उनके साथ उपयोगी चर्चा हुई. इस महीने की शुरुआत में, संघर्ष समाधान के लिए कतर के विशेष दूत मुतलाक बिन माजिद अल-कहतानी ने भारत का दौरा किया था. कतर के विदेश मंत्री, जिनके पास उप प्रधानमंत्री का पद भी हैं, ने कहा कि चर्चा में अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम शामिल हैं.

उन्होंने ट्विटर पर कहा कि मेरे सहयोगी डॉ जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री, का फिर से स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. हमारी चर्चा में हमारे दो मित्र देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को विकसित करने के तरीकों के साथ-साथ अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम भी शामिल थे.

अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान के कब्जे के दो दिन बाद मंगलवार को भारत ने एक अभियान के तहत काबुल से अपने सभी राजनयिकों और स्टॉफ के अन्य सदस्यों को निकालने का काम पूरा कर लिया था. इस बीच, अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि तालिबान काबुल में कई दूतावासों में जाकर तलाशी कर रहा है और भारतीय मिशन परिसर में भी गया था.

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जयशंकर केन्या और कुवैत की अपनी यात्रा के दौरान जून में दोहा में दो बार रुके थे. कतर ने तालिबान और अमेरिका के बीच वार्ता की भी मेजबानी की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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