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एंटीलिया कांड : तिहाड़ से जुड़े तार, टेलीग्राम ग्रुप बना कर दी गई धमकी

मुंबई के एंटीलिया कांड के तार दिल्ली की तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं. एटीएस के सूत्रों ने बताया कि जैश-उल-हिंद के जिस टेलीग्राम ग्रुप से मुकेश अंबानी को धमकी दी गई थी, उसे तिहाड़ जेल में बनाया गया है.

एंटीलिया कांड
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Published : Mar 11, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Mar 12, 2021, 12:50 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र एटीएस मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो कार में मिले विस्फोटकों की जांच कर रही है. इस मामले के तार दिल्ली की तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं. इस मामले की जांच के दौरान कुछ बातें सामने आई हैं. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

एक साइबर एजेंसी की जांच में पता चला है कि जैश-उल-हिंद का टेलीग्राम ग्रुप तिहाड़ जेल में बनाया है, जिससे मुकेश अंबानी को धमकी दी गई थी.

इस ग्रुप को बनाने के लिए जिस मोबाइल का इस्तेमाल किया गया था, उसके सिम कार्ड की लोकेशन तिहाड़ जेल में दिख रही है. यह भी पता चला है कि जैश-उल-हिंद नामक टेलीग्राम ग्रुप का गठन 26 फरवरी को किया गया था.

ग्रुप बनाने के लिए डार्क नेट का उपयोग
जांच से जुड़े सूत्रों ने यह भी कहा कि इस ग्रुप को बनाने के लिए डार्क नेट जैसे टीओआर का उपयोग किया गया था. उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो कार मिलने के बाद इसी ग्रुप से इसकी जिम्मेदारी ली गई थी और धमकी दी गई थी.

पढ़ें- अब एनआईए ने शुरु की एंटीलिया मामले की जांच : सूत्र

हालांकि, कुछ घंटों के भीतर, जैश-उल-हिंद ने स्पष्ट किया था कि उसने कोई ऐसा पोस्ट नहीं किया है और उनका मुकेश अंबानी के मामले से कोई लेना-देना नहीं है. जैश-उल-हिंद ने कहा था कि हमारा किसी भी भारतीय उद्योगपति के साथ कोई विवाद नहीं है और न ही हम किसी से कोई पैसे लेते हैं.

मुंबई : महाराष्ट्र एटीएस मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो कार में मिले विस्फोटकों की जांच कर रही है. इस मामले के तार दिल्ली की तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं. इस मामले की जांच के दौरान कुछ बातें सामने आई हैं. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

एक साइबर एजेंसी की जांच में पता चला है कि जैश-उल-हिंद का टेलीग्राम ग्रुप तिहाड़ जेल में बनाया है, जिससे मुकेश अंबानी को धमकी दी गई थी.

इस ग्रुप को बनाने के लिए जिस मोबाइल का इस्तेमाल किया गया था, उसके सिम कार्ड की लोकेशन तिहाड़ जेल में दिख रही है. यह भी पता चला है कि जैश-उल-हिंद नामक टेलीग्राम ग्रुप का गठन 26 फरवरी को किया गया था.

ग्रुप बनाने के लिए डार्क नेट का उपयोग
जांच से जुड़े सूत्रों ने यह भी कहा कि इस ग्रुप को बनाने के लिए डार्क नेट जैसे टीओआर का उपयोग किया गया था. उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो कार मिलने के बाद इसी ग्रुप से इसकी जिम्मेदारी ली गई थी और धमकी दी गई थी.

पढ़ें- अब एनआईए ने शुरु की एंटीलिया मामले की जांच : सूत्र

हालांकि, कुछ घंटों के भीतर, जैश-उल-हिंद ने स्पष्ट किया था कि उसने कोई ऐसा पोस्ट नहीं किया है और उनका मुकेश अंबानी के मामले से कोई लेना-देना नहीं है. जैश-उल-हिंद ने कहा था कि हमारा किसी भी भारतीय उद्योगपति के साथ कोई विवाद नहीं है और न ही हम किसी से कोई पैसे लेते हैं.

Last Updated : Mar 12, 2021, 12:50 PM IST
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