जयपुर. साहित्य के महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF 2023) की शुरआत गुरुवार को कर्नाटक की गायिका सुषमा सोम के दिल छू लेने वाले मधुर संगीत के साथ हुई. जेएलएफ का उद्घाटन सत्र नोबेल प्राइज विजेता अब्दुल रजाक के साथ शुरू हुआ. पहले दिन राइट टू सेक्स, भीमराव अंबेडकर लाइफ एंड टाइम्स, खाकी फाइल्स जैसे प्रमुख मुद्दों पर आमिया श्रीनिवासन, शशि थरूर, शोभा डे, अजय पाल लांबा जैसे वक्ता अपनी बात रखेंगे. इसके साथ ही नेगोशिएशन द न्यू नॉरमल, वेल प्लेड फ्रॉम हियर टू अटरनिटी, फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स द इंडिया यूएसए स्टोरी, जयपुरनामा, माय हंगर फॉर लाइफ जैसी किताबों का विमोचन भी किया जाएगा.
राजस्थान पर्यटन की वाहवाही - सुबह 9:50 बजे फ्रंट लॉन में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन सत्र हुआ. इस दौरान पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने प्रदेश के बढ़ते पर्यटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया. साथ ही प्रदेश में बनाई गई नई टूरिज्म पॉलिसी और 1000 करोड़ के पर्यटन बजट के बारे में भी जानकारी दी.
युवाओं की कमी महसूस की - जेएलएफ के प्रोड्यूसर संजोय रॉय ने कहा कि 16 साल पहले डिग्गी पैलेस के दरबार हॉल से इसकी शुरुआत की गई थी. ये एक यादगार सफर रहा है. दुनिया भर के राइटर्स साहित्यकार एक मंच पर आए. लास्ट ईयर युवाओं की कमी महसूस की थी. इस बार वाराणसी सहित देश के कई हिस्सों से भी स्टूडेंट्स यहां आए हैं. दो साल पहले हमने फेस्ट को यहां शिफ्ट किया है. जेएलएफ की को-डायरेक्टर नमिता गोखले ने कहा कि ये उत्सव सभी के लिए इसलिए जरूरी माना जाता है क्योंकि इस मंच पर कई सुने-अनसुने लोगों को मंच मिलता है.
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पुराण ज्ञान का विश्वकोश - उद्घाटन सत्र के बाद बैठक सभागार में हुए ब्रह्मपुराण सत्र में पुष्पेश पंत ने बिबेक देबरॉय से चर्चा की. इस सत्र में देवरॉय ने कहा कि हमारे पुराण ज्ञान का विश्वकोश है. 18 महापुराणों में विश्व का समूचा ज्ञान भरा पड़ा है. पुराणों में 4000 श्लोक हैं, जिनमें जीवन-मृत्यु, खान-पान, रहन-सहन और सत्य की व्याख्या की गई है. उन्होंने महाभारत, वाल्मीकि रामायण, भागवत, महापुराण का अंग्रेजी में अनुवाद किए जाने का भी जिक्र किया. आपको बता दें कि साहित्य के महाकुम्भ में 5 दिन अनेक भाषाओं के रंग देखने को मिलेंगे और दुनिया की श्रेष्ठ प्रतिभाएं शिरकत करेंगी. फेस्टिवल में विश्वभर के लगभग 400 वक्ता भाग लेंगे. जलवायु परिवर्तन, जिओपॉलिटिक्स, रूस यूक्रेन विवाद, भारत चीन संबंध, कृषि और ऊर्जा जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.
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