जबलपुर। एमपी के जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में एक कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मौली थॉमस ने 3 साल पहले कृषि विश्वविद्यालय में 10 सेब के पेड़ लगाए थे और इस साल इन पेड़ों में फल निकल आए हैं. खास बात ये है कि सेब के फलों का उत्पादन मई के मौसम में हुआ है. दरअसल हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हरीमन शर्मा ने सेब फल की एक ऐसी वैरायटी विकसित की है, जिसे गर्म वातावरण में भी आसानी से उगाया जा सकता है. हरीमन शर्मा ने इस वैरायटी का जमकर प्रचार प्रसार किया और भारत के कई इलाकों में इसके पौधे लगाए गए. राजस्थान की कुछ बेहद गर्म इलाकों में भी इसकी सफल खेती की जा रही है. ऐसे ही अब एमपी के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मौली थॉमस ने भी हरीमन शर्मा के प्रयोग पर हरीमन 99 समर एप्पल की खेती की है.
पौष्टिक और मीठा होता है हरीमन 99: जबलपुर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मौली थॉमस ने 3 साल पहले हरीमन 99 सेब फल की वैरायटी को यूनिवर्सिटी कैंपस में लगाया था, पिछले साल भी इसमें फूल आए थे लेकिन फल बनने की स्थिति नहीं बन पाई थी. इस साल पौधे पूरी तरह से परिपक्व हो गए हैं और इनमें भरपूर फल आए हैं. हरीमन 99 के बारे में बताया जाता है कि यह सेब फल कश्मीर से आने वाले सेब से ज्यादा पौष्टिक और मीठा होता है.
बेमौसम सेब फल की फसल: सामान्य तौर पर सेब फल की फसल ठंडे इलाकों में होती है, क्योंकि सेब को पकने के लिए ठंड की जरूरत होती है, यही कारण है कि ठंड के मौसम में इसके दाम कम हो जाते हैं. इसके बाद गर्मी आते-आते सेब फल की उपलब्धता कम हो जाती है, इसलिए सेब के दाम भी बढ़ने लगते हैं. फिलहाल अब हरीमन शर्मा के प्रयोग के बदौलत जबलपुर के गर्मी के वातावरण में सेब फल आए हैं, फलों की साइज भी अच्छी बनी है और कुछ दिनों में यह फल पक भी जाएंगे. मालूम हो कि गर्मी के मौसम में रसीले सेब बाजार में आते हैं तो यह उत्पादक और ग्राहक दोनों के लिए फायदे का सौदा होता है.
फायदे का सौदा साबित होगी हरीमन की खेती: कृषि विश्वविद्यालय में इन पौधों को पर्याप्त देखरेख में उगाया गया है और यह सामान्य खेत में लगे हुए हैं, फिर भी कृषि विश्वविद्यालय में इनकी देखरेख शोध के लिए कुछ विशेष तरीके से की गई है. अब कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि "कुछ किसानों को भी इसका प्रयोग करना चाहिए. छोटे स्तर पर पहले कुछ पेड़ सेब लगाना चाहिए, अगर इनमें सामान्य तरीके से फल आ जाते हैं, तो इसका विस्तार करना चाहिए. हरीमन सेब फल की फसल किसानों को फायदे का सौदा साबित हो सकती है."
हरीमन सेब की अच्छी फसल खोलेगी नए रास्ते: महाकौशल इलाके में अभी तक कोई भी बागवानी और फल वाली फसल सफल नहीं हो पाई है, इसकी वजह से इस पूरे इलाके में किसानों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. कैश क्रॉप के नाम पर गन्ने के अलावा इस पूरे इलाके में दूसरी कोई खेती नहीं होती, ऐसे में यदि इस वातावरण में हरीमन सेब सफल हो जाता है तो किसानों के पास खेती के अलावा बागवानी का भी एक विकल्प खुल जाएगा.