रायगंज (पश्चिम बंगाल): आयकर विभाग और ईडी की टीम ने पश्चिम बंगाल के रायगंज के विधायक कृष्णा कल्याणी (Raiganj MLA Krishna Kalyani) के यहां छापा मारा. बुधवार को आईटी के अधिकारियों ने विधायक कृष्णा के आवास, शोरूम और कार्यालय के साथ-साथ उनसे जुड़े अन्य कई प्रतिष्ठानों में एक साथ छापा मारा. जांच टीम के अधिकारियों ने सुबह-सुबह कल्याणी के घर में छापेमारी की. कई घंटे तक छापेमारी के दौरान टीम ने विधायक के घर में प्रवेश करते ही परिसर में मौजूद सभी लोगों के फोन जब्त कर लिए. वहीं टीएमसी के वार्ड नंबर 18 समन्वयक और कृष्णा कल्याणी के भाई प्रदीप कल्याणी ने केंद्रीय एजेंसी पर बिना किसी वजह के विधायक के घर पर छापा मारने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कार्रवाई राजनीति से प्रेरित थी और कई लोग छापे के कारणों को लेकर भ्रमित थे.
सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने कोलकाता के दो टेलीविजन चैनलों के साथ लेनदेन में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर कृष्णा कल्याणी की खाद्य और खाद्य तेल कंपनी को पहले नोटिस जारी किया था. हालांकि ईडी ने छापेमारी के संभावित कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि एजेंसी कंपनी द्वारा संभावित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. बता दें कि कृष्णा कल्याणी पहले भाजपा से जुड़े हुए थे लेकिन बाद में टीएमसी में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्हें लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप नियुक्त किया गया. गौरतलब है कि 2021 के विधानसभा चुनाव में वह विधानसभा से इस्तीफा दिए बिना तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले भाजपा के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे.
बताया जा रहा है कि कृष्णा कल्याणी की संपत्तियों पर की छापेमारी टीएमसी मंत्री पार्थ चटर्जी की करीब सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों रुपये की जब्ती के मद्देनजर की गई है. विशेष रूप से 2016 में शिक्षा मंत्री रहते हुए सरकारी स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारियों की भर्ता को लेकर सुविधा के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. हालांकि मामला सामने आने के बाद टीएमसी ने खुद को चटर्जी से दूर कर लिया है और उन्हें पार्टी के सभी पदों के अलावा मंत्री पद से भी बर्खास्त किया जा चुका है.
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