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कोविड में प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग के खिलाफ सख्त निर्देश जारी करे केंद्र : समिति

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Published : Dec 13, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 11:45 AM IST

संसदीय समिति ने हाल ही में राज्यसभा में प्रस्तुत अपनी 130वीं रिपोर्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर ध्यान दिया है.

plasma therapy
प्लाज्मा थेरेपी

नई दिल्ली : कोविड मरीजों के इलाज में अभी भी प्लाज्मा थेरेपी (plasma therapy) के उपयोग को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की एक संसदीय समिति ने केंद्र सरकार से ऐसी दवाओं के उपयोग के खिलाफ सख्त दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहा है. बता दें कि परिणाम बताते हैं कि प्लाज्मा थेरेपी कोविड के इलाज में उपयोगी नहीं है.

समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि ICMR (Indian Council of Medical Research) को अपने क्लीनिकल रिसर्च और अध्ययन के दायरे का विस्तार करना चाहिए और अपने डेटाबेस को अपडेट करना जारी रखना चाहिए, जो कोविड-19 के साथ-साथ भविष्य के ऐसे प्रकोपों ​​को रोकने और कम करने में फायदेमंद साबित हो सकता है.

संसदीय समिति ने हाल ही में राज्यसभा में प्रस्तुत अपनी 130वीं रिपोर्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर ध्यान दिया है.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'समिति समझती है कि एक पूर्ण उपचार योजना तैयार करने के लिए नैदानिक ​​परीक्षणों के विभिन्न चरणों की पुष्टि करनी होगी और सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. इसलिए समिति, आईसीएमआर को सिफारिश करती है कि वह नैदानिक ​​अनुसंधान और अध्ययनों के दायरे का विस्तार करें और इसके डेटाबेस को अपडेट करते रहें, जो कि कोविड-19 के साथ-साथ भविष्य में इस तरह के प्रकोपों ​​​​को रोकने और कम करने में फायदेमंद साबित हो सकता है.'

राज्यसभा सदस्य प्रोफेसर राम गोपाल यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने आईसीएमआर को विभिन्न दवाओं और उपकरणों की सुरक्षा और प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और दवा कंपनियों के साथ सहयोग करने की भी सिफारिश की है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा है कि ICMR ने कोविड-19 संक्रमित मरीजों (PLACID trial) में प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग के लाभ पर दुनिया का सबसे बड़ा क्लीनिकल परीक्षण किया. जिसमें प्लाज्मा थेरेपी के कोई महत्वपूर्ण लाभ नहीं दिखे हैं. इसके बाद ICMR ने कोविड-19 संक्रमित मरीजों में Convalescent plasma के उपयोग के संबंध में एक सलाह जारी की है.

यह भी पढ़ें- क्या है प्लाज्मा थेरेपी, क्या बचाई जा सकती है कोविड मरीजों की जान? यहां जानें

मंत्रालय ने आगे कहा कि ICMR ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए हाइपर-इम्यून हॉर्स सीरम (hyper-immune horse serum) की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए बायोलॉजिकल इवांस (Biological Evans) के साथ सहयोग किया है.

विभिन्न अध्ययनों, विशेष रूप से ब्राजील में शोधकर्ताओं ने पाया है कि घोड़ों में उत्पादित एंटीबॉडी के खंड (antibody fragments) कोविड से निपटने के लिए एक कुशल दृष्टिकोण हो सकते हैं.

नई दिल्ली : कोविड मरीजों के इलाज में अभी भी प्लाज्मा थेरेपी (plasma therapy) के उपयोग को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की एक संसदीय समिति ने केंद्र सरकार से ऐसी दवाओं के उपयोग के खिलाफ सख्त दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहा है. बता दें कि परिणाम बताते हैं कि प्लाज्मा थेरेपी कोविड के इलाज में उपयोगी नहीं है.

समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि ICMR (Indian Council of Medical Research) को अपने क्लीनिकल रिसर्च और अध्ययन के दायरे का विस्तार करना चाहिए और अपने डेटाबेस को अपडेट करना जारी रखना चाहिए, जो कोविड-19 के साथ-साथ भविष्य के ऐसे प्रकोपों ​​को रोकने और कम करने में फायदेमंद साबित हो सकता है.

संसदीय समिति ने हाल ही में राज्यसभा में प्रस्तुत अपनी 130वीं रिपोर्ट में कोविड-19 के इलाज के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर ध्यान दिया है.

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'समिति समझती है कि एक पूर्ण उपचार योजना तैयार करने के लिए नैदानिक ​​परीक्षणों के विभिन्न चरणों की पुष्टि करनी होगी और सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. इसलिए समिति, आईसीएमआर को सिफारिश करती है कि वह नैदानिक ​​अनुसंधान और अध्ययनों के दायरे का विस्तार करें और इसके डेटाबेस को अपडेट करते रहें, जो कि कोविड-19 के साथ-साथ भविष्य में इस तरह के प्रकोपों ​​​​को रोकने और कम करने में फायदेमंद साबित हो सकता है.'

राज्यसभा सदस्य प्रोफेसर राम गोपाल यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने आईसीएमआर को विभिन्न दवाओं और उपकरणों की सुरक्षा और प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और दवा कंपनियों के साथ सहयोग करने की भी सिफारिश की है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कहा है कि ICMR ने कोविड-19 संक्रमित मरीजों (PLACID trial) में प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग के लाभ पर दुनिया का सबसे बड़ा क्लीनिकल परीक्षण किया. जिसमें प्लाज्मा थेरेपी के कोई महत्वपूर्ण लाभ नहीं दिखे हैं. इसके बाद ICMR ने कोविड-19 संक्रमित मरीजों में Convalescent plasma के उपयोग के संबंध में एक सलाह जारी की है.

यह भी पढ़ें- क्या है प्लाज्मा थेरेपी, क्या बचाई जा सकती है कोविड मरीजों की जान? यहां जानें

मंत्रालय ने आगे कहा कि ICMR ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए हाइपर-इम्यून हॉर्स सीरम (hyper-immune horse serum) की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए बायोलॉजिकल इवांस (Biological Evans) के साथ सहयोग किया है.

विभिन्न अध्ययनों, विशेष रूप से ब्राजील में शोधकर्ताओं ने पाया है कि घोड़ों में उत्पादित एंटीबॉडी के खंड (antibody fragments) कोविड से निपटने के लिए एक कुशल दृष्टिकोण हो सकते हैं.

Last Updated : Dec 14, 2021, 11:45 AM IST
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